शिमला। दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाली भाजपा व प्रदेश की जयराम सरकार को पच्छाद उपचुनाव में घुटनों पर ला देने वाली भाजपा की बागी दयाल प्यारी ने अपने साथ प्रचार में चलने वाले समर्थकों की तस्वीरें सोशल मीडिया फेसबुक पर पोस्ट करनी बंद कर दी है। उन्हें डर है कि भाजपा व सरकार अगर उनके साथ चलने वालों तस्वीरें फेसबुक पर देखेंगे तो उन्हें वो उड़ा ले जाएंगे। हालांकि शुरू- शुरू में उन्होंने इस तरह की तस्वीरें जरूर फेसबुक पर डाली है। लेकिन जब उनके समर्थकों को तोड़ा जाने लगा तो उन्होंने अपने सोशल मीडिया की नीति बदल दी।
उनकी जाली फेसबुक आइडी भी बना डाली गई है। इस बावत उन्होंने अपने आधिकारिक फेसबुक पर उक्त आइडी का यूआरएल डाल कर इसे ब्लाक करने का आहवान किया है। 13 अक्तूबर को उन्होंने अपने फेसबुक पर लिखा कि यह आइडी नकली है जो उनके नाम पर बनाई गई व इस आइडी से कोई पोस्स्ट साझा न करे।
महिला भाजपा मोर्चा में सोशल मीडिया की संयोजक रही दयाल प्यारी ने कहा कि वह खुद सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं कर रही है। वह जिसकी भी तस्वीरें फेसबुक पर डालती है,उन्हें भाजपा के जयराम सरकार के मंत्री व दूसरे कार्यकर्ता लपक कर ले जाते है। किसी को डरा धमका कर तो किसी को कोई और प्रलोभन देकर। ऐसे में कार्यकर्ता खुद ही फेसबुक पर पोस्ट डाल रहे है। उन्होंने सोशल मीडिया में प्रचार को लेकर कोई टीम गठित नहीं की है।
दयाल प्यारी ने पच्छाद उपचुनाव में संघ, संगठन और सराकर तीनों को ही मैदान में उतारने पर मजबूर कर दिया है।
वह कहती भी है कि जनता कह रही है कि अगर दयाल प्यारी चुनाव मैदान में नहीं होती तो इतने सारे मंत्री कभी भी पच्छाद की धरती पर पांव नहीं धरते । दयाल प्यारी ने कहा कि कम से कम पच्छाद की सड़कें तो ठीक होने लगी है। इतने सारे मंत्रियों के पच्छाद में आने से स्थानीय लोग बेहद खुश है।
यह पूछे जाने पर कि उनके साथ पंचायती राज संस्थान के कितने व प्रतिनिधि चल रहे है? उन्होंने कहा कि इस बावत इस समय कुछ नहीं बता सकती क्योंकि उन्हें सरकार अपनी ओर खींच लेंगी।
उन्होंने कहा कि अब तो सभी पीछे लग गए है। लेकिन उन्हें जनता और परमात्मा पर पूरा भरोसा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस क्या कर रही है इसका तो उन्हें नहीं पता लेकिन भाजपा व सरकार उनके पीछे है। वह तो भगवान के सामने हीफरियाद करती है।
उन्होंने कहा कि अब तो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी गांव-गांव जाकर वोट मांग रहे है। बीते रोज वह रौड़ी में थे और वह भी वहां थी, लेकिन लोग कहते है कि वह उनके साथ है। यह पहली बार है।
ये पूछे जाने पर कि अब तक वह कितनी पंचायतें कवर कर चुकी है। दयाल प्यारी ने कहा कि उन्हें बहुत कम समय मिला लेकिन फिर भी उन्होंने पच्छाद की हरेक पंचायत को छू लिया है। दिन में चार-पांच पंचायतों को वह कवर कर लेती है। उन्होंने कहा डोर टूडोर प्रचार इतना ज्यादा नहीं हो पा रहा है। लेकिन जनता समझ रही है और उन्हें रोजाना फीडबैक भी दे रही है कि कहां पर क्या हो रहा है ।
उनके समर्थक तो उन्हें पोस्टर लगाने से भी मना कर रहे है। वह कहते है कि इसकी जरूरत नहीं है। हम आपके साथ है।
गौरतलब हो कि पच्छाद में दयाल प्यारी की वजह से तिकोना मुकाबला हो गया है और जयराम सरकार के मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर और भाजपा सांसद सुरेश कश्यप तो नामांकन वापस लेने के आखिरी दिन से ही वहां पर डटे है।
इसके अलावा शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज,सामाजिक न्यायमंत्री राजीव सैजल समेत अधिकांश मंत्री वहां पर डेरा डाला चुके है। यही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को भी प्रचार में उतारा जा चुका है। आरएसएस से जुड़े संगठन मंत्री पवन राणाा तक पच्छाद में पहुंच चुके है और मुख्यमंत्री जयराम 18 अक्तूबर को एक बार फिर वहां प्रचार करने जा रहे है। 19 अक्तूबर को प्रचार समाप्त हो रहा है। इतनी ताकत भाजपा धर्मशाला में नहीं लगा रही है। उधर दयाल प्यारी कहती है कि ये लोग जो मर्जी कर ले जनता उनके साथ है।
याद रहे कि यह प्रदेश में संभवत: पहली बार है कि किसी दलित महिला ने उपचुनाव में सता में रहे किसी राजनीतिक दल के खिलाफ विद्रोह कर चुनाव में ताल ठोकी हो।
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