रजनीश शर्मा
हमीरपुर। वीरभद्र सिंह अपने पद व उम्र का ख़्याल रख राजनीतिक टिप्पणियाँ करें। उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि उनके घर भी कोई चुनाव हार कर बैठा हुआ है ।यह बात पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने एक प्रेस ब्यान जारी करते हुए कही । प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव महत्वपूर्ण होते हैं और मतदाता अपना निर्णय देते हैं जो सबको स्वीकार्य होता है। चुनाव जीतना या हारना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जो मतदाताओं के हाथ में होती है। कुछ लोग चुनाव जीत कर भी घर बैठ जाते हैं और कुछ लोग चुनाव हार कर भी जनता से सम्पर्क बनाये रखते हैं और जनता के बीच ही रहते हैं।
धूमल ने कहा कि हमीरपुर जिÞला के दौरे में जो टिप्पणियाँ वीरभद्र सिंह ने की हैं वह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
उन्होंने कहा कि ये बातें दशार्ती हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह अपने पद और आयु के बावजूद अपने स्तर से उठ नहीं पाते । धूमल ने कहा कि हल्की टिप्पणियां करने का स्वभाव उनका पीछा अब भी नहीं छोड़ता, चाहे वह अपनी पार्टी के नेतृत्व पर बात करें या फिर किसी और के बारे में ।
धूमल ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि मेरे बारे में उन्होंने जो टिपण्णी की है उसको करते वक़्त उनका ध्यान अपने घर की ओर क्यूँ नहीं गया, वहां भी तो कोई चुनाव हार कर घर बैठे हैं, उनके पास कौन बैठता होगा या बैठेगा या उनका उपदेश केवल दूसरों के लिए ही होता है।
अपने घर का भी ख्याल रखें, उन्हें इतना ही कहना चाहूँगा कि शीशे के महलों में रहने वाले दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फैंकते।
ुछ लोग अपनी टोपी दूसरों के पैरों में समय अनुसार रखकर या कहीं रोकर अपनी राजनीति चलाते हैं उनकी जीत भी हार से बुरी होती है। पर शायद ऐसे लोगों में आत्मसम्मान से ज्यादा महत्व राजनीतिक लाभ उठाने का रहता है।
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