शिमला। एकमात्र वामपंथी विधायक राकेश सिंघा ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल पर विधानसभा अध्यक्ष रहते भर्ती घोटाला करने का संगीन इल्जाम लगाया है।राजधानी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए विधायक सिंघा ने मुख्मंत्री जयराम ठाकुर से इस भर्ती घोटाले की न्यायिक जांच कराने की मांग कर दी है। इससे मुख्यमंत्री जयराम एक बार फिर फंस गए है जबकि बिंदल दोबारा से विवादों में घिर गए है।बिंदल को पीपीइ किट खरीद घोटाले में विवादित कर देने के बाद भाजपा के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
सिंघा ने संगीन इल्जाम लगाते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए बिंदल ने विधनसभा सचिवालय में छह लोगों को गलत तरीके से नौकरी पर लगाया।
इस भर्ती घोटाले की परतें खोलते हुए सिंघा ने इल्जाम लगाया कि बिंदल ने 24 अक्तूबर 2019 को कानून अधिकारी के पद को भरने के लिए तीन सदस्यीय चयन समिति का गठन किया।समिति में विधानसभा सचिव यशपाल शर्मा अध्यक्ष और वित व लेखा के संयुक्त नियंत्रक विजय कुमार शर्मा और अभियोजन विभाग के अतिरिक्त निदेशक एन एल सेन बतौर सदस्य बनाए गए ।
सिंघा ने कहा कि कानून अधिकारी के पद के लिए छह नवंबर 2019 को साक्षात्कार लिए गए । संघा ने कहा कि इस समिति के अध्यक्ष के दस्तख्त मूल दस्तख्तों सेमेल नहीं खा रहे है। कोई और समिति का अध्यक्ष बन कर अध्यक्ष जो विधानसभा सचिव थे, के दस्तख्त कर गया।
उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि भर्ती प्रक्रिया का काम एक ही सदस्य विजय कुमार शर्मा के जरिए चला दिया गया। क्योंकि दस्तावेजों में सेन के कहीं दस्तख्त ही नहीं है। जबकि वह विशेषज्ञ सदस्य थे।
सिंघा ने कहा कि विधानसभा में मिताली नामक महिला को कानून अधिकारी नियुक्त कर दिया गया जबकि विधानसभा में कानून अधिकारी का कोई पद ही नहीं है। सिंघा खुलासा किया कि मिताली धर्मपाल की बेटी है व धर्मपाल पूर्व में प्रेम कुमार धूमल के समय जब बिंदल स्वस्थ्य मंत्री हुआ करते थे उनके निजी सचिव हुआ करते थे।
सिंघा ने कहा कि इस भर्ती में बिंदल ने भाई भतीजावाद चलाया क्योंकि धर्मपाल बिंदल के दामाद राजकुमार गांधी का रिश्तेदार हैं।
विधानसभा में कानून अधिकारी के अलावा सहायक पुस्तकालय अध्यक्ष,कनिष्ठ अनुवादक, दो चौकीदारों व और फ्राश की भर्ती की गई।
उन्होंने कहा कि सहायक पुस्कालयाध्यक्ष के पद पर कुमारी वेद निधि को नियुक्त किया गया और बड़ी चालाकी से वेद निधि के पिता का नाम छिपाया गया। सिंघा ने कहा कि वेद निधि के पिता तेज राम को सोलन नगर परिषद में बिंदल ने परिषद के अध्यक्ष रहते हुए भर्ती किया था़। सोलन नगर परिषद भर्ती घोटाले में तेज राम व बिंदल दोनों आरोपी थे।
याद रहे सोलन नगर परिषद भर्ती घोटाले के मामले को जयराम सरकार ने अदालत से वापस ले लिया था।
सिंघा ने कहा कि पंकज गुलेरिया को विधानसभा में चौकीदार नियुक्त किया गया । पंकज गुलेरिया बिंदल के खासमखास और खादी ग्रामोदयोग बोर्ड के उपाध्यक्ष व भाजपा नेता पुरुषोतम गुलेरिया का भतीजा है। पंकज गुलेरिया पुरुषोतम गुलेरिया के सगे भागे उतम गुलेरिया का बेटा है।
इसके अलावा अपने चुनावी हलके के और भाजपा आइटी सेल के सदस्य पंकज सिंह को कनिष्ठ अनुवादक के रूप में तैनाती दी गई है।इसी तरह उन्होंने अपने चुनावी हलके से रमेश कुमार को चौकीदार व श्रवण को प्राश के पदों पर भर्ती करा दिया।
सिंघा ने कहा कि पीपीइ किट घोटाले में विजीलेंस की चल रही जांच आंखों में धूल झोंकने जैसी है। पीपीइ किट घोटाले में विधानसभा में बिंदल के अध्यक्ष रहते हुए भर्ती घोटाले की न्यायिक जांच कराई जानी चाहिए । उन्ने कहाा कि इस मामले में अदालत का दरवाजा खटखटाया जा सकता है लेकिन पहले जयराम सरकार इस मामले में निष्ष्पक्ष जांच करवाए।
इस तरह बिंदल एक बार विवादों में घिर गए है।
बिंदल ने इल्जामों को बताया राजनीति से प्रेरित
विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राजीव बिंदल ने वामपंथी विधायक राकेश सिंघा की ओर से लगाए गए सारे आरोपों को राजनीति से प्रेरित करार देते हुए कहा कि ये तमाम इल्जाम पूरी तरह से असत्य हैं और इसके पीछे राजनीतिक हित साधन करने का षडयंत्र हैं।
उन्होंने कहा कि यह बयान केवल राजनीति चमकाने के लिएए बेबुनियाद आरोप लगा कर विधानसभा की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं।
बिन्दल ने कहा कि विधानसभा में भर्ती किए गए अधिकारियों और कर्मचारियों में मेरा कोई भी रिश्तेदार नहीं है और यह आरोप जनता में भ्रम पैदा कने के लिए लगाया गया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा सचिवालय ने भर्ती नियमों के आधार पर सभी कर्मचारियों को नियुक्ति दी है।
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