शिमला। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे अमित भाई जय शाह की कंपनी की ओर से एक साल में 50 हजार से 80 करोड़ का टर्न ओवर खड़ाकर देने पर कांग्रेस पार्टी ने बवाल खड़ा कर दिया हैं। कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले की सुप्रीम कोर्ट के सीटिंग जज से जांच कराने की मांग की हैं।
कांग्रेस पार्टी की हिमाचल सह प्रभारीव राष्ट्रीस प्रवकता रंजीता रंजन ने राजधानी शिमला में कहा कि हिमाचल के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के दस करोड़ के मामले में मोदी सरकार ने चार-चार एजेंसियां पीछे लगा दी। क्या वो शाह के बेटे के इस कांड की भी जांच कराएंगे। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्षों बंगारू लक्ष्मण, लाल कृष्ण आडवाणी , और नितीन गडकरी पर आरोपों के लगने के बाद उनके इस्तीफे का हवाला देकर कहा कि क्या अमित शाह से भी प्रधानमंत्री इस्तीफा लेंगे।
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान भाजपा कांग्रेस पर आरोप लगाती थी कि ये दामद मॉडल ऑफ बिजनेस हैं उन्होंने कहा कि क्या ये शाह मॉडल ऑफ बिजनेस हैं। रंजीता रंजन ने कहा कि जय शाह की कंपनी टेंपल एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड का मार्च 2014का टन ओवर 50 हजाररुपए था जो एक साल में बढ़ कर 80 करोड़ हो गया।ये कैसा उद्यम है कि बाकी सबका कारोबार डूब गया लेकिन जय शाह का कारोबार 16 हजार गुणा बढ़ गया। मजेदार ये है कि अक्तूबर 2016 में ये कंपनी घाटे में चली गई और बंद कर दी गई।
रंजीता रंजन ने सवाल किया कि क्या आयकर विभाग व प्रवर्तन निदेशालय का ये फर्ज नहीं हैं कि वो इस कांड की जांच करे। जबकि नोटबंदी के बाद इन विभागों ने 18 लाख खाते सील किए लेकिन जय शाह के खाते कभी भी सील नहीं किए। उन्होंने कहा कि जय शाह की कंपनी ने एक कमरे का किराया 80 लाख रुपए दर्शाया हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसा क्या कारोबार होता था इस कमरे से।
यही नहीं ये कपंनी शेयर व आयात निर्यात का काम करती थी। उन्होंने केंद्रीय रेल मंत्री(तत्कालीन बिजली मंत्री) पीयूश गोयल को लेपटते हुए कहा कि जिस कंपनी को पवन बिजली का प्रोजेक्ट लगाने का अनुभव ही नहीं था उसे मध्यप्रदेश के रतलाम में 2.1 मेगावाट की पवन चक्की लगाने का प्रोजेक्ट कैसे दे दिया। आरइडीए ने 10 करोड़ 35 लाख का कर्ज भी दिया।उन्होंने सवाल किया कि मोदी सरकार को ये बताना चाहिए कि इस प्रोजेक्ट की सिथति क्या हैं,यसे प्रोजेक्ट जमीन पर बना भी है या नहीं। उन्होंने कहा कि पीयूश गोशल जय शाह को बचाते हुए दिखे हैं व मीडिया को मानहानि का दावा करने की धमकी दे रहे हैं।
उन्होंने ये भी कहा कि शाह परिवार की दूसरी कंपनी को स्थानीय कोआप्रेटिव बैंक जिसके डज्ञयरेक्टर खुद अमितशाह हैं,ने छह करोड़ 20 लाख की प्रापर्टी की गारंटी पर 25 करोड़ का कर्ज दे दिया । उन्होंने आरबीआई से भी सवाल उठाया कि क्या आरबीआई के नियम इसकी इजाजत देते हैं और क्या इस तरह के कर्ज किसानों ,छोटे कारोबारियों व आम लोगों को भी दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि केआइएसएफ फाइनेशियल सर्विसेस ने जय शाह की कंपनी को 15 करोड़ का अनसेक्योर कर्ज दे दिया।इस कंपनी के मालिक राजेश खंडेलवाल हैं जो अंबानी की कंपनी के गुजरात के प्रभारी हैं व परमल नाथवानी जो झारखंड से बीजेपी के राज्य सभा सदस्य हैं , के समधि हैं। उन्होंने कहा कि केआइएसएफ को सेबी की भी चेतावनी भी मिली थी।
रंजीता रंजन ने कहा कि कांग्रेस इस मसले को देश भर में ले जाएगी और हिमाचल में भी चुनाव के दौरान इस मसले को उठाएगी। चुनाव होता ही है जनता को जवाब देने के लिए।
उन्होंने कहा कि वो किसी को दोषी नहीं बता रहे हैं और न ही किसी को गुनाहगार बता रहे हैं। पार्टी बस इतना चाहती है कि इस मसले की जांच हो ताकि सच जनता के सामने आ सके।
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार में घोटाले हुए वो अफसोस जनक था लेकिन वो बाहर भी आए। वो बाहर इसलिए आ पाए क्योंकि कांग्रेस ने मीडिया को दबाया नहीं था। मोदी सरकार तो मीडिया पर दबावबना रही हैं। जिस वेबसाइट ने इस घपले को बाहर लाया उसके सर्वर को धीमा कर दिया हैं।
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