शिमला। सोशल मीडिया पर दोपहिया वाहन की खातिर अपनी ही पत्नी की नग्न व अश्ली ल तस्वीिरें व वीडियो अपलोड करने वाले अभिषेक मंगला नामक एक शख्सन की अंतरिम जमानत को प्रदेश हाईकोर्ट ने रदद कर दिया है। प्रदेश हाईकोर्ट ने इस अपराध को जघन्यन करार देत हुए कहा कि ऐसे पति को अंतरिम जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता जो अपनी ही पत्नी की इज्जकत को खुद ही सार्वजनिक तौर पर उछालता हो।
प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर ने अभिषेक मंगला, व उसके माता -पिता और बहन की जमानत याचिका की सुनवाई के बाद ये फैसला सुनाया । अदालत ने अभिषेक के माता-पिता व उसकी बहन की जमानत याचिकाओं को शर्तों के साथ मंजूर कर लिया व उन्हें जमानत दे दी।
यह हैरान करने वाला मामला हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर की अदालत में लगा था। अदालत ने कहा कि जिस तरह के तथ्याोों व परिस्थितियां सामने है और जितने गंभीर इल्जााम है और इनका महिला के तन ,मन और आत्मा पर जिस तरह का प्रभाव पड़ता है वह अकल्पनीय है।इसलिए इसे 9 अक्तूबर को दी अंतरिम जमानत की सुरक्षा को खारिज किया जाता है।
अदालत ने कहा कि अपनी पत्नी की नग्न तस्वीरें इंटरनेट पर अपलोड कर उन्हें सार्वजनिक करना पति-पत्नी के बीच के अटूट भरोसे को तोड़ना है।यह यह एक पति की ओर से जिसकी जिम्मेदारी अपनी पत्नी की रक्षा करना है,पत्नी को जनता के बीच बेआबरू करना है। यह गंभीर ही नहीं जघन्य अपराध भी है।
पति –पत्नी् के बीच का रिश्ता विशेषाधिकार का रिश्ता है। यह एक –दूसरे के प्रति पूर्ण समर्पण का रिश्ता है। आपसी भरोसे,विश्वारस व आस्था का यह आपसी रिश्ता कई बार माता –पिता व बच्चों से भी ज्यादा सुरक्षा की भावना देता है।
अदालत ने कहा कि निचली अदालत हाईकोर्ट की वेबसाइट से निकाले गए फैसले की प्रति को ही मान्य मानेगी व प्रमाणित प्रति की मांग नहीं करेगी और अभिषेक मंगला की जमानत खारिज करने की प्रक्रिया पूरी करेगी।
शिकायतकर्ता ने मंडी पुलिस थाने में अपने पति के खिलाफ पांच अक्तूगर को भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए,504,34 और आइटी अधिनियम की धारा 66इ व 67 के तहत एफआइआर दर्ज कराई थी।
शिकायत कर्ता के मुताबिक शादी के एक महीने के बाद ही उसके पति ने उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था। इसके अलावा शिकायतकर्ता के पति के शिलाफ कोई आपराधिक मामला भी दर्ज था व इस मामले में शिकायतकर्ता के पिता ने चंडीगढ़ में वकील करने में उनकी मदद की। लेकिन जमानत मिलने के बाद अभिषेक के पिता ने शिकायत कर्ता के पिता पर इल्जाम लगाया कि वकील के पैसे वह भी अदा करे।शिकायत यह भी थी शिकायतकर्ता महिला का पति उसकी कॉल भी रिकार्ड करता था। यह सब कुछ हो जाने के बाद शिकायतकर्ता अपने मायके मंडी आ गई। करीब डेढ़ महीने के अंतराल के बाद शिकायत कर्ता का पति मंडी आया व अपने किए के लिए माफी मांगी व भरोसा दिलाया कि अब वह ऐसा नहीं करेगा।
पति पर भरोसा कर वह ससुराल चली गई। लेकिन घर पहुंचने पर उसने उसे व उसके पिता को सबक सिखाने की धमकी दे दी ।
इस बीच एक रात को उसके पति ने शिकायतकर्ता की नग्नु तस्वीउरें खींच ली। हालांकि उसने इसका विरोध भी किया। ।लेकिन कुछ दिनों बाद अभिषेक ने इन तस्वीरों को कुछ समय के लिए इंटरनेट पर अपलोडकर दिया व उसके बाद हटा भी दिया।
शिकायतकर्ता के मुताबिक सितंबर में उसके पति ने शिकायतकर्ता को आदेश दिए कि वह अपने पिता को उसे स्कूुटी खरीद के दे। अगर वह ऐसा नहीं करती है तो वह सभी तस्वीवरों को उसके नाम, पते और मोबाइल नंबर के साथ इंटरनेट पर डाल देगा। जब शिकायत कर्ता ने इन तस्वीकरों को मोबाइल से मिटाने की गुहार लगाई तो पति ने उसे तमाचा मार दिया। उस समय डर की वजह से शिकायतकर्ता ने इस बावत किसी से कुछ नहीं कहा ।
लेकिन बाद में जब उसने इस मांग की बावत अपनी सास व ससुर से बात की तो उन्होंने अपने बेटे की मांग को जायज ठहराया। उसकी ननद ने टिप्पणी की कि शिकायतकर्ता के पिता से स्कू टी लेना आसान नहीं है।
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यही नहीं शिकायतकर्ता के पति ने शिकायत कर्ता की जाली फेसबुक खाता खोल कर उस पर तमाम नगन् तस्वीरों को अपलोडकर दिया व इन तस्वीरोंके स्क्रीन शाट को शिकायतकर्ता को भेज दिए। उसने तस्वीरों के साथ वीडियों भी अपलोड किए।
अदालत ने पाया कि जांच के दौरान अभिषेक के मोबाइल से 16 ऐसे स्क्रीन शाट निकले ।
न्यातयमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर ने पुलिस की ओर से स्टे टस रिपोर्ट में आए तथ्योंर के आधार पर अभिषेक की अंतरिम जमानत खारिज कर दी लेकिन बाकियों को शर्तों के साथ जमानत दे दी।
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