शिमला। सीबीआई की ओर से गुडिया गैंगरेप मामले में वीरभद्र सरकार की ओर से गठित एसआइटी की ओर से गिरफतार छह आरोपियों में से एक आरोपी सूरज की कोटखाई पुलिस लॉकअप में हुई हत्या के मामले में अरेस्ट किए गए शिमला के पूर्व एसपी डोडुप वांग्शुक नेगी को शिमला की एक अदालत ने पांच दिन के सीबीआई रिमांड पर भेज दिया हैं। सीबीआई ने दस दिन का रिमांड मांगा था लेकिन अदालत ने दस दिन के बजाय पांच दिन का रिमांड दिया।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के सबसे वफादार हिमाचल पुलिस सेवा के पुलिस अफसर नेगी को आज सुबह सीबीआई ने गिरफ्तार किया गया। उन्हें सीजेएम रंजित सिंह ठाकुर की अदालत में पेश किया गया। अदालत में सीबीआई ने दलीलें दी कि डोडुप वांग्शुक नेगी ने फर्जी एफआईआर लिखने, सूचना को दबाने, दस्तावेजों को झूठा करार देने ,सबूत मिटाने,षडयंत्र रचने,साक्ष्यों से छेड़छाड, अफसरों को प्रभावित करने करने। सीबीआई ने अदालत में कहा कि नेगी ने जो कागजातों में टेंपरिंग की हैं,वो क्या ही हैं,इसका पता लगाना हैं।
इसके अलावा उनसे कुछ महत्वपूर्ण कागजातों को लेकर पूछताछ करनी हैं व कई कागजात कब्जे में भी लेने हैं जो वो नहीं दे रहे हैं। इस पर डी डब्ल्यू नेगी ने अदालत में खुद कहा कि वो जांच में पूरा सहयोग दे रहे हैं।
लेकिन अदालत ने उनके आग्रह को खारिज कर उन्हें पांच दिन के रिमांड पर भेज दिया।अब सीबीआई उनसे पूछताछ करेगी और 20 तारीख को दोबारा पेश करेगी।
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