शिमला। जयराम सरकार ने प्रदेश के प्रदेश के ऐसे लगभग चार लाख उपभोक्ता जो 125 से 200 यूनिट प्रतिमाह बिजली की खपत करते हैं को झटका देते हुए उन्हें मिलने वाले उपदान घटाने का फैसला लिया है।अब उनके मासिक बिल 40 से 113 रुपये तक बढ़ जाएंगे।
राज्य सरकार ने राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को प्रदान किए जाने वाले उपदान के युक्तिकरण का फैसला लिया है। प्रदेश सरकार हरसाल लगभग 450 करोड़ रुपये का उपदान प्रदान करती है। जिसमें से 18 फीसद उपदान केवल ऐसे 11 लाख उपभोक्ताओं को प्रदान किया जाता है, जो 125 यूनिट प्रतिमाह से कम बिजली की खपत करते हैं। शेष नौ लाख ऐसे उपभोक्ताओं को प्रदान किया जाता है जो 125 यूनिट प्रतिमाह से अधिक बिजली की खपत करते हैं।
सभी उपभोक्ताओं को प्रदान किए जाने वाले उपदान के युक्तिकरण के लिए सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि ऐसे उपभोक्ता जो बिजली की कम खपत करते हैं उनके मासिक बिलों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। 11 लाख ऐसे उपभोक्ता जो 125 यूनिट प्रतिमाह से कम बिजली की खपत करते हैं उनके उपदान स्वरूप को नहीं बदला गया है। शेष उपभोक्ताओं को बिजली की खपत के अनुसार ही मासिक बिलों का भुगतान करना होगा।
सरकार केप्रवक्ता ने कहा कि पंजाब और उत्तराखंड में 125 से 300 यूनिट प्रतिमाह बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ता 6.59 रुपये व 3.27 रुपये प्रति यूनिट दर से भुगतान करते हैं जबकि हिमाचल प्रदेश में यह दर 2.62 रुपये है। 300 यूनिट प्रतिमाह से अधिक बिजली की खपत कर रहे पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली के उपभोक्ता औसतन क्रमशः 7.06 रुपये, 5.90 रुपये, 5.72 रुपये व 6.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करते हैं जबकि हिमाचल प्रदेश में यह दर केवल 3.93 रुपये प्रति यूनिट है। युक्तिकरण के बाद भी प्रदेश में पड़ोसी राज्यों की तुलना में वसूली जाने वाली बिजली की दरें कम है यह औसतन 3.36 प्रति यूनिट है।
प्रवक्ता ने कहा कि कदम यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है ताकि अनुदान का सापेक्ष लाभ कम विद्युत खपत करने वाले अधिक उपभोक्ताओं को मिल सके व अन्य उपभोक्ताओं को विद्युत का उचित उपयोग करना चाहिए। इस कदम से सरकार की वार्षिक सौ करोड़ रुपये की बचत होगी, जिसका बेहतर उपयोग लोगों के कल्याण के लिए किया जा सकेगा।
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