शिमला। विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन आज नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सरकार पर निजी सुरक्षा अधिकारियों यानी पीएसओ के जरिए जासूसी कराने का सनसनीखेज और बेहद गंभीर इल्जाम लगाकर सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। सदन में मुकेश अग्निहोत्री ने इस बावत पुलिस के अधिकारियों की ओर से पीएसओ को भेजे वाटसएप संदेश को भी पढ़ा जिसमें कहा गया कि वह विधायक का लोकेशन को सुबह सात बजे से पहले उनके साथ साझा करे व इस बावत विधायक को न बताए।
उन्होंने कहा कि एक विधायक के निजी स्टाफ को तो ऐसा संदेश भेजा गया कि वह उसके बारे में जानकारी साझा करे इसकी एवज में उसे सीआइडी फंड से पैसा अदा किया जाएगा।
अग्निहोत्री ने कहा कि यह विधायकों की निजता और उनके विशेषाधिकार का उल्लंघन है व इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार विधायकों की जासूसी क्यों करना चाहती है। प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद अग्निहोत्री ने यह मामला सदन में उठाया और कहा कि गृह महकमा मुख्यमंत्री के अधीन है। सदन में यह बताया जाना चाहिए कि इस तरह के आदेश व निर्देश किसके इशारे पर जारी किए गए । जो इस तमाम कारगुजारी के लिए जिम्मेदार हैं उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया जाए।
जब अग्निहोत्री इस मसले को सदन में उठा रहे थे तो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सदन से बाहर चले गए और अधिकारी दीर्घा से मुख्य सचिव राम सुभाग सिंह और पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू भी सदन के बाहर आ गए । आपस में जानकारी का आदान प्रदान करने के बद मुख्यमंत्री सदन में आए व इस मसले पर सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि सरकार की ओर से किसी भी स्तर पर किसी ने भी इस तरह की जासूसी के आदेश नहीं जारी किए है।
उन्होंने कहा कि मुकेश अग्निहोत्री जो इल्जाम लगा रहे हें व जिस वाटसएप संदेश का जिक्र कर रहे वह उस संदेश को सरकार के साथ साझा करे ताकि इसके स्रोत का सत्यापन किया जा सके। उन्होंने कहा कि पता नहीं यह संदेश कितना सही है और अगर इस तरह का कोई संदेश किसी स्तर पर किसी अधिकारी ने भेजा है तो यह गैर जिम्मेदाराना है। ऐसे अधिकारी के खिलाफ निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमत्री ने कहा कि अमूमन पहले से ही पुलिस की ओर से विधायकों की लोकेंशन को लेकर जानकारी ली जाती रही है। जब वह विधायक थे तो भी उनके पीएसओ से कई बार ऐसी जानकारी मांगी जाती थी। उन्होंने कभी भी सवाल नहीं उठाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार विधायक किसी कार्यक्रम में जा रहे है तो वह जराम में न फंसे या कोई सुरक्षा संबधी कोई दिक्कत न हो तो भी लोकेशन को लेकर जानकारी ली जाती रही ।
साथ ही उन्होंने कहा कि पीएसओ तो वैसे भी विधायक की सिफारिशों व चयन के आधार पर दिए जाते हैं।
सदन में ऊना से कांग्रेस विधायक सतपाल रायजादा ने कहा कि जिस पीएसओ को लेने के लिए उन्होंने कहा था कि उसे सरकार ने उन्हें नहीं दिया व जिसे सरकार ने भेजा उसे उन्हें लेने से इंकार कर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकों की ओर सेे जिन पीएसओ का चयन होता है उनकी विश्वसनीयता को लेकर पुलिस भी अपनी राय देती है और पुलिस से क्लीयर होने के बाद ही पीएसओ मुहैया करायाा जाता है। उन्होंने सनसनीखेज दावा कि कई लोगा ऐसे है जो ज्यादा नुकसान दायक हो सकते है।
रायजादा ने कहा कि उनके निजी स्टाफ को पंडोगा पुलिस की ओर से कहा गया कि वह रोजाना उनके साथ बैठे और उनकी सेवा पानी की जाएगी व विधायक के बारे जानकारी साझा करते रहे।
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