हमीरपुर। जिला मुख्यालय हमीरपुर में शिक्षा विभाग की जमीन पर तिरपाल की आड़ में हो रहे निर्माण कार्य एवं अवैध कब्जे का मामला गरमा गया है । शुक्रवार को राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने शिक्षा विभाग की जमीन पर हुए कब्जे को लेकर पैमाईश की और लोगों के बयान दर्ज किए । इससे पहले तरपाल की आड़ में शिक्षा विभाग की जमीन पर हुए कब्जे व नगर परिषद द्वारा बनाई दुकानों को नापा गया । माना जा रहा है कि पूर्व में राजनीतिक सरंक्षण के चलते प्रशासन कोई कारवाई करने से पीछे हटता रहा । अब प्रदेश में सत्ता परिवर्तन व भाजपा के समीकरण बदलने के बाद फिर से मामला गरमा गया ।
उपायुक्त हमीरपुर के पास पहुंची शिकायत के बाद एसडीएम ने मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं शिकायत मिलते ही एसडीएम हमीरपुर अरिंदम चौधरी, तहसीलदार मित्रेदव और नगर परिषद हमीरपुर के ईओ विनोद कुमार तीन सदस्यीय टीम ने अवैध निर्माण कार्य का निरीक्षण किय था। तीन सदस्यीय टीम ने मौके पर निरीक्षण कर पाया कि संबंधित जमीन शिक्षा विभाग के नाम है। लेकिन नगर परिषद हमीरपुर की भूमिका एक बार फिर जांच के दायरे में आ गई है।
प्रशासन ने नगर परिषद और शिक्षा विभाग से भी रिकॉर्ड तलब किया है, ताकि पता चल सके कि नगर परिषद ने भी भवन का निर्माण करने से पहले क्या शिक्षा विभाग से अनुमति ली थी या नहीं। जिला प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि रिपोर्ट प्राप्त होने के तुरंत बाद अवैध निर्माण कार्य को गिराया जाएगा। इसके साथ ही आगामी कानूनी कार्रवाई भी होगी। उधर, एसडीएम हमीरपुर अरिंदम चौधरी ने कहा कि शिक्षा विभाग से शिकायत प्राप्त हुई है। जिसके बाद निरीक्षण किया गया। प्रारंभिक जांच में जमीन शिक्षा विभाग के नाम निकली है। विस्तृत रिपोर्ट मिलने के बाद शीघ्र अवैध निर्माण को हटाया जाएगा।
तहसीलदार मित्रदेव ने पुष्टि की है कि शुक्रवार को जमीन की पैमाईश कर बयान दर्ज किए गये हैं । नगर परिषद व दुकानदारों के बीच हुए एग्रीमेंट व लीज डीड के ड़ाकूमेंट भी जाँच के लिए एकत्रित किए गये।
वहीं , शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा है कि प्रदेश भर से स्कूली जमीनो पर अवैध कब्जों की शिकायतें मिली है । एक कमेटी का गठन कर ऐसे गम्भीर मामलों को निपटाने का सरकार सख़्ती से प्रयास करेगी ।
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