शिमला। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल ने जयराम सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि स्वास्थ्य निदेशक पांच लाख के लेन देन के वायरल ऑडियो के सामने आने के बाद यह पूरी तरह से हो साफ हो गया है कि जयराम सरकार व उसका तंत्र ऊपर से नीचे तक पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है।
पाटिल ने कहा है कि संवदेनहीनता की सारी हदें लांघते हुए सरकार के संरक्षण में महामारी के दौरान भी भ्रष्टाचार का खुला खेल चल रहा है। वायरल ऑडियो क्लिप में घूस की पेशकश करने वाला कोई और नहीं सत्तासीन पार्टी का नेता बताया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस भ्रष्टाचार को लेकर पहले दिन से ही सरकार को आगाह करती आ रही है लेकिन अब साफ हो गया है कि सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की बजाय सत्ता संरक्षित भ्रष्टाचार को तरजीह दे रही है।
कोविड-19 के बीच स्वास्थ्य निदेशालय से करोड़ों की सप्लाई आर्डर लेने वाले आरोपी के तार सीधे तौर पर सत्तासीन पार्टी से जुड़े हैं। ऑडियो क्लिप के वायरल होते ही यह साफ है कि ऑडियो में बेखौफ भ्रष्टाचार की सौदबाजी करने वाला भाजपा नेता स्वास्थ्य तंत्र के साथ खरीद मामलों में दलाली करता था और अब निदेशक को हिरासत में लिए जाने के बाद सत्तासीन पार्टी का दामन दागदार हुआ है।
उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक दवा खरीद घोटाला हो या विश्वविद्यालय घोटाला हो सरकार पहले दिन से ही भ्रष्टाचार के घोटालों में घिरी हुई है। इससे पहले केंद्र के बड़े नेता के रिश्तेदार पर पीपीई किट का भ्रष्टाचार सुर्खिया बटोर चुका है व अब उसी तर्ज पर हिमाचल की डबल इंजन वाली सरकार भी सिलसिलेवार इस सत्ता संरक्षित भ्रष्टाचार में लगी हुई है।
उन्होंने इल्जाम लगाया कि कोविड संकट के दौरान हिमाचल के हर जिला में जरूरी दवाओं व उपकरणों की खरीद के नाम पर मनमर्जी की खरीदों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। फर्जी थर्मामीटर तक खरीदे गए हैं । पाटिल ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस नहीं भाजपा नेता ही अपनी ही सरकार को भ्रष्टाचार के मामले में कटघरे में खड़ा किए हुए है। लेकिन हैरानी यह है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अभी तक भी इस मामले पर रहस्यमयी चुप्पी साधे हुए हैं, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।
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