शिमला। चुनावी साल को देखते हुए प्रदेश की वीरभद्र सिंह सरकार लाखों अवैध कब्जों को नियमित करने के लिए रास्ते तलाशने पर आ गई हैं। हाईकोर्ट मेंं लंबित मामलों की सुनवाई टालने के लिए अर्जी दी गई हैं तो प्रदेश सरकार के बड़े बाबूओं को काम पर लगा रखा हैं।
आज वीरवार को वीरभद्र सिंह सरकार के राजस्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने इस बावत सचिवालय में बड़े बाबूओं की बैठक ली व इसमें दूसरे मंत्री व कांग्रेस के विधायक भी शामिल हुए ।प्रदेशसरकार ने इस मसले पर एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर रखी है।
ये अलग मसला है कि पिछले तीन सालों से प्रदेश में हजारों अवैध कब्जे हटा दिए गए हैंं व प्रदेश हाईकोर्ट सरकार की कई अर्जियों को दरकिनार कर चुकी है। सरकार ने अब फिर कुछ नया करने का सोचा है। जबकि दूसरी ओर हाईकोर्ट में आगामी सोमवार से एक महीने की छुटियां होने जा रही है।अवैध कब्जों का मसला आगामी चुनावों में बड़ा चुनावी मुददा बनने जा रहा हैं।इसे भांपते हुए सरकार ने कसरतें शुरू कर दीहैं। इसके अलावा चुनावों में भाजपा को भी जवाब देने का हथियार तैयार रखा जा रहा है। कांग्रेस ये कहती आ रही है कि भाजपा ने अवैध कब्जों को लेकर कुछ नहीं किया व अवैध कब्जाधारियों से शपथपत्र लेकर उनके खिलाफ बाद में मुकदमें बनवा दिए।
प्रदेश में अवैध कब्जों के मामलों की समीक्षा के लिए गठित इस उच्च स्तरीय कमेटी की बैठक आज यहां स्वास्थ्य, राजस्व एवं कानून मंत्री कौल सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें प्रदेश के विभिन्न भागों में अवैध कब्जों की नवीनतम स्थिति की समीक्षा की गई।
राजस्व मंत्री ने कहा कि हिमाचल एक कल्याणकारी राज्य है और ऐसे में लोगों की आजीविका से जुड़े अधिकारों का संरक्षण करना राज्य का दायित्व है। उन्होंने कहा कि लोगों की आजीविका तथा मानवीय संवेदनाओं के दृष्टिगत राज्य सरकार राज्य के छोटे एवं सीमांत किसानों को राहत पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। हालांकि सरकार बड़े अवैध कब्जाधारियों के प्रति सख्त है और दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई भी की जा रही है।
समिति ने विस्तृत चर्चा के उपरांत अतिरिक्त सचिव एवं वित्तायुक्त राजस्व को कानून के अनुसार सभी संभव विधिक विकल्प तलाशने व सुझाव देने को कहा कि क्या दूरदराज क्षेत्रों से सम्बन्धित 10 बीघा से कम भूमि वाले छोटे व सीमांत किसानों को कुछ राहत प्रदान की जा सकती है।
बैठक में अवगत करवाया गया कि सरकारी भूमि पर छोटे अवैध कब्जाधारियों के विरूद्ध मामलों की सुनवाई स्थगित करने के लिए उच्च न्यायालय में एक आवेदन दिया गया है,जो अभी लम्बित है।
क्या सरकारी भूमि पर छोटे व सीमांत किसानों द्वारा किए गए अवैध कब्जों को नियमित करने के लिए कोई अधिनियम लाया जा सकता है, इसकी जांच एवं संभावना तलाशने का निर्णय लिया गया। सरकारी भूमि पर छोटे व सीमांत किसानों द्वारा अति आवश्यकता में किए गए अवैध कब्जों पर इन किसानों को मानवीय आधार पर राहत प्रदान करने के लिए उच्च न्यायालय में समीक्षा याचिका दायर करने के लिए हर संभव विधिक समाधान की संभावना का पता लगाने का भी निर्णय लिया गया।
समिति ने उच्च न्यायालय में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों को हटाने से सम्बन्धित विभिन्न लम्बित याचिकाओं की सुनवाई विशेष बैंच के समक्ष एक साथ करने के बारे में आवेदन की संभावना का पता लगाने का निर्णय लिया गया ताकि अवैध कब्जे हटाने के निर्देशों में समानता बन सके।
बैठक में छोटे व सीमांत किसानों को राहत प्रदान करने के लिए सरकारी भूमि पर हिमाचल प्रदेश अवैध कब्जों के नियमितिकरण ;कुछ मामलों में, एवं सरकारी भूमि के निपटारे सम्बन्धी नियमए 2002 में यदि कोई संशोधन की संभावना हो, इसके लिए सुझाव मांगे गए।
समिति की अगली बैठक 28 जनवरी को शिमला में प्रातः 11 बजे निर्धारित की गई है।
आयुर्वेद मंत्री कर्ण सिंह, विधानसभा के उपाध्यक्ष जगत सिंह नेगी, मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर व नंद लाल, रोहड़ू विधानसभा क्षेत्र के विधायक मोहन लाल बराक्टा, सचिव विधि बलदेव सिंह ठाकुर, सहित राजस्व तथा वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।
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