शिमला।राजधानी शिमला में एक तरफ जब मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह सचिवालय में बरसात से हुए नुकसान पर बैठक ले रहे तो दूसरी ओर से जुब्बल के हाटकोटी के समीप सरस्वती नगर में एक पांच मंजिला भवन जमींंदोज हो गया। हादसे में आधा दर्जन से ज्यादा लोग मलबे में दब गए । जिनमें से एक लाश को मलबे के नीचे से निकाल लिया गया है जबकि कई घायलों को मलबे से निकालकर इलाज के लिए रोहड़ू अस्पताल रेफर किया गया है।जानकारी के मुताबिक चार लोगों को मलबे के नीचे से जिंदा निकाल लिया गया।मृतक की पहचान जुब्बल तहसील के पराट गांव के नीसू के रूप में हुई है।
पुलिस प्रशासन व स्थानीय लोगों ने मलबे में दबे लोगों को बचाने के लिए राहत व बचाव कार्य शुरू किया। मकान के गिरने के साथ वहां खड़ी तीन चार वाहन भी नीचे चले गए।
प्रशासन की ओर से एसडीएम वाइपीएस वर्मा ,डीएसपी कमल किशोर समेत सरकारी अमला मौके पर पहुंचा और राहत कार्य का जायजा लिया।
पुलिस के मुताबिक ये पांच मंजिला मकान योगेंद्र सिंह नामक व्यक्ति का है।
उधर, सचिवालय में बरसात से हुए नुकसान पर बुलाई बैठक में अफसरों ने दावा किया बरसात से प्रदेश में 567.32 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।इसमें से सबसे अधिक लगभग 396 करोड़ रुपये का नुकसान सड़कों एवं पुलों के क्षतिग्रस्त होने पर हुआ है और इसके बाद 99 करोड़ रुपये का नुकसान सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य तथा 70 करोड़ रुपये का नुकसान विद्युत विभाग को हुआ है। जबकि 3.17 करोड़ रुपये की क्षति सार्वजनिक एवं सरकारी सम्पत्तियों की हुई है। इसी प्रकारए कृषि तथा बागवानी विभाग को क्रमशः लगभग 4.29 करोड़ व 15.86 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है।
बैठक में अफसरों ने बताया सामान्य जन जीवन बहाल करने की दिशा में नुकसान से प्रभावित लोगों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए समस्त जिलों तथा संबद्ध विभागों को 106.40 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई है।
अफसरों ने ये भी खुलासा कियाा गया कि प्रदेश में पिछले साल के 11 फीसद के मुकाबले इस साल 14 फीसद कम बारिश्ाा हुई है।
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