शिमला। मोदी सरकार के प्रवर्तन निदेशालय की ओर से गिरफ्तारी से बचने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अोर से डाली गई प्रोटेक्शन अर्जी की सुनवाई करने से हाईकोर्ट के जज जस्टिस ए के पाठक ने खुद को अलग कर दिया। ऐसे में इडी की ओर से गिरफ्तारी से बचने के लिए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के पास अदालती सुरक्षा कवच नहीं रह गया हैं। आज की घटना को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के लिए बड़ा झटका माना जा रहा हैं। वो दिल्ली चले गए हैं। पांच बजे तक अर्जी पर आगे कुछ नहीं हुआ था।
उनके पास सीबीआई की ओर से की जाने वाली संभावित गिरफ्तारी से बचने के लिए तो अदालती सुरक्षा कवच हैं लेकिन इडी अगर गिरफ्तारी करने आती है तो उनके पास कानूनी तौर पर कोई भी प्रोटेक्शन नहीं हैं।
महत्वपूर्ण यहां ये है कि कल शनिवार को वीरभद्र सिंह व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मुलाकात व संवाद हो सकता हैै। मोदी व वीरभद्र सिंह के बीच की यारी जगजाहिर है लेकिन इडी मोदी सरकार में वित मंत्री अरुण जेटली के अधीन है और बीजेपी के गलियारों में कहा जाता है कि मोदी की सीबीआई को भी बहुताायत:जेटली ही चलाते हैंं ।ऐसे में वित मंत्री जेटली पर प्रेम कुमार धूमल व उनके बेटों का जबरदस्त दबाव हैं कि या तो वीरभद्र सिंह घुटने टेके और धूमल व उनके पुत्रों के खिलाफ बनाए गए विजीलेंस मामलों को समाप्त करें या फिर गिरफ्तार हो जाएं। कहा जा रहा हैकि धूमल परिवार ने उनकी गिरफ्तारी को लेकर पूरा दबाव बनाया हुआ है।चूंकि वीरभद्र सिंह की विजीलेंस ने धूमल परिवार के खिलाफ बनाए मामलों में गजब का खेल खेला हुआ है।ऐसे में धूमल परिवार जानता है कि वो सुरक्षित हैं।
इसके अलावा हिमाचल प्रदेश सरकार के बड़े बाबू जो अरसे से सड़क पर हैं वो भी अपने काम लगे हुए हैं।हिमाचल प्रदेश सरकार में अतिरक्ति मुख्य सचिव दीपक सानन,विनीत चौधरी और उपमा चौधरी इन दिनों सड़क पर हैं।दीपक सानन एचपीसीए मामले में चार्जशीट हैं तो विनीत चौधरी व उपमा चौधरी जूनियर वीएस फारका के चीफ सेक्रेटरी बनाए जाने से खफा होकर लंबी छुटटी पर हैै।उधर, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल उनके पुत्र व भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर व छोटे धूमल अरुण धूमल पूरे जुगाड़ में लगे हैंं कि वीरभद्र सिंह को किसी तरह पदच्यूत किया जाए। चूंकि ऐसा करने का श्रेय धूमल परिवार को मिलेगा और वो जेपी नडा को सीएम की रेस से बाहर करने काा अपना गेेमप्लान शुरू कर पाएंगे।
चूंकि वीरभद्र सिंह हिमाचल के मुख्यमंत्री है व केंद्र सरकार किसी भी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने से पहले बहुत कुछ सोचेगी। कई कानूनी पहलू भी है व राजनीतिक जटिलताएं भी हैं। लेकिन अदालत से तात्कालिक तौर पर कोई राहत न मिलने से उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई हैं।मनी लांड्रिंग केस में इडी ने उनके एलआइसी एजेंट आनंद चौहान को अरेस्ट कर रखा है व अदालत ने आनंद चौहान को चार दिन का इडी रिमांड दिया था। इसके बाद वो 14 दिन के न्यायिक हिरासत में भेज दिए गए है।
इडी सूत्रों का कहना है कि आनंद चौहान ने जांच में सहयोग नहीं किया।ऐसे में वीरभद्र सिंह को कानूनविदों ने सलाह दी थी कि वो दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दायर करे कि इडी जब पूछताछ करे तो उन्हें गिरफ्तार न करे।ये अर्जी जस्टिस ए के पाठक कीअदालत में आज शुक्रवार को जब सुनवाई के लिए आई तो जस्टिस पाठक ने खुद को इस मामले की सुनवाई से अलग कर लिया।
उधर,उनकी पत्नीप्रतिभा सिंह के पास भी इडी की गिरफ्तारी से बचने का कोई सुरक्षा कवच नहीं हैं। हालांकि ये जरूरी नहीं है कि इडी इन्हें अभी गिरफ्तार करे ही लेकिन अगर विरोधियों ने दबाव डाला तो कोई रोक भी नहीं हैं।अब देखना ये है कि इडी क्या रण्ाानीति अपनाती है।अपडेट जारी हैं
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