नई दिल्ली। देश की दो मुख्य राजनीतिक पार्टियों कांग्रेस व भारतीय जनता पार्टी के विदेशी फंड लेने मेें एफसीआरए के उल्लंघन का दोषी पाए जाने के बावजूद केंद्र की मोदी सरकार की ओर से कोई कार्रवाई न करने पर अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने मोदी सरकार को शोकॉज नोटिस जारी किया हैं कि क्यों ने सरकार के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए।। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने मोदी सरकार के गृह सचिव से चार सप्ताह के भीतर जवाब दायर करने के निर्देश दिए हैं। ये निर्देश जस्टिस मनमोहन की खंडपीठ ने दिए।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म और पूर्व विदेश सचिव डा. इएएस सरमा ने इस मसले पर मोदी सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी ।मामले की अगली सुनवाई 20 जुलाई को होनी हैं।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अदालत में पेश हुए सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रणव सचदेवा ने दलील दी कि अदालत ने 28 मार्च को 2014 के अपने आदेश में कांग्रेस व भाजपा को फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट का उल्लंघन करने का दोषी पाया था। अदालत ने केंद्र सरकार को दोनों राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।
यही नहीं दिल्ली हाईकोर्ट के इस आदेश को चुनौती देते हुए कांग्रेस व भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी ।इन दोनों पार्टियों ने एसएलपी वापस ले ली थी व सुप्रीम कोर्ट ने 29 नवंबर 2016 को ये एसएलपी खारिज कर दी थी। अवमानना याचिका को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण दायर किया था
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