शिमला। कसुम्प्टी हलके में विधानसभा चुनावों से पहले इस बार दारू व दबंगता को वामपंथी प्रत्याशी व भारतीय वन सेवा के पूर्व अधिकारी कुलदीप तंवर ने चुनौती दे डाली है। साथ ही उन्होंने एलान किया कि जिस तरह ठियोग विधानसभा हलके में पिछले पांच सालों में चुनावों के समय जेसीबी संस्कृति के चलते राजनीतिक लाभ के लिए वन संरक्षण अधिनियम की उल्ल्ंघना कर बनाई संपर्क सडकों को वहां के वामपंथी विधायक राकेश सिंघा के जरिए नियमित कराया गया बिलकुल उसी तरह कसुम्प्टी में भी पौने तीन सौ ऐसी सडकों को ढाई सालों में नियमित करा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह जेसीबी संस्कृति को खत्म करने का समय हैं ताकि रातों-रात ऐसी सडकें न बने जिसकी मरम्मत व रखरखाव बाद में जनता को खुद करने पडे। उन्होंने कहा कि भारतीय वन सेवा के पूर्व अधिकारी होने के नाते यह काम वही करा सकते है।
राजधानी में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में तंवर ने कहा कसुम्प्टी विधानसभा हलके में चुनावों के दौरान जमकर दारू व दबंगता का दौर चलता है।लेकिन इस बार ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। नशे की गिर फत में युवाओं को नहीं आने दिया जाएगा। तंवर ने कसुम्प्टी हलके के देव समाज का आहवान किया कि वह देव संस्कृति, देव परंपरा व देव कारज के जरिए नशे को दूर करने का काम करे ताकि युवा पीढियों को बचाया जासके। जो तत्व राजनीतिक लाभ के लिए युवाओं को नशे के अंधेरे में धकेलते हैं उनके खिलाफ मुहिम छेडी जाए।
अरसा पहले पीएमटी घोटाला उजागर करने वाले कसुम्प्टी हलके से माकपा प्रत्याशी तंवर ने कहा कि वह खुद भारतीय वन सेवा के अधिकारी रहे है और और उन्हें मालूम है कि कसुम्प्टी विधानसभा हलके की जीवन रेखा इन संपर्क सडकों को किस तरह से नियमित कराना है ताकि इनकी देखरेख स्थानीय जनता के अपने खर्चे के बजाय लोक निर्माण विभाग के जरिए हो औ यह सडके लोक निर्माण विभाग के सुपुर्द हो जाए।
तंवर ने कहा किपिछले 20 सालों में दस साल कांग्रेस व दस साल भाजपा की सरकार रही है लेकिन राजधानी के करीब इस हलके में इन दोनों दलों ने कुछ नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की तो आज यह स्थिति है कि अगर कहीं कांग्रेस प्रत्याशी जीत भी जाता है तो इसकी कोई गारंटी नहीं है कि उन्हें भाजपा वाले उडा के ले न जाए।जब हर्ष महाजन जैसा कांग्रेसी भाजपा में जा सकता है तो बाकी तो कुछ भी नहीं हैं।
तंवर ने कहा कि भाजपा ने स्मार्ट सिटी के तहत आई अरबों की रकम में से कसुम्प्टी हलके के ग्रामीण हलकों के मिलाए हलकों को एक भी पैसा खर्च नहीं किया है। इस हलके की पूरी तरह से अनदेखी की गई है । स्थानीय विधायक कहते है कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार नहीं है इसलिए भाजपा की सरकार उनके काम नहीं करती। तंवर ने कहा कि ठियोग में वामपंथी विधायक राकेश सिंघा ने किस तरह से जनता के काम कराए हैं यह पूरा प्रदेश जानता है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री कसुम्प्टी हलके में आए थे व उन्होंने यहां कहा था कि यहां के एक विधायक है जो पिछले पांच सालों में कसुम्प्टी हलके के काम को लेकर एक बार उनसे मिलने नहीं आए जबकि किसान सभा व वामपंथी न जाने कितनी बार उनके पास अलग अलग मांगों को लेकर आए व उनके काम हुए भी।
उन्होंने कहा कि अगर कसुम्प्टी को विकास के सूचकांक में आगे लाना है तो स्वास्थ्य , शिक्षा, सडक, पानी और तमाम मूलभूत सुविधाओं को संघर्ष का रास्ता अख्तियार करना पडेगा जो वामपंथ के अलावा कोई नहीं कर सकता।शहर का 80 फीसद पानी कसुम्प्टी हलके से आतााहै लेकिन यहां के गांव प्यासे है।
पिछले पांच सालों में सिंघा ने विधानसभा के भीतर और बाहर अपने संघर्ष व जनसरोकारों के मसले उठाकर यह साबित कर दिया कि असल विपक्ष तो सिंघा ही है। उन्होंने कहा कि वह अकेले पूरे विपक्ष के बराबर थे। अगर जनसरोकारों को उठाने वाले लोग इस तरह आगे आएंगे तो प्रदेश की स्थिति बदल जाएगी।
आप को समर्थन का एलान
तंवर ने कहा कि माकपा ने आम को समर्थन देने का एलान किया है। जहां –जहां माकपा व वामपंथ समर्थक के प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं होंगे वहां पर माकपा आप प्रत्याशियों को समर्थन देगी । उन्होंने उम्मीद जताई की आम भी कुछ ऐसा ही करेगी।
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