शिमला। कीरतपुर से नेरचौक तक फोरलने बनाने वाली निजी कंपनी ,वीरभद्र सिंह सरकार,बिलासपुर जिले के विधायकों राजेश धर्माणी,बंबर ठाकुर और पूर्व के विधायकों के गठजोड़ का भंडा फोड़ते हुए बिलासपुर के पूर्व सैनिक मदन लाल ने आरोप लगाया है कि इनसे लड़ने से ज्यादा आसान कारगिल की जंग लड़ना था।
इस फोरलेन के लिए गई जमीन के बाद बची अपनी जमीन को चिन्हित करने के लिए पिछले तीन सालों से फोरलेन विस्थापित एवं प्रभावित समिति के सचिव मदन लाल ने आज राजस्व मंत्री कौल सिंह व जिला बिलासपुर के तीनों विधायकों मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के लाडले विधायकबंबर ठाकुर,बागी विधायक राजेश धर्माणी,भाजपा विधायक रणधीर शर्मा को ताले भेज कर अपना विरोध जताया।उन्होंने इन सबको कहा कि वो अपनी-अपनी दुकाने बंद करे और घर जाए।उनको वेतन घर पर ही मिल जाएगा।उन्होंने बंबर ठाकुर व राजेश धर्माणी पर संगीन आरोप लगाया कि इन्होेंने इस फोरलने के निर्माण के लिए अपने करीबियों के नाम पर ठेके ले रखे हैं और लोगों के घरों पर जबरन बुलडोजर चला कर उन्हें बेघर करने पर उतारू हो गए है।ये बिलासपुर प्रशासन,पुलिस व फोरलेन बनाने वाली कंपनी आई एल एंड एफएस से मिलीभगत कर उनकी बची जमीन को चिन्हित किए बगैर किसी भी कीमत पर सड़क बनाने का कारनामा कर रहे है।
सेना से हवलदार रिटायर मदनलाल ने कहा कि कीरतपुर से नेरचौक तक 84 किलोमीटर तक बनने वाले इस फोरलेन के लिए करीब 10 हजार के करीब लोगों ने जमीन देने से कभी मना नहीं किया।मुआवजे पर भी आपति नहीं जताई।कभी कोई और विरोध भी नहीं किया। पिछले तीन सालों से वो बस यह लड़ाई लड़ रहे है कि उनकी जमीनों के बीच से फोरलेन केलिए गई जमीन की निशानदेही कर दे । ताकि वो वहां पर अपना घर बना सके।कागजों मेंसिथति कुछ और है लेकिन असल में जमीन वहां है ही नहीं।
किसानों की जमीन के बीचों बीच फोरलेन के लिए जमीन ले ली गई है।यहां पर 3000 के करीब लोगों के घर है जो अधिगृहित हो चुके है।मुआवजा भी मिल चुका है। लेकिन कब्जा लोगों का है। उन्होंने कहा कि जब तक वो नया घर नहीं बना लेते तब तक वो अपने घरों को कैसे छोड़ सकते है। नया घर तब तक नहीं बना सकते जब तक बची जमीन की निशानदेही नहीं हो जाती।
उन्होंने कहा कि निशानदेही के लिए वो अगस्त 2015 में हाईकोर्ट के आदेश भी आ चुके है।दो सप्ताह में निशानदेही करनी थी। आज फरवरी2016 आ गया।सिथति सप्ष्ट नहीं हुई।राजस्व विभाग के कारिंदों ने पूरे पूरे खसरा नंबर की निशानदेही दी जबकि अधिग्रहण के बाद नंबर बंट गए। राजस्व विभाग के कांरिंदे जो जमीन बता रहे है वो धरातल पर है ही नहीं । कई जगहों परवो दूसरे के कब्जे में है। प्रभावित उनके राजस्व कागजात मांग रहे हें। जोविभाग नहीं दे रहा ।
उन्होंने कहा कि वो जिला प्रशासन का हरदरवाजा खटखटा चुके। सीएम ,गवर्नर,प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को रोजाना चिटिठयां लिख रहे है।न जवाब आता है और न ही समस्याहल होती है।मुकदमें एक के बाद एक करके दर्ज हो रहे है।ऐसा अंधेर कहीे नहीं देखा। अब छह तारीख् को भगेड़ के आसपास के कई गांवों के घरों मेंबुलडोजर चलाने का इश्तिहार अखबार में छपवाया गया है। हम विरोध करेंगे। आलम ये है कि कंपनी के कर्मचारी राजस्व कार्यालय में बैठकर कागज निकाल रहे है।
उन्होंने संगीन आरोप लगाया कि कंपनी रोड़ के मलवे की डंपिंग सतलुज में कररही है। कोई पूछने वाला नहीं है।
(0)