शिमला। कोविड केयर केंद्र रिपन अस्पताल में डाक्टरों व अन्य स्टाफ की बेरुखी से आहत कोरेाना पाजिटिव एक महिला की ओर से बीती रात को फंदा लगाकर जान दे देने से हड़कंप मच गया है। साथ ही पूरा अस्पताल प्रशासन कटघरे में खड़ा हो गया है।
प्रदेश की राजधानी के अस्पताल में किसी कोरोना पाजिटिव मरीज की ओर से इस तरह अस्पताल में आकर फंदा लगाकर आत्महत्या कर देने से जयराम सरकार के कोविड -19 से निपटने के दावों की पोल खोल कर रख दी है।
जिला के चौपाल की रहने वाली ये 54 साल की महिला 18 तारीख को चौपाल में कोरोना पाजिटिव आई थी । उसे वहां से रिपन अस्पताल भेजा गया। 18 सितंबर को उसका बेटा नरेंद्र उसे लेकर रिपन अस्पताल आया था। लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उसके बेटे को अंदर नहीं जाने दिया।अस्पताल प्रशासनने इस महिला को आइसोलेशन वार्ड में डाल दिया। अकेलेपन व बेरुखी के चलते यह महिला अवसाद की शिकार हो गई और बीती रात को इस महिला ने फंदा लगा दिया।
आज सुबह इस महिला के बेटे ने अस्पताल प्रशासन पर संगीन इल्जाम लगा दिए । नरेंद्र ने कहा कि उनकी मां को पिछले तीन चार दिनों से कोई दवाई नहीं दी जा रही थी। वह डाक्टरों से दवा देने का आग्रह कर रही थी। उसे देखने भी कोई नहीं जा रहा था। उसने कहा कि उसकी मां ने उसे बताया कि कोई नर्स भी उसे पूछने नहीं आ रही है। बेटे के मुताबिक दलील दी गई कि वह एक मरीज के लिए पीपीइ किट नहीं पहन सकती। अगर दो तीन मरीज आ जाएंगे तो वह आइसोलेशन वार्ड में आएंगी।
उसे खाना व पानी भी दरवाजे के बाहर रख दिया जाता था। नरेंद्र ने कहा कि उसे मां से मिलने नहीं दिया गया। इस तरह आइसोलेशन वार्ड में बेरुखी से वह आहत हो गई और उसने फंदा लगा लिया। उधर, इस मामले में शिमला पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।नरेंद्र ने कहा कि उसकी मां पिछले चार पांच सालों से उच्च रक्तचाप से ग्रसित थी।
एडीएम को सौंपी जांच
राजधानी के अस्पताल में हुई इस आत्महत्या की घटना की जांच स्वास्थ्य विभाग ने एडीएम शिमला को सौंप दी है।अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आर डी धीमान ने कहा कि इस मामले की जांच एडीएम को सोंपी गई है व वह तमाम पहलुओं की जांच कर सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगी।
स्वास्थ्य मंत्री बेखबर
बीती रात को राजधानी के सरकारी अस्पताल में हो गई इस घटना को लेकर जयराम सरकार के स्वासथ्य मंत्री राजीव सैजल शाम तक बेखबर थे। उन्होंने कहा कि वह बिलासपुर में विभिन्न बैठकों में रहे व वह शिमला जा रहे है। शिमला पहुंच कर मामले को देखेंगे।
मानसिक रोग विशेषज्ञों की करे तैनाती
वामपंथी पार्टी माकपा ने इस घटना पर क्षोभ जताते हुए जयराम सरकार से आग्रह किया है कि प्रदेश के तमाम कोविड देखभाल केंद्रों में आइसोलेशन व क्वारंटीन में रखे मरीजों के मानसिक रोगों के लिए मानसिकरोग विशेषज्ञों की तैनाती की जाए। माकपा के राज्य सचिवालय के सदस्य कुलदीप तंवर ने कहा कि कोविड -19 ने इस तरह की स्थिति पैदा कर दी है कि कोरोना मरीज ही नहीं बाकी लोग भी अवसाद में आ गए है। चाहे वह डाक्टर व पैीरा मेडिकल स्टाफ हो या आम जनता।
उन्होंने कहा कि सभी 12 जिलों में मनोचिकित्सकों व सामाजिक कार्यकर्ताओं की टीमें बनाई जाए व एक हेल्पलाइन शुरू की जाए । इसके राज्य भर में जागरूकता अभियान चलाया जाए।तंवर ने इस बावत सरकार को पार्टी की ओर से हर तरह की मदद करने की पेशकश भी की।
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