शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की दिल्ली स्थित 7.93 करोड़ की संपति को मोदी सरकार की एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय की ओर से अटैच किए जाने के मसले की गूंज विधानसभा में गूंजी। विपक्षी पार्टी भाजपा की ओर से इस मसले पर चर्चा की मांग को स्पीकर बृज बिहारी लाल बुटेल की ओर से नामंजूर कर देने के बाद भाजपा सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया। इससे पहले सदन में वीरभद्र सिंह के बचाव में आश्चर्यजनक तरीके से परिवहन मंत्री जीएस बाली उतर पड़े।भाजपा विधायकों ने स्पीकर की ओर से इस प्रस्ताव को नामंजूर करने के काफी देर बाद वॉकआउट किया। पहले लगा कि वो वॉकआउट नहीं करेंगे और नारेबाजी करते रहेंगे। लेकिन अचानक धूमल उठे व स्पीकर से प्रस्ताव के बारे में दोबारा उनकी मंशा जाननी चाही। स्पीकर अपने फैसले पर अड़े रहे तो भाजपा सदस्य बाहर गए।
वॉकआउट से पहले भाजपा नेता सदन में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। लेकिन इस बीच स्पीकर ने प्रश्नकाल शुरू कर दिया।प्रश्नकाल और नारेबाजी की कार्यवाही साथ साथ चलती रही।भाजपा नेताओं की ओर से नारों के सहारे उनका इस्तीफा भी मांगा। लेकिन किसी भी सदस्य ने सदन में उनका इस्तीफा नहीं मांगा। ये दिलचस्प था।
इस बीच जब सतापक्ष की ओर से भाजपा सदस्यों के विरोध की ओर कोई तरजीह नहीं दी तो नेता प्रतिपक्ष प्रेमकुमार धूमल अपनी सीट से उठे और स्पीकर की ओर मुखातिब होकर कहा कि भाजपा सदस्यों ने नियम 67 के तहत मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार पर चर्चा मांगी है। उन्होंने कहा ”क्या आप चर्चा के प्रस्ताव को मंजूर कर रहे है या नहीं,अगर नहीं कर रहे है तो सदन में बैठने का मतलब नहीं है”,।
इस पर स्पीकर ने कहा कि ”चूंकि मामला अदालत में है इसलिए वो पहले ही इस प्रस्ताव को नामांजूर कर चुके है। वो निवेदन करते है कि सदन की कार्यवाही नियमों के तहत चलने दी जाए”।
इससे पहले प्रश्नकाल शुरू होने से पहले भाजपा विधायक राजीव बिंदल ने कहा कि भाजपा विधायकों ने नियम 67 के तहत सदन में काम रोको प्रस्ताव दिया है।ये गंभीर मामला है।मुख्यमंत्री की संपति अटैच कर दी है। इस पर चर्चा होनी चाहिए।
इस पर स्पीकर ने कहा कि वो इस प्रस्ताव को नामंजूर करते है।बिंदल की तरह ही भाजपा विधायक महेंद्र सिंह ने भी इस मसले पर चर्चा मांगी।
बिंदल ने कहा कि ये मामला पब्लिक डिबेट में है।इसलिए विधानसभा में चर्चा क्यों नहीं हो सकती। इस बीच स्पीकर ने प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू कर दी। इसे देख नेता प्रतिपक्ष अपनी सीट पर उठ खड़े हुए और कहा कि ये मामला एक्ट्रा आर्डिनेरी है, प्रेस में लिखा जा रहा है,सीएम खुद ब्यानबाजी कर रहे है और आरोप हम पर लगा रहे है कि हमने साजिश की है। ये मामला यूपीए सरकार के समय का है। ऐसे में साजिश कहां से आ गई। एनडीए ने साजिश करनी होती तो सता में आने के बाद तुरंत कार्रवाई कर दी होती। वो बोले ” साजिश हमने की और प्रापर्टी इनकी बढ़ गई”।
इस बीच अचानक परिवहन मंत्री बाली अपनी सीट पर उठ खड़े हुए और मुख्यमंत्री के बचाव में उतर गए। उन्होंने कहा कि सदन नियमों के हिसाब से चलता है। पक्ष व प्रतिपक्ष के हिसाब से नहीं चल सकता। उन्होंने संकेत दिया कि मामला ईडी में है। अगर जरूरत पड़ी तो इसे अदालत में चुनौती दी जाएगी।स्पीकर ने कहा कि वो इस प्रस्ताव को नामंजूर कर चुके है।
इस बीच चीफ व्हीप सुरेश भारदवाज ने कहा कि ये मामला अदालत में नहीं है ये इडी के पास है और इडी संवैधानिक संस्था नहीं है। ऐसे में चर्चा कराने में कोई परहेज नहीं है। लेकिन स्पीकर ने अपनी ओर से दी गई व्यवस्था को बहाल रखा। इस पर नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल समेत समूचा विपक्ष वॉकआउट कर गया।
प्रश्नकाल समाप्त हो जाने के बाद पूरा विपक्ष सदन में आ गया और सदन की कार्यवाही में हिस्सा लिया।
वॉकआउट के बाद मीडिया से रूबरू हुए नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि ये पहली बार हुआ है कि किसी सीटिंग मुख्यमंत्री की प्रापर्टी अटैच की गई हो। उन्होंने कहा कि इससे साबित होता है कि भ्रष्टाचार हुआ है। ऐसे में सरकार को सता में रहने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से चुनाव के लिए तैयार रहने का आहवान किया व दावा किया कि समय से पहले चुनाव होंगे। उन्होंने कहा कि काली भेड़े सरकार में है और कई लोग संपर्क में भी है। मीडिया में खुलासा नहीं कर सकते ।
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