धर्मशाला, अप्रैल 15: बैजनाथ, कठुआ और उन्नाव में हुई बलात्कार की घटनाओं के विरोध में महिलाओं और बच्चों ने कचहरी के पास हनुमान मंदिर में कफ़न में लिपटकर चक्का जाम और विरोध प्रदर्शन किया। हाल ही में कठुआ में आठ साल की बच्ची और बैजनाथ में 12 साल की बच्ची के साथ हुई इस शर्मशार करने वाली घटना ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
रसूखदारों को भी मिले सज़ा
भारतीय जनता पार्टी के उन्नाव के विधायक कुलदीप सिंह सेन्गर द्वारा कथित तौर पर 17 साल की लड़की के साथ रेप और फिर उसके पिता की हत्या के मामले के खिलाफ और पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए भी इस प्रदर्शन में मांग की गई। विरोध प्रदर्शनों की गूंज दिल्ली से होते हुए रविवार को धर्मशाला तक आ पहुंची। प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने कहा कि अपराधी कितना भी बड़ा रसूखदार क्यों ना हो इस प्रकार की घिनौनी वारदातों को अंजाम देने वालों को बख़्शा नहीं जाना चाहिए।
देवभूमि में भी नहीं हैं बच्चियां सुरक्षित
देश में आये दिन हो रही रेप की घटनाओं के विरोध के चलते महिलाओं ने यह कदम उठाया। उन्होंने कहा कि गुड़िया, बैजनाथ, कठुआ व उन्नाव रेप केस के आरोपियों को फांसी की सज़ा मिलनी चाहिए। उन्होंने बताया कि देश की महिलाओं और बच्चियों के साथ रेप कर उन्हें जंगल में मारकर फेंक दिया जाता है। इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी सरकार व पुलिस प्रशासन कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं। देवभूमि हिमाचल में भी अब डर का माहौल पैदा हो गया है, जिसके चलते देवों की भूमि कहे जाने वाले हिमाचल में भी अब लड़कियां सुरक्षित नहीं है।
दोषियों को दी जाए फांसी
विरोध प्रदर्शन में मौजूद हिमानी कश्यप ने कहा कि “ बुरी मानसिकता से ग्रसित ऐसे अपराधी को बिना सोचे समझे फांसी की सजा दे देनी चाहिए। जिन बच्चियों ने अभी ठीक से दुनिया भी नहीं देखी उन्हें इतनी छोटी उम्र में रेप का शिकार बनाया जा रहा है। इसके अलावा अर्चना शर्मा ने कहा कि “लोग इससे पहले लड़कियों के पहनावे को रेप की सबसे बड़ी वजह मानते थे, मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि जो लोग 7-8 साल की मासूम बच्चियों के साथ रेप करते हैं ऐसे लोगों के बारे में आप क्या कहेंगे।”
कंचन कुमारी ने रेप के आरोपियों को जल्द से जल्द सजा देने की मांग की है, साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार को महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए यदि कानूनों में बदलाव भी करना पड़े तो अवश्य करें। तो वहीं समाजिक कार्यकर्ता तुषार और सौरभ शर्मा ने कहा कि ऐसे मुद्दों पर धर्म और जाति की राजनीति नहीं होनी चाहिए। जो इन घटनाओं में दोषी साबित होते हैं उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनीं चाहिए, चाहे वो किसी भी राजनीतिक पार्टी से संबंध रखता हो।
जंतर-मंतर पर विरोध
इन घटनाओं के विरोध में रविवार को सिविल सोसायटी समेत देश के तमाम लोगों ने दिल्ली के जंतर-मंतर में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में पुरुष, महिला, थर्ड जेंडर, छात्र, वरिष्ठ नागरिकों समेत छोटे बच्चे भी शामिल हुए। इन लोगों की मांग है कि उन्नाव और कठुआ घटना के दोषियों को सख्त सजा दी जाए। यह प्रदर्शन शाम करीब पांच बजे से शुरू हुआ है। इसके अलावा इस प्रदर्शन में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों- जवाहर लाल यूनिवर्सिटी, दिल्ली यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों और शिक्षकों ने हिस्सा लिया। तथा सुप्रीम कोर्ट के कई वकील भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं।
कंटेंट व फोटो समाक्षी धीमान
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