शिमला।हिमाचल प्रदेश विवि में बीए के पहले स्मेस्टर में मूल्याकंन घोटाला हो गया और बीते सप्तााह जो रिजल्ट घोषित हुआ है उसमें 98 फीसद छात्र -छात्राएं फेल हो गए हैं। राजकीय कन्या महाद्विद्यालय में गणित की 60 में से 60 की छात्राएं फेल हो गई हैै। आरकेएमवी वही कॉलेज हें जहां की प्रिंंसिपल कोई और नहीं मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के ओएसडी व उनके पूर्व प्रधान निजी सचिव सुभाष आहलुवालिया की बीवी मीरा वलिया है।
विवि मेंं कंट्रोलर ऑफ एग्जमिनेशन भी मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के चहेते अफसर है वो मुख्य सचिव वी सी फरका के भी रिश्तेदार हैं। जबकि वीसी एडीएन वाजपेयी सचिवालय ,राजभवन ही नहीं दिल्ली में मोदी सरकार के अलावा सोनिया के दरबार में भी रसूख रखते हैै।
शिक्षा का महकमा खुद मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पास है,इसके बावजूद ये कांड हो गया है।
छात्रों के हाहाकार मचा देने के बाद आज विवि के वीसी एडीएन वाजपेयी ने हाई पावर कमेटी का गठन कर दिया है।
कुलपति ने डीन कालेज डवलपमेंट परिषद एस.एस.चौहान की अध्यक्षता में पांच सदसीय जांच समिति का गठन किया है जिसमें परीक्षा नियन्त्रक डाॅ.जे.एस.नेगी, राजकीय महाविद्यालय कोटशेरा के प्राचार्य डाॅ.राजा राम, हिमाचल प्रदेश महाविद्यालय प्राध्यापक संघ के महासचिव डाॅ.रामलाल शर्मा के अतिरिक्त विवि के सिस्टम एनालिस्ट डाॅ.मुकेेश कुमार सदस्य बनाए गए हैं।इस कमेटी में सब के सब सरकार के चहेते हे। स्टूडेंट में में सेे किसी को कमेटी में नहीं लिया गया है।
वीसी ने जांच रिपोर्ट आने से पहले ही एलान कर दिया है कि जो स्टूडेंट्स फेल हुए हैं उन्हें तीसरे स्मेसटर की परीक्षा में बैठने दिया जाएगा।
शिक्षा के क्षेत्र में किस तरह कांड हो उनकी रहे हैं उनकी बानगी वीसी ने जो संदेह जताए है उनमें ही हैं। वीसी वाजपेयी ने समिति से कहा है किवो ये भी जांचे कि कहीं विवि के सॉफ्वेयर में ही तो कोई खराबी नहीं हैंं।समिति यह भी जांच करेगी की काॅलेजों से जो अंक प्राध्यापकों द्वारा भेजे गए हैं वह अंक पूरी तरह विवि में पहुंचे भी है कि नहीं? उन्होंने कहा कि तीसरे बिन्दू में यह समिति उत्तर पुस्तिकाओं की भी जांच करेगी कि मूल्यांकन सही हुआ है या नहीं।
वीसी की ओर से ये संदेह उठाया जाना उन्हें ही सवालों में खड़ा करता हैै व शिक्षा के तंत्र की क्या गत कर दी है इसका भी खुलासा करता है। वीसी वाजपेयी पिछले पांच छह सालों से हिमाचल विवि के कुलपति है और शिक्षा का ये हाल कर दिया है।
मजे की बात है कि ये रिजल्ट कालेजों ने नहीं विवि ने ही जिसके कुलपति खुद वीसी वाजपेयी हैं,ने घाोषित किया है। ऐसे में सवाल ये है कि जब ये रिजल्ट घोषित करने के लिए तैयार हुआ तो क्या तब विवि प्रशासन को पता नहीं चला। विवि का तंत्र का क्या कर रहा है। टॉप पदों पर तासे सभी राजनीतिक तौर पर रसूखदार लोग बिठाए गए है।जब रिजल्ट तैयार हुआ तो क्या कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन ने उस पर साइन नहीं किए।
सबसे बड़ा सवाल प्रदेश के राज्यपाल आचायर् देवव्रत को लेकर उठ रहा है। चूंकि सारे अफसर वीरभद्र सिंह के चहेते है,इसलिए वो इन्हें पूरा संरक्षण देंगेइसकी पूरी संभावना हैं। ये इस बात से साबित हो गया है कि वीसी ने जो कमेटी बनाई हैं उसमें उन्हीं के सारे चहेते शामिल कर दिए गए है।आखिर मोदी सरकार की ओर से हिमाचल भेजे गए आचार्य देवव्रत क्यों खामोश है।वो विवि के कुलाधिपति है। ऐसे में विवि में इतना बड़ा कांड हो जाए और गवर्नर कुछ न करे ये अपने आप आश्चर्यजनक हैं।
अब इस मसले पर छात्र संगठन तो सड़कों पर आ ही गए है भाजपा ने भी वीरभद्र सिंह सरकार पर हमला बोल दिया है।छात्र संगठनों ने विवि प्रशासन के खिलाफ विवि व कॉलेज परिसरों में आंदोलन शुरू कर दिए हैं।
देखें आंदोलनरत छात्रों की कुछ तस्वीरें-:
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