शिमला। जयराम ठाकुर सरकार में सिंचाई मंत्री महेद्र सिंह ठाकुर के चुनाव को रदद करने को लेकर दायर याचिका को प्रदेश हाईकोर्ट ने खारिज करने से इंकार कर दिया हैं। उन पर अभी खतरा बरकरार हैं। हालांकि उनके वकील व भाजपा के वरिष्ठ नेता सत्यपाल जैन ने याचिका को खारिज करने को लेकर कई दलीलें दी।
बहरहाल ने अदालत ने याचिकाकर्ता की ओर से इस मामले में पार्टी बनाए गए धर्मपुर हलके के चुनाव अधिकारी और देश के मुख्य चुनाव आयुक्त के नाम डिलीट करने के निर्देश दिए हैं।
मंडी के धर्मपुर विधानसभा हलके से जीत कर आए महेंद्र सिंह ठाकुर के चुनाव को रदद करने के लिए इसी हलके के एक मतदाता रमेश चंद ने प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें कहा था कि महेंद्र सिंह ठाकुर ने अपने नामांकन के साथ दिए शपथ पत्र में खुद की व पत्नी को लेकर जो तथ्य लिखित में दिए है वह सही नहीं हैं। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि उन्होंने अपनी व पत्नी की आय और शैक्षणिक स्टेटस को लेकर गलत जानकारी दी हैं। इसके अलावा भी कई और इल्जाम लगाए गए थे। ऐसे में उनके चुनाव को रदद किया जाए। रमेश चंद व महेंद्र सिंह का आपसी झगड़ा जगजाहिर हैं।
रमेश चंद ने याचिका में कहा कि उन्होंने चुनावों के समय इस बावत धर्मपुर विधानसभा हलके के निर्वाचन अधिकारी के समक्ष भी आपतियां उठाई थी लेकिन उन्होंने उनकी आपतियों का निपटारा कानून के मुताबिक नहीं किया व उनकी सुनी नहीं गई।
रमेशचंद ने अपनी याचिका में महेंद्र सिंह ठाकुर के अलावा, धर्मपुर विधानसभा हलके के चुनाव अधिकारी व देश के मुख्य चुनाव आयुक्त को भी पार्टी बना दिया।
इस पर चुनाव अधिकारी और भारत के मुख्य चुनाव अधिकारी ने प्रदेश हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की कि कानून के मुताबिक उन्हें पार्टी नहीं बनाया जा सकता । ऐसे में उनके नामों को हटाया जाए। प्रदेश हाईकोर्ट ने इस बावत रमेश चंद को इन पार्टियों का नाम हटाने के निर्देश दिए। लेकिन रमेश चंद की ओर से दलीलें दी गई कि इन्हें इसलिए पाटी बनाया गया है क्यों चुनाव अधिकारी ने उनकी आपतियों का निपटारा नहीं किया था।
इसके अलाव चुनाव की अधिसूचना भारतीय चुनाव आयोग ने जारी की थी। दोनों को इसलिए पार्टी बनाया गया है। इन दोनों की ओर से दलीलें दी गई कि कानून के मुताबिक उन्हें ही पार्टी बनाया जा सकता है जिन्होंने चुनाव लड़ा हो । इसके अलावा कोई और पार्टी नहीं बन सकता।
महेंद्र सिंह ठाकुर की ओर से पैरवी करते हुए सत्यपाल जैन ने कहा कि रमेश चंद को पार्टियों को हटाने का कई बार मौका दिया गया लेकिन उन्होंने इन्हें नहीं हटाया । इसलिए इस चुनाव याचिका को खारिज किया जाए। दोनों ओर की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट के जज न्यायमूर्ति तिरलोक सिंह चौहान ने कहा कि केवल इसलिए चुनाव याचिका खारिज नहीं की जा सकती कि याचिकाकर्ता ने अप्रसांगिक पार्टियों के नाम नहीं हटाए।
इसके लिए दूसरा उपचार उपलब्ध हैं। अदालत ने चुनाव अधिकारी और देश के मुख्य चुनाव आयुक्त के नाम बतौर पार्टी न हटाए हो। अदालत ने याचिका कर्ता को एक सप्ताह के भीतर अपनी याचिका में संशोधन करने के आदेश दिए हैं। लेकिन महेंद्र सिंह ठाकुर के चुनाव को रदद करने बावत दायर याचिका को खारिज नहीं किया । इसकी सुनवाई चलती रहेगी।
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