शिमला।वन भूमि को निजी लोगों के नाम कर देने के एक मामले में चौपाल पुलिस ने प्रदेश के पूर्व बंदोबस्त अधिकारी देवा सिंह नेगी समेत बंदोबस्त विभाग के अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों व एक महिला के खिलाफ धोखाधड़ी, साजिश रचने के अलावा वन अधिनियम की धाराओं के तहत एफआाइआर दर्ज कर दी है। इस मामले में अभी तक किसी को गिरफतार नहीं किया गया है। देवा सिंह नेगी प्रदेश प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे व वह 2015 में आइएएस बन गए थे।
इस मामले में चौपाल थाने में देवा सिंह नेगी के अलावा बंदोबस्त विभाग के नायब तहसीलदार, कानूनन गो और चौपाल की एक महिला के खिलाफ भरतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468, 469, 471, 120बी और भारतीय वन अधिनियम की धारा 41 और 42 के तहत मामला दर्ज किया है। सरकारी जमीन को निजी व्यक्ति के नाम करने और बाकी धांधलियों से जुड़े इस मामले में अभी तक किसी को गिरफतार नहीं किया गया है।
चौपाल थाने में केलवी लोहारा गांव के रमेश चंद, रणधीर कुमार, पपिंद्र सिंह, विकास और खुशी राम ने पुलिस को एक शिकायत दी थी कि गांव गोरली के एक निजी व्यक्ति ने किसी से नौतौड़ जमीन खरीदी थी जब इस जमीन को इस व्यक्ति के नाम करने का मामला बंदोबस्त विभाग के पास पहुंचा तो वहां पर साजिश कर धोखधड़ी कर दी और बंदोबस्त के अधिकारियों व कर्मचारियों ने निजी व्यक्ति के साथ मिलीभगत कर सरकारी जमीन को भी इसी व्यक्ति के नाम कर दिया।
इस तरह बंदोबस्त अधिकारियों व कर्मचारियों ने अपने पद का दुरुपयोग कर बड़ा भूमि घपला कर दिया। चौपाल पुलिस के मुताबिक नौ तौड़ जमीन आठ से नौ बीघा तक खरीदी गई थी जबकि इस जमीन को निजी व्यक्ति के नाम किया तो यह 25 बीघ से ऊपर हो गई। शिकायत में ऐसा कहा गया है। पुलिस के मुताबक इस भूमि को लेकर पहले ही दोनों पक्षों में विवाद चल रहा था व शिकायत कर्ता इस मसले को कई मंचों व अधिकारियों के समक्ष ले गए थे। इन अधिेारियों ने शिकायत कर्ता को इस मामले में एफआइआर दर्ज करने की सलाह दी व मामला पुलिस के पास पुहंचा है।
डीएसपी राजकुमार ने कहा कि यह मामला राजस्व दस्तावेजों से संबधित है। जांच शुरू कर दी गई है व अब तमाम दस्तावेजों को कब्जे में लेकर उनकी पड़ताल की जाएगी व सभी तथ्यों को सामने लाया जाएगा। यह पूछने पर कि क्या किसी को गिररफतार कर लिया गया है डीएसपी ने कहा कि अभी मामला शुरूआती स्तर पर है। जब तमाम तथ्य सामने आएंगे तो उसके बाद बाकी कदम उठाएं जाएंगे।
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