शिमला। कांग्रेस व वामपंथी पार्टी माकपा ने प्रदेश में हों रही बेमौसमी वर्षा और ओलावृष्टि से हो रहे किसानों के नुकसान पर चिंता व्यक्त करते हुए जयराम सरकार से किसानों को तुरंत कोई आर्थिक राहत देने की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर व माकपा के सचिव संजय चौहान ने अलग-अलग बयान जारी कर कहा है कि देश में कोरोना ने किसानों की हालत पहली ही खराब कर रखी है ऊपर से बेमौसमी वर्षा और ओलावृष्टि ने इनकी रही सही कसर पूरी कर दी है।
राठौर ने कहा है कि प्रदेश के मैदानी इलाकों में गेंहू की फ़सल लगभग तैयार खड़ी थी।पिछले एक दो दिनों में यहां हुईं ओलावृष्टि ने पूरी की पूरी फ़सल तबाह कर दी है। इसके अलावा सेब,आड़ू,पलम,आम,लीची की प्रमुख फसलें इस ओलावृष्टि की भेंट चढ़ चुकी है। राठौर व चौहान ने कहा है कि सरकार को सभी जिला उपायुक्तों को नुकसान का पूरा आंकलन कर इसकी पूरी वस्तु स्थिति से प्रदेश सरकार को अवगत कराने के निर्देश देने चाहिए ताकि नुकसान की भरपाई की जा सके।
राठौर ने सरकार के किसानों व बागवानों के प्रति ढुलमुल रवैये की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि न तो कृषि मंत्री को इनकी कोई चिंता है और न ही बागवानी मंत्री को।उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि वह खुद ही इसका संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को कड़े आदेश जारी कर प्रभावित किसानों, बागवानों के राहत देने के लिए इनके नुकसान का आंकलन करने को कहें।
माकपा नेता संजय चौहान ने कहा कि किसानों व बागवानों की ओर से बैंकों व अन्य संस्थानों से लिए गए कर्ज की वापसी पर रोक लगाई जाए।अगर संभव हो सके तो इसे माफ कर दिया जाए ताकि इन्हें इस संकट की घडी से उबारा जा सके।उन्होंने कहा कि अधिकांश मंडिया बंद होने के कारण किसानों व बागवानों को अपनी फसलें औने –पौने भाव पर बेचनी पड़ रहीहै। ऐसे में वह इस स्थिति में नहींहै कि वह कर्ज को लौटा सके। उन्होंने कहा कि आकलावष्टि की वजह से शिमला, किन्नौर ,कुल्ल्ू व मंडी में बीस फीसद तक नुकसान हो चुका है।इसी तरह नाशपति,चेरी और अन्य गुठलीदार फलों का भी नुकसान हुआ है।उन्होंने कहा कि मटर, गोभी व टमाटर जैसी बेमौसमी सब्जियां तैयार हो चुकी है लेकिन मंडिया बंद होने के कारण उत्पादकों को कीमत नहीं मिल रही है।
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