शिमला। वामपंथी पार्टी माकपा ने जयराम सरकार के स्वास्थ्य विभाग में चल रहे व्यापक भ्रष्टाचार पर गंभीर चिंता जताते हुए इस घोटाले की उच्च न्यायालय के जज की ओर से निष्पक्ष जांच करवाने व दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है।
पार्टी ने कोविड -19 महामारी के नाम पर सरकार की ओर से किए गए खर्च को भी सार्वजनिक करने की मांग की है।
माकपा के राज्य सचिवालय के सदस्य व पूर्व महापौर संजय चौहान ने कहा कि इस महामारी से उत्पन्न विषम परिस्थिति के समय प्रदेश सचिवालय व स्वास्थ्य विभाग में हुए व्यापक भ्रष्टाचार से प्रदेश की भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में आ गई है।
सचिवालय में सेनेटाइजर घोटाले व स्वास्थ्य विभाग में निदेशक की गिरफ्तारी के बाद भाजपा से जुड़े नेताओं के नाम सामने आने से इसकी निष्पक्ष जांच की संभावनाएं और भी अधिक बढ़ जाती है। यह सरकार में सत्ता के करीबी राजनेता, अफसरशाही व ठेकेदार का गठजोड़ के भ्रष्टाचार को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। यदि सरकार इसकी निष्पक्ष जांच नहीं करवाती है तो यह प्रदेश की सरकार की ओर से लोकतंत्र व जनता से विश्वासघात होगा।
चौहान ने कहा कि सचिवालय में सेनेटाइजर घोटाले का पर्दाफाश हुए व विजिलेंस जांच के आदेश को करीब 20 दिन से अधिक का समय हो गया है लेकिन अभी तक कोई भी ठोस कानूनी कार्यवाही शुरू नहीं की गई है और न ही कोई गिरफ्तारी हुई है। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग में हुए व्यापक घोटाले में निदेशक के घर में छापेमारी में पुख्ता सबूत मिलने के बाद उनकी गिरफ्तारी के बाद जिस प्रकार से सरकार इस जांच को आगे ले जा रही है उससे सरकार की मंशा पर भी सवालिया निशान लगता है।
साफ है कि कई और लोग भी इस घोटाले में शामिल है । चौहान ने कहा कि सरकार प्रदेश की जनता के प्रति जवाबदेह है और उसे स्पष्ट करना होगा कि क्या सरकार इन घोटालोंके अन्य आरोपियों को बचाने का कार्य कर रही हैं और जिनके नाम इन घोटालों में उजागर हुए हैं इनमें से कुछ सत्ता के करीबी होने के कारण सरकार ने इस पर चुप्पी क्यों साध ली है।
उन्होंने कहा कि जनता ने कोविड-19 महामारी के लिए सरकार के आह्वान पर पी एम केयर फण्ड व प्रदेश कोविड-19 सोलिडेरिटी रेस्पॉन्स फण्ड में खुल कर दान किया है। परन्तु इन घोटालों से जनता के की ओर से दिए गए इस दान के दुरुपयोग की आशंका पैदा हो गई है। उन्होंने जनता की ओर से दिए दान व इस दौरान केंद्र व अन्य संस्थाओं से आए धन को किस प्रकार से सरकार ने ख़र्च किया है इस पर भी श्वेतपत्र जारी करने की मांग की है।
(0)