शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व उनके परिवार के सदस्यों के दिल्ली में स्थित 27 करोड़ के फार्महाउस को इडी की ओर से 3 अप्रैल को अटैच करने के मामले में जांच एजेंसी की आगामी कार्यवाही पर दिल्ली हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया हैं।इस मामले में स्टे मिल जाने से मुख्यमंत्री व उनके परिवार के सदस्यों पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार फिलहाल हट गई हैं।
मनी लांड्रिंग के इस केस में जस्टिस आर के गाबा की अदालत मे सुनवाई हुई व इस अदालत में आज मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह,उनके पुत्र व प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह,चुन्नी लाल चौहान और पिचेश्वर गढढे के मामले सुनवाई के लिए लगे। ये फार्म हाउस पिचेश्वर गढढे से खरीदा था व मुख्यमंत्री के बगीचे से सेब आढती चुन्नी लाल ने खरीदे थे।
इडी ने तीन अप्रैल को वीरभद्र सिंह की प्रापर्टी को अटैच करने की जानकारी ट्विटर पर दी थी।ये रहा तीन अप्रैल का इडी का ट्वीट-:
ED attaches a farm (Purchased at 6.61 Cr in black & white) worth Rs 27 Crore of Maple Destinations & Dreambuild in Virbhadra Singh DA case.
इडी ने इस अटैचमेंट के बाद मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से नौ घंटे तक पूछताछ की थी। तब अंदेशा जताया जा रहा था कि इडी मुख्यमंत्री को अरेस्ट कर सकती हैं। लेकिन इडी ऐसा नहीं कर पाई। आज हाईकोर्ट से स्टे मिल जाने के बाद मोदी सरकार को इस मामले में बड़ा झटका लगा हैं।साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल,उनके परिवार व विधानसभा चुनावों में उतरने जा रही प्रदेशा भाजपा को भी ये खबर सदमे से कम नहीं हैं।
हालांकि इडी स्टे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती हैं।लेकिन स्टे खाली कराने में काफी समय लग सकता हैं।
मजेदार ये है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की ओर से हिमाचल दौरे के दौरान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर क्रप्शन को लेकर तीखे हमले किए थे जिसका जवाब वीरभद्र की ओर से गोधरा कांड को उठाकर दिया गया था। गोधरा दंगों के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अमित शाह पर आंच आती हैं व ये मामले पब्लिक में दोबारा उठ जाते हैं।
अब हाईकोर्ट ने ही इस मामले में स्टे दे दिया हैं तो मोदी सरकार व भाजपा को इस मसले पर वीरभद्र सिंह घेरना इतना आसान नहीं होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने पहले ही वीरभद्र सिंह पर हमले कम कर दिए हैं। बताते है कि धूमल व वीरभद्र परिवार में मेलजोल हो गया हैं।
बताते है कि अरुण जेटली को भी आइने में उतार लिया गया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहले ही वीरभद्र सिंह से यारी हैं। ऐसे में अदालत से राहत मिलने के बाद वीरभद्र सिंह को बहुत राहत मिली हैं।
ये अलग हैं कि आय से अधिक संपति मामले में सीबीआई ने अदालतचालान पेश कर दिया हैं व इसमें संज्ञान लिया जाना हैं।सीबीआई अदालत में इस मामले में छह मई को सुनवाई होनी हैं। अगर अदालत सीबीआई के चालान पर संज्ञान ले भी लेती हैं तो ट्रायल ही चलेगा। ये लंबी कानूनी प्रक्रिया हैं।वीरभद्र सिंह को तब खतरा था अगर उन्हें इडी अरेस्ट कर लेती।इडी ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पांच करोड़ की एलआइसी करने वाले एलआइसी एजेंट आनंद चौहान को पिछले दस महीनों से जेल में बंद किया हुआ हैं। हाईकोर्ट से उसे जमानत भी नहीं मिल रही हैं। बहरहाल वीरभद्र सिंह के मामलों व प्रदेश के राजनीतिक हालातों की सिथति दिलचस्प बनी हुई हैं। छह अप्रैल को ही कांग्रेस विधायक दल की बैठक भी बुलाई गई हैं जिसमें कोई बड़ा फैसला व बड़ी रणनीति बनने वाली हैं।इसी तरह सात तारीख को कांगेस कार्यकारिणी की बैठक होने वाली हैं।
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