शिमला। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सरकार की ओर से सरकारी खजाने से शुरू की गई अजीबो –गरीब पेंशन को सुक्खू सरकार ने बंद कर करने का इंतजाम कर दिया हैं। इस बावत लाए गए विधेयक को आज विधानसभा में भाजपा के विरोध के बीच पारित कर दिया गया। इन नेताओं को इस पेंशन के तौर पर अब तक दो करोड़ 43 लाख रुपए की रकम खर्च की जा चुकी हैं।
जयराम सरकार ने जब देश भर में कोविड का कहर व्याप्त था और सरकारी खजाने पर दबाव था उसके बाद पूर्व की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर से देश में थोपे गए आपात काल के दौरान जेल में गए भाजपा नेताओं को प्रति महीना 22 हजार और 12 हजार रुपए की पेंशन लगाने का इंतजाम किया था।
दिलचस्प तौर पर इस पेंशन का नाम हिमाचल प्रदेश लोकतंत्र प्रहरी सम्मान रखा गया था। जयराम सरकार का मानना था कि आपात काल के दौरान लोकतंत्र का गला घोटा गया था व इसके खिलाफ जगह-जगह पर आवाज उठी तो तत्कालीन इंदिरा सरकार ने अवाज बुलंद करने वालों नेताओं को जेल में भर दिया। इसलिए उनको सम्मान देने के लिए उन्होंने इस पेंशन को शुरू किया था।
दिलचस्प यह है कि इससे पहले हिमाचल में 1998 में भी भाजपा की सरकार थी। उसके बाद 2008 में भी भाजपा की सरकार आई लेकिन तब इस पेंशन को शुरू नहीं किया गया था। लेकिन जयराम सरकार ने भी अपने तीसरे व चौथे साल के कार्यकाल में इस पेंशन को शुरू किया था व इसका तब भी विरोध हुआ था। जयराम सरकार ने इसके लिए बाकायदा विधानसभा से कानून से पारित कराया था।
यह पेंशन पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार से लेकर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राधा रमण शास्त्री समेत सौ के करीब नेताओं को लगी थी। इनमें से पहले ही कई विधायक,सांसद,मंत्री मुख्यमंत्री व अन्य ओहदों पर रह चुके हैं व इनकी वितीय स्थिति भी खराब नहीं थी। बावजूद इस पेंशन को शुरूकिया गया था।
अब सुखविंदर सिंह सरकार ने इस पेंशन को बंद करने के लिए आज सदन में विधयेक पेश कर दिया हैं। विधेयक में साफ किया गया है कि इस पेंशन को जारी रखने का कोई औचित्य नहीं हैं इसलिए पूर्व सरकार की ओर से लाए गए इस विधेयक को निरस्त किया जाता हैं।
इस मसले पर आज विधानसभा में दोनों तरफ से खूब गर्मागर्मी और शोरगुल हुआ लेकिन आखिर में इस कानून को सदन में पारित कर दिया गया।
भाजपा पेंशन को बंद करने का पूरजोर विरोध किया लेकिन उदयोग मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने कहा कि आपात काल के दौरान भाजपा नेताओं व आरएसएस ने देश में सरकार का तख्ता पलटने के लिए साजिश रची थी। इसलिए उन्हें एहतियात के तौर पर जेल भेजा था। इनकी स्वतंत्रता सेनानियों से तुलना नहीं की जाती। इनको पेंशन देने के लिए तो देश के अपराधों से निपटने के कानूनों में बदलाव करना पडेंगे। हष्र्ज्ञवर्धन चौहान ने इस दौरान सदन में भाजपा नेताओं के नाम भी लिए और कहा कि ऐसे लोगो को पेंशन लगा दी जो पहले से फले फूले हुए हैं।
इस दौरान भाजपा विधायकों ने नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट भी किया ।
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