शिमला। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस पार्टी ने भोरंज विधानसभा हलके से कांग्रेस नेता प्रेम कौशल पर भरोसा जताया हैं। पार्टी के प्रवक्ता नरेश चौहान ने मीडिया को जारी वि�ज्ञप्ति में कहा कि प्रेम कौशल के नाम को राहुल गांधी की मंजूरी मिलने के बाद पार्टी के महासचिव मधूसूदन ने घोषित किया। उन्होंनें कहा कि 21 मार्च को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर सुखविन्दर सिंह सुक्खू और जिला व क्षेत्र के अन्य वरिष्ठ नेताओं व सैंकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं सहित पार्टी प्रत्याशी चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।
बहरहाल पार्टी ने कौशल को टिकट तो दे दिया हैं लेकिन क्या बिखरी कांग्रेस उन्हें जीता भी पाएगी ये बड़ा सवाल हैं। पूर्व मंत्री ईश्वर दास धीमान जिनके निधन के बाद ये सीट खाली हुई थी,उनका बड़ा कद था व भाजपा ने सहानुभूति वोट हासिल करने के लिए उनके बेटे अनिल धीमान को प्रत्याशी बनाने में बिलकुल भी देरी नहीं की। वैसे भी हमीरपुर नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल का जिला हैं व धूमल का दखल जिला में कहीं हैं तो वो अपने चुनावी हलके के अलावा भोरंज में सबसे ज्यादा हैं।
ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी प्रेम कौशल यहां से जीत पाएंगे ये देखना हैं। अगर कौशल नहीं जीत पाते हैं तो मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता हैं। आम चुनावों से पहले सीधा संदेश जाएगा कि वीरभद्र सिंह की कमान में आम चुनाव जीतना संभव नहीं हैं।
कांग्रेस के नेता उतराखंड की मिसाल देकर वीरभद्र सिंह को सीन से हटाने की जुगत भिड़ाने में पहले ही लगे हुए हैं। अगर सरकार होते हुए कांग्रेस पार्टी भोरंज का चुनाव हार जाती हैं तो मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह तो मुश्किल में आएंगे ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुक्खू भी संकट में आ जाएंगे। हमीरपुर जिला उनका गृह जिला हैं।ये दीगर है कि 2012 में वो अपना चुनाव हार गए थे। वो किसी को जीता पाएंगे ये कुव्वत उनमें नहीं हैं। इन चुनावों में वीरभद्र के मंत्री क्या रोल अदा करेंगे इस पर निगाह रहेगी।
कभी धूमल के करीबी रहे राजेंद्र राणा क्या करेंगे इस पर भी नजर रहेगी। हो सकता हैं कि वो अपनी असली पार्टी बीजेपी की ओर रूख कर दें। जिला हमीरपुर से कांग्रेस के एक ही एमएलए हैं व वो हैं इंद्रदत लखनपाल।वीरभद्र सिंह के बेहद करीबी लखनपाल कितना कुछ कर पाएंगे ये सबको मालूम हैं। अगर किसी ने कुछ करना हैं तो वो मुख्यमंत्री व उनके मंत्रियों ने ही करना हैं। बाकी कोई कुछ नहीं कर सकता हैं। राहुल गांधी तो बिलकुल भी कुछ नहीं कर पाएंगे। वो प्रचार में आएं तो हो सकता हैं कौशल जीत ही न पाएं।
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