शिमला। प्रदेश की पंचायतों में बड़े पैमाने पर व्याप्त भ्रष्टाचार पर पूरे सदन की ओर से चिंता जताए जाने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सदन में एलान किया कि पंचायतों में भ्रष्टाचार के गंभीर मामलोें की सरकार तीन महीने के भीतर विजीलेंस जांच कराएगी व दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी विधायकों से आग्रह किया कि एक बार पंचायत प्रतिनिधियों व कर्मचारियों व अधिकारियों के पकड़े जाने पर उन्हें बचाने की फरियाद लेकर कोई भी सरकार के पास न आए।
मुख्यमंत्री ने यह एलान आज प्रश्नकाल के दौरान शिलाई से कांग्रेस विधायक हर्षवर्घन चौहान की ओर से पूछे गए प्रश्न का जवाब देते हुए किया। इस मसले पर पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने सदन में कहा कि उनका विभाग अगले छह महीनों में तमाम भ्रष्टाचार के मामलों की उच्च स्तरीय जांच करवा कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
हर्ष वर्धन चौहान ने सदन में यह कह कर सभी चौंका दिया कि उनके शिलाई हलके में पंचायतों में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है व यह इसी सरकार में नहीं पूर्व की कांग्रेस सरकार के दौरान भी व्याप्त था। उन्होंने कहा कि वह खुद इस भ्रष्टाचार को रोकने में विफल रहे है और उन्हें यह कहते हुए दुख हो रहा है कि भ्रष्टाचार को रोकने में इस तरह से विफल रहने के बाद उन्हें लगता है कि उन्हें विधायक पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है।
हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि शिलाई हलके में पिछल्ले13-14 साल से भ्रष्टाचार लगातार बढ़ता जा रहा है। उन्होंने खुद शिकायतें की है। उन्होंने नीचे से लेकर खंड विकास अधिकारी तक के गठजोड़ का खुलासा करते हुए कहा कि विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों के आगे पंचायत प्रधान तो केवल कठपुतली है। उन्होंने कई पंचयतों में हो रही धांधली का जिक्र भी किया।
उन्होंने कहा कि पिछल्ले दस-बारह सालों में शिलाई में मनरेगा के तहत ही पांच सौ करोड़ रुपया खर्च हो चुका है व इसमें से ढाई से तीन सौ करोड़ का घपला हो गया है। पैसे हजम हो गए है व काम हुआ ही नहीं है।
प्रश्न का जवाब देते हुए पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि शिलाई ब्लाक की विभाग के पास 15 शिकायतें है व उनकी विभाग एक महीने के भीजर जांच मुकम्मल करा कर कार्रवाई कर देगा। उन्होंने साथ ही सदन को भरोसा दिया कि प्रदेश की पंचायतों में भ्रष्टाचार की शिकायतों की वह छह महीने के भीतर जांच करवा देंगे व अगले सत्र से पहले रिपोर्ट दे देंगे।
कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन चौहान चिंता का समर्थन करते हुए भाजपा विधायक राकेश पठानिया ने पूरक प्रश्न पूछ दिया कि क्या सरकार पंचायतों में व्याप्त भ्रष्टाचार के मामलोें की विजीलेंस जांच कराएगी। उन्होंने कहा कि जब तक पांच दस भ्रष्टाचारियों को दबोच नहीं दिया जाएगा तब तक ये धंधा नहीं रुकेगा। उन्होंनें कहा कि सभी विधायकों के हलकों में यही स्थिति है।
इसके बाद कांग्रेस विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उनके हलके की गलोउÞ पंचायत म दो -दो बार जांच हो चुकी है लेकिन कहीं कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। हर्षवर्धन ने मुख्यमंत्री से कहा कि वह खुद शिकायतें करेंगे व विजीलेंस जांच होनी चाहिए।
सदन के लगभग सभी विधायकों के इस मसले पर एकमत होने क बाद मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि लग रहा है सभी जगह भ्रष्टाचार है। उन्होंनें कहा कि जब से पंचायतों को सीधा पैसा मिलने लगा है तब से ये भ्रष्टाचार बढ़ा है। उन्होंने कहा कि सरकर ने एक दो पंचायत सहायक व पंचायत सचिव के तबादले कर दिए तो पूरी पंचायतें तबादले रुकवाने के लिए उनके पास पहुंच गई। इससे लगता है कि गठजोड़ काम कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि जो भी गंभीर शिकायतें सरकार के पास आएगी उनकी विजीलेंस जांच कर तीन महीने में दोषियों को सजा दिलाई जाएगी।
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