शिमला। मोदी सरकार जिस रक्षा,सिविल एविएशन,फर्मास्यिूटिकल व सिंगल रिटेल मेंएफडीआई को सौ फीसद करने के अपने फैसले को लेकर देश में जश्न मनाने के मुड़ में हैं उसे देश हित के खिलाफ बताते हुए कांग्रेस पार्टी ने इस फैसले को लागू करने के लिए संसद से फेमा अधिसूचना को पास न होने देने का बड़ा एलान किया है।इन क्षेत्रों में सौ फीसद एफडीआई कर देने के बाद मोदी सरकार को इसके लिए संसद से फेमा अधिसूचना को पास करना होगा तभी ये इन क्षेत्रों में सौ फीसद विदेशी निवेश का रास्ता खुलेगा।।
कांग्रेस पार्टी के नेता व राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता व हिमाचल से राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा नेे शिमला में एलान किया कि कांग्रेस पार्टी इस अधिसूचना को संसद में पास नहीं होने देंगी।कांग्रेस पार्टी बाकी पार्टियों को भी इस मामले में एकजुट करेगी ताके देशहित बचाए जा सके।
पूर्व विदेश मंत्री आनंद शर्मा राजधानी में संवाददााताओं से बातचीत कर रहे थे।मोदी सरकार पर हमला करते हुए आनंद शर्मा ने कहा कि सिविल एविएशन व सिंगल ब्रांड रिटेल में पहले से एफडीआई का प्रावधान था। लेकिन यूपीए सरकार ने देश हित व स्थानीय स्तर पर रोजगार मिले उसके लिए 30 प्रतिशत लोकल डोमेस्टिक सोसर्सिंग की शर्त रखी थी।इसे मोदी सरकार ने हटा दिया है। मोदी सरकार को देश को इसका जवाब देना होगा कि उसने ऐसा क्यों किया।
इसी तरह रक्षा के क्षेत्र में 74 फीसद से उपर के विदेशी निवेश के लिए सरकार व सुरक्षा पर बनी केबिनेट कमेटी ऑन सिक्यूरिटी से मंजूरी लेने का प्रावधान था । इसे मोदी सरकार ने अब समाप्त कर दिया है।इसके अलावा डिफेंस के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के मामले को भी गायब कर दिया है। अब कोई भी हथियार व बाकी उपकरण अपना प्लेटफार्म तैयार कर बना सकता है लेकिन प्रौद्योगिकी उसके अपने देश में ही रहेगी। ये खतरनाक व चिंता का मसला है।
आनंद शर्मा ने कहा कि फार्मास्यिूटिकल में भारत दुनिया में अव्वल देशों में शुमार करता हैै। दुनिया की 25 फीसद दवाइयां भारत में बनती है। फर्मास्यिूूटिकल क्षेत्र में विदेशी निवेश को बढ़ाकर देश की जनता के स्वास्थ्य व बेहतर इलाज तक की पहुंच को खतरे में डाल दिया है।ग्रीन फील्ड में तो पहले से ही सौ फीसद एफडीआई थी लेकिन ब्राउनफील्ड में यूपीए सरकार ने शर्तं लगा रखी थी। वोशते्रं सब हटा दी गई हैं। अब इस सेक्टर मेंं होने वाले निवेश को लेकर जो एग्रीमेंट होगा उसमें नॉन कंपीट क्लॉज जोड़ दिया गया है। यानि के अगर कोई विदेशी कंपनी देशी कंपनी का विलय करती है या उसे अधिग्रहित करती है तो वो कंपनी उस दवा को नहीं बना सकती।विदेशी कंपनी को एकाधिकाार हो जाएगा।
ऐसे में एफडीआई के मसले पर मोदी सरकार के फैसले देशहित में किसी भी तरह से नहीं हैं। कांग्रेस पार्टी इस एफडीआई को संसद से पारित नहीं होने देगी।
उन्होंने कहा कि भााजपा अध्यक्ष अमितशाह ने भी कहा किदेश की देश आगे बढ़ रहा है। लेकिन उन्हें नहीं लगता कि अमित शाह को अर्थव्यवस्था की कोई जानकारी हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का प्रोपेगेंडा असलियत पर भारी है।निर्यात घटा है।1947 से लेकर अब तक ये पहली बार हुआ हैं कि नेशनलइंवेस्टमेंट रेट नेशनल सेविंट रेट से नीचे गया हो।ग्रॉस केपिटल फार्मेशन नकारात्मक हुआ है।कृषि निर्यात बुरी तरह से गिरा है।दो करोड़ सालाना रोजगार देने का भरोसा दिया गया था लेकिन सरकारी आंकड़ों के मुताबिक डेढ लाख के करीब लोगों को रोजगार मिला।विदेशी निवेश गिरा है।
(0)