शिमला। प्रदेश में सोशल मीडिया में एक और पत्रबम फूट गया है और इस बावत राजधानी के सदर थाने में एफआइआर दर्ज कर दी गई है। सोशल मीडिया में इस तरह का कोई पत्रबम तैर रहा है इसका खुलासा खुद प्रदेश के पर्यावरण विभाग में तैनात अतिरिक्त निदेशक प्रवीण गुप्ता ने सदर थाने में दी शिकायत में किया है।
सदर थाना पुलिस ने प्रवीण गुप्ता की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 505(2) 500 और 504 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और मामले की छानबीन सदर थाने के एसएचओ संदीप चौधरी को सौंपी गई है।
गुप्ता ने अपनी शिकायत में कहा है कि बददी- बरोटीवाला-नालागढ फार्मा एंड ड्रग एसोसिएशन की ओर से एक जाली और मनघडंत चिटठी इन दिनों वायरल हो रही है। उन्होंने दावा किया है कि यह चिटठी इस एसोसिएशन की ओर से नहीं लिखी गई है। इस बावत उन्होंने इंकार किया है। गुप्ता ने इल्जाम लगाया है कि चिटठी में उनके और उनके परिवार के सदस्यों को लेकर घटिया, झूठे,आधारहीन इल्जाम लगाए गए है। उन्हें लगता है कि यह चिटठी उनकी व उनके परिवार के छवि को खराब करने के लिए किसी ने खास मकसद लिखी गई है।
उधर, पुलिस सूत्रों का कहना है कि चिटठी में भ्रष्टाचार व अन्य तरह के कई इल्जाम लगाए गए है। सताकेंद्र को लेकर भी कुछ जिक्र है।
गौरतलब हो कि गुप्ता की मुख्यमंत्री से नजदीकियां रही है। उनके लिए पर्यावरण विभाग में अतिरिक्त निदेशक का पद सृजित किया गया था। हालांकि वह इस पद के साथ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में अधीघक अभियंता का जिम्मा भी देख रहे है व उनकी तैनाती बददी में ही है।यह दीगर है कि अधीक्षण अभियंता का पद अतिरिक्त निदेशक के पद से छोटा होता है। पिछले दिनों प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में मुख्य अभियंता के पद को सृजित करने को लेकर भी एक बैठक हुई थी। बैठक में क्या हुआ है यह अभी सार्वजनिक नहीं हुआ है। ऐसे में समझा जा रहा है कि गुप्ता से रंजिश रखने वालों ने ही इस तरह की कोई हरकत की होगी।
बहरहाल, प्रदेश में पिछले साढे तीन सालों में पत्रबमों की बाढ आई हुई है और जयराम की पुलिस को को इन पत्रों के लेखकों को ढूंढने के लिए छानबीन करनी पड रही है।
हाल ही के दिनों में स्वास्थ्य मंत्री व एक महिला नेत्री को लेकर भी इसी तरह की चिटठी वायरल हुई थी। इस मामले में कांग्रेस के पूर्व विधायक नीरज भारती के खिलाफ साइबर थाने में शिकायत की गई थी। इस मामले में परवाणु से दो लोगों के कंप्यूटरों की हार्डडिस्क और मोबाइल सइबर पुलिस ने जब्त कर उन्हें फॅारेसिंक जांच के लिए जुन्गा भेजा है। इन लोगों को भाजपा समर्थक माना जा रहा है।
जुन्गा से फारेसिंक की रिपोर्ट कब आएगी इस बावत फारेसिंक प्रशेगशला के सूत्रों का कहना है कि अभी तो 2018 में आए मामले की जांच चल रही है। इनमें फर्जी डिग्री और टेक्नोमेक कंपनी से जुडे दस्तावेज और जब्त किए गए उपकरण शामिल है।
बहरहाल अब ये पत्रबम फिर आ गया है। पुलिस को तो छानबीन करनी ही है। समझा जा रहा है कि लेखक यहां भी जरूर पकडे जाएंगे। वो कौन होंगे यह देखना दिलचस्प होगा।
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