शिमला। 2007 के विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ कांग्रेस नेता मेजर विजय सिंह मनकोटिया को वीरभद्र सिंह सरकार ने प्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया हैं।
इसकी प्रतिक्रिया में मनकोटिया ने वीरभद्र सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने का मन बना लिया हैं। वो कल शुक्रवार को दोपहर बाद कोई बम फोड़ने वाले हैं। समझा जा रहा है कि वो शिमला के ब्यूटिफिकेशंस पर खर्च की गई रकम से लेकर कई और मसलों पर कोई खुलासा करने वाले हैं।इसके अलावा मुख्य सचिव वी सी फारका जो कि पर्यटन विभाग के भी सचिव हैं, को लेकर भी खुलासा कर सकते हैं। बशर्तें उन्हें कल दोपहर तक मैनेज नहीं कर लिया गया । चूंकि उन्हें हटा दिया गया हैं तो उनके पास मोर्चा खोलने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा हैं।
अब देखना ये है कि क्या वो दोबारा 2007 की तरह भाजपा के नेता धूमल के साथ जाएंगे या कुछ और करेंगे।पिछली बार धूमल ने उनका बेजा इस्तेमाल किया था और बाद में दोनों में तनातनी भी हुई थी।
मनकोटिया ने रिपोर्टर्स आइ से कहा कि सरकार ने उनकी नियुक्ति को विदड्रॉ कर दिया हैं।वो कल मीडिया से रूबरू होंगे।
मनकोटिया कई दिनों से विद्रोह की मुद्रा में थे लगातार जगह-जगह बयानबाजी कर रहे थे। उन्होंने मीडिया में आज भी कहा के भाजपा जगह-जगह ये कह रही है कि प्रदेश का मुख्यमंत्री जमानत पर हैं व कांग्रेस के पास इसका कोई सुरक्षात्मक जवाब नहीं हैं।
यहां ये काबिलेगौर है कि मनकोटिया अपने विधानसभा हलके शाहपुर में संकट में है व वो संकट में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के करीबी केवल सिंह पठानिया की वजह से हैं। या यूं कहे कि मनकोटिया पर नकेल कसने के लिए वीरभद्र सिंह ने केवल सिंह पठानिया को मनकोटिया के समानंतर खड़ा किया हुआ हैं। पिछली बार भी मनकोटिया शाहपुर से हार गए थे। इसके बाद वीरभद्र सिंह व मनकोटिया में कोई अदृश्य समझौता हुआ व मनकोटिया को प्रदेश पर्यटन बोर्ड का उपाध्यक्ष बना दिया गया। इस बीच मनकोटिया कभी–कभी वीरभद्र सिंह का गुनगान भी कर लेते थे।
बहरहाल अब अनबन हो गई हैं व वीरभद्र सिंह ने मनकोटिया के राजनीतिक दुश्मन केवल सिंह पठानिया को शह देना व मजबूत करना जारी रखा हैं। अब उन्हें पद से हटा दिया हैं। ऐसे में अब मनकोटिया व वीरभद्र सिंह के बीच एक बार फिर दिलचस्प जंग होने वाली हैं।
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