शिमला। यहां कांग्रेस मुख्यालय के बाहर कांग्रेस की विधायिका आशा कुमारी की ओर से एक महिला पुलिस कांस्टेबल को तमाचा मार देने और फिर महिला कांस्टेबल के पलटवार कर देने पर आशा कुमारी के खिलाफ थाना सदर में एफआईआर दर्ज कर दी गई हैं। कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय सचिव आशा कुमारी राहुल गांधी की ओर से विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार का लेखा जोखा लेने आए राहुल गांधी की ओर से बुलाई बैठक में शामिल होने कांग्रेस मुख्यालय आई थी। चूंकि राहुल गांधी अंदर जा चुके थे तो जैसे ही आशा कुमारी, मुकेश अग्निहोत्री और धनीराम शांडिल अंदर जाने के लिए गेट की ओर बढ़े तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। मुकेश अग्निहोत्री आगे बढ़ गए औरआशा कुमारी पीछे रह गई। कांस्टेबल ने उन्हें रूकने को बोला। इस पर आशा कुमारी ने कहा कि उनके पास अंदर जाने के पास हैं, उन्हें अंदर जाने दिया जाए। डयूटी पर तैनात महिला कांस्टेबल ने आशा कुमारी को कुछ कह दिया जिस पर आशा कुमारी ने महिला कांस्टेबल के मुंह पर चांटा जड़ दिया। महिला कांस्टेबल ने भी न आव देखा न ताव उलटे आशा कुमारी के मुंह पर झनाटेदार तमाचा मार दिया। आशा कुमारी ने फिर महिला कांस्टेबल को दूूूूसरा तमाचा मारा और महिला कांस्टेबल ने भी पलटवार कर दिया। आशा कुमारी और महिला कांस्टेबल के बीच ये तमाचेबाजी चंद पलों में हो गई।
आशा कुमारी के साथ कर्नल धनीराम शांडिल भी बिलकुल पीछे थे। वो भी कुछ नहीं कर पाए। कहने वाले कहने भी लगे कि सेना के कर्नल साथ थे ये सब होने से नहीं बचा पाए। पीएसओ भी साथ था वह जब तक ये सब रोकता तब तक दोनों ओर तमाचे चल चुके थे। एक तरफ राहुल गांधी की कांग्रेस थी तो दूसरी ओर जयराम की पुलिस।
चूंकि पूरे देश में इस तमाचेबाजी का वीडियो वायरल हो गया तो पुलिस ने दोपहर बाद आशा कुमारी के खिलाफ धारा 353 और 332 के तहत एफआईआर दर्ज कर दी। एसपी शिमला सौम्या सांबशिवन ने महिला कांस्टेबल के लिए स्टैंड लिया और एफआईआर के निर्देश दिए। एसपी ने कहा कि छानबीन होगी।
आशा कुमारी ने कहा कि महिला कांस्टेबल ने उससे बदतमीजी की। वह मानती है कि उनसे गलती हुई।उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। वह खुद से माफी मांगती हैं।
उधर इस तमाचेबाजी से नाराज राहुल गांधी ने आशा कुमारी को कहा कि यह ठीक नहीं हुआ वह इससे खुश नहीं हैं।कांग्रेस अहिसावादी पार्टी हैं। प्यार से जीतना चाहती हैं।इस विचारधारा उल्ल्ंघन बर्दाश्त नहीं होगा।बहरहाल, आशा कुमारी के लिए आज का दिन बेहद बुरा रहा है।
लेकिन बड़ा सवाल ये भी है कि आशा कुमारी ने तो तमाचा मार कर गलत किया ही पर क्या महिला कांस्टेबल को भी अपने उपर काबू नहीं रखना चाहिए था। चूंकि आशा कुमारी कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय सचिव हैं, उन्हीं की पार्टी का कार्यक्रम उन्हीं के पार्टी मुख्यालय में था। वह अपनी ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की बैठक में जा रही थी। उनके पास अंदर जाने का पास भी था। ऐसे में उन्हें अंदर जाने देना चाहिए था। उलझने की जरूरत तो पुलिस को भी नहीं थी।लेकिन ये सब हुआ।
बहरहाल, सोशल मीडिया पर आशा कुमारी के खिलाफ और महिला कांस्टेबल के पक्ष में खूब बयार बही। किसी ने लिखा कि ये गुडिया मामले में कारनामें दिखाने वाली पुलिस नहीं हैं,ये जयराम ठाकुर की पुलिस हैं। किसी ने कहा कि हिमाचल में सच में बदलाव आ गया हैं। महिला कांस्टेबल के पलटवार को बहुतों ने अच्छा कहा।
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