शिमला।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल के भाजपाइयों की नहीं सुन रहे है। उन्हें मिलने तक तक का मौका नहीं दे रहे है। सारे सांसद मिन्नतें कर चुके लेकिन मोदी ने किसीको भी मिलने का समय नहीं दिया। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल बड़ी मुश्किल से मिलकर आए हैं।धूमल और उनके बेटों के गले में वीरभद्र सिंह ने जांच का फंदा डाला हुआ है। ऐसे में धूमल की ख्वाहिश है कि मोदी वीरभद्र सिंह के खिलाफसी बीआइ्र का फंदा ढीला न करे। लेकिन मोदी है कि सुनते ही नहीं है। ऐसे में धूमल ने अपनी बात मोदी तक पहुंचाने के लिए पार्टी का सहारा लिया है।
इस कड़ी में भाजपा की तीन दिवसीय प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में उन्होंने प्रस्ताव पास कराया मुख्यमन्त्री वीरभद्र सिंह व उसके परिवार के खिलाफ सीबीआई जांच निष्पक्ष व जल्द होनी चाहिए । बैठक में यह भी रिकार्ड परलाया गया कि यूपीए सरकार में तो यह जांच धीमी गति से चल रही थी। लेकिन अब तो एनडीए की सरकार है ।बैठक के बाद मीडिया से धूमल ने कहा कि अभी तो यह जांच ही चल रही है तथा जांच पर ही कार्यवाही निर्भर करेगी ।
धूमल ने कहा कि इस बैठक में केन्द्र से भी पदाधिकारी शामिल थे तथा पारित प्रस्ताव को निश्चित तौर पर केन्द्र सरकार के ध्यान में लाया जायेगा ।
धूमल ने प्रदेश में वितीय संकट केलिए भी कांग्रेस वीरभद्र सिंह सरकार के वित्तीय कुप्रबन्धन को जिम्मेदार ठहराया है।बैइक के बादधूमल ने कहा कि सरकार विभिन्न बोर्डों और कार्पाेरेश्नों के अध्यक्षों ,उपाध्यक्षों व अन्य कई औचित्यहीन पदों पर गैर आवश्यक ढंग से नियुक्तियां दे कर सरकारी खजाने पर बोझ बढ़ा रही है जबकि प्रदेश के विश्वविद्यालयों को अनुदान देने के लिये सरकार के पास पैसे नहीं हैं । नौणी स्थित वानिकी विश्वविद्यालय को भाजपा कार्यकाल में दी जाने वाली 72 करोड़ रूपये की अनुदान राशि घटाकर 48 करोड़ रूपये कर दी गई है । कृषि विश्वविद्यालय समेत दोनों विश्वविद्यालयों के सेवानिवृत कर्मचारियों को पैन्शन व मंहगाई भत्ता नहीं दिया गया है । जो सरकार नियमित कर्मचारियों का वेतन व भत्ते देने में असमर्थ है वह गैर आवश्यक नियुक्तियां प्रदान कर विलासिता की सुविधायें कैसे प्रदान कर रही है, समझ से परे है ।
कार्यसमिति बैठक के बाद प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर राजनीतिक हल्ला बोला ।उन्होंने कहा कि खनन संम्पदा की तस्करी जोरों पर है । यदि सरकार नीलामी की व्यवस्था करे सरकार को कुछ आमदन हो सकती है । पुलिस को गैर कानूनी ड्रग्स, खनिज़ के व्यापार व अन्य अपराधों की रोकथाम के लिये लगाने की अपेक्षा उन्हें राजनीतिक विरोधियों व भाजपा कार्यकर्ताओं के पीछे लगाया है । कहने को तो स्थानान्तरणों पर प्रतिबन्ध है लेकिन हर रोज लम्बी-लम्बी लिस्टें स्थानान्तरणों की निकल रही हैं जिसपर टीए/डीए के कारण वित्तीय बोझ और बढ़ रहा है ।
धूमल ने कहा कि उनके गृह जिला में सरकार के मात्र डेढ वर्ष के कार्यकाल में छठा पुलिस अधीक्षक तैनात हो चुका है और ऐसा ही हाल अन्य जिलों का है। भाजपा सरकार ने घरेलू झगड़े रोकने व बस अड्डों पर अनावश्यक भीड़ को कम करने के लिये लाटरी पर पाबन्दी लगाई थी और ऐसी सामाजिक बुराई पर रोक लगाना सरकार का यह दायित्व भी है । यदि सरकार लाटरी पर लगी रोक को हटाती है तो यह समाज के हित में नहीं है ।
धूमल ने उन अफसरों के बचाव में आगे है जिनपर भाजपा के शासन काल में भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के आरोप वीरभद्र सिंह व उनकी कांग्रेस सरकार ने लगाए है और जिनके खिलाफ अदालत मेंचालान पेश हो चुके है । इसकड़ीमें धूमल ने कहा कि सरकार ने अफसरशाही को टारगेट किया गया है जिसके कारण वह हतोत्साहित है । काडर की पोस्टों पर यदि दूसरे लोगों को नियुक्तियां दी जाये तो निराशा स्वभाविक है । उन्होंने रिटायरी अुफसरों की तैनाती पर भी सवाल उठाए ।
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