शिमला। मनी लांड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय के शिकंजे में फंसे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज 11वीं अंतरराज्यीय विकास परिषद की बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कुछ पल के लिए अकेले में मुलाकात की। राजनीतिक गलियारों में इस मुलाकात को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा हैं। मनी लांड्रिंग केस में इडी मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह को गिरफ्तार करने की फिराक में हैं।गिरफ्तारी से बचने के लिए मुख्यमंत्री के पास कोई कानूनी रक्षा कवच भी नहीं हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई ये मुलाकात गिरफ्तारी से बचने का रक्षा कवच माना जा रहा है।
ये मुलाकात रक्षा कवच बन पाता है ये नहीं ये आगामी दिनों में पता चलेगा। लेकिन जिस तरह के तेवर छोटे धूमल ने सोशल मीडिया फेसबुक पर जाहिर किए है उससे लगता हैं कि मुख्यमंत्री को गिरफ्तार कराने का काफी अचछाा इंतजाम किया गया है।
मुख्यमंत्री ने दिल्ली हाईकोर्ट में गिरफ्तारी से बचने केलिए अर्जी डाली थी लेकिन जज ने सुनवाई करने से खुद को अलग कर लियाा। ऐसे में अब इडी अगर चाहे तो किसी भी समय उन्हें अरेस्ट कर सकती है।हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट में उनकी अर्जी पर 19 जुलाई को सुनवाई होनी है।तब तक इडी कुछ भी करने का आजाद है।अगर हाईकोर्ट से उन्हें राहत मिल गई तो इडी फिर कुछ नहीं कर पाएगी और धूमल व उनके परिवार की वीरभद्र सिंह को कुर्सी से हटानेे की हसरत धरी की धरी रह जाएगी।
छोटे धूमल ने फेसबुक पर अपने तेवर जाहिर किए है उन्होंने 14 जुलाई को प्रदेश के डीजीपी संजय कुमार को सलाह दी कि वो उनके, ,उनके बड़े भाई अनुराग और पिता प्रेम कुमार धूमल के खिलाफ केस बनाने से पहले सोच लें।मुख्यमंत्री खुद चंद दिनों के मेहमान हैं।उनका क्या हश्र हुआ है इसे वो जानते ही होंगे।
यहां पढ़े पूरा पोस्ट-
मुख्यमंत्री जी पिछले दो तीन दिन से लगातार पुलिस अधिकारियों पर दवाब बना रहें हैं जैसे तैसे धूमल जी अनुराग जी और मुझ पर कोई भी केस बनाया जाए।
में इसका स्वागत करता हूँ और चुनौती देता हूँ अधिकारियों को कि केस बनायें पर उनका हश्र क्या होगा इसको ध्यान में रखें। मुख्यमंत्री का ख़ुद का क्या हाल हुआ है पिछले केस बना कर उसको देख लें। मुख्यमंत्री केवल चंद दिनों के मेहमान हैं उसको बाद अपना हाल सोच कर ही कोई क़दम उठाएँ।
और DGP संजय जी को एक सुझाव-
धृतराष्ट्र और दुर्योधन के संजय ना बने। जीत हमेशा सत्य की होती है, संजय की नहीं। संयम में रहें।
इसी दिन उन्होंने उनकेपरिवार व बेटे को विक्रमादित्य को लेकर भी पोस्ट डाली व तंज किया।चूंकि ये पूर्व मुख्यमंत्री धूमल के बेअे की पोसट हैं ,तो निश्चित तौर इसकेपीछे बड़ी पृष्ठभूमि रही होगी।यहां पढ़े पूरी पोस्ट-:
Thakur Arun Singh with Shashi Kant Sharma and 37 others.
सभी बच्चे पंजाब रुख़्सत कर दिए ।
कहीं हिमाचल का पंजाब में विलय कराने की योजना तो नहीं महाराजा के साथ राजा जी की।
लगे हाथ विक्रमादित्य का भी कर देते। कहीं राहुल की तरह वो रह ही नी जाए !!!
वैसे राजा साब को बधाई, वो अपने सब निजी काम समय से निपटा रहे हैं। समय का कोई पता थोड़े होता है।
छोटे धूमल ने 11 जुलाई को जब वीरभद्र सिंह के एलआईसी एजेंट आनंद चौहान की गिर फ्तारी हुई तब भी एक पोस्ट डाली । इस पोस्ट में उनका मंतव्य था कि सरकारका सुरक्षा चक्र खतम हो गया है।ये रही पोस्ट-:
Thakur Arun Singh added 4 new photos.
बीमे की मियाद ख़त्म हो जाए, तो समझो आपका सुरक्षा चक्र ख़त्म हो गया।
बीमा एजेंट की मियाद ख़त्म हो जाए , तो समझो सरकार का सुरक्षा चक्र ख़त्म हो गया ।।
हो जाओ तैयार , अबकी बार ………. सरकार !!!!!
जय श्री राम !!!!!!
जाहिर सी बात है कि मुख्यमंत्री को घेरने का पूरा इंतजाम कर लिया गया है। धूमल परिवार का मोदी सरकार में वितमंत्री अरुण जेटली पर पूरा कब्जा हैं।लेकिन उनकी मोदी तक उस तरह की पहुंच नहीं हैं। चूंकि प्रधानमंत्री मोदी वीरभद्र सिंह के मित्र हैं , व वो जब भी इस तरह के संकट आएं मोदी के पास गए और मोदी ने उन्हें हर सुरक्षा कवच मुहैया कराया है। इस बार भी वो मोदी के पास गए हैं,क्या सुरक्षा कवच मिलेगा ये देखना बाकी है।
चूंकि स्थिति बेहद दिलचस्प बनी हुई है। ऐसे में इडी क्या करती है येबहुत महत्वपूर्ण है। प्रदेश में बीजेपी के धूमल खेमे में ये कहा जा रहा है कि वीरभद्र सिंह की गिरफ्तारी हर हालात में होगी व उनसे कुर्सी छीन ली जाएगी। छोटे धूमल की पोस्टेंं भी कुछ इसी तरह के संकेत दे रही हैं।क्या कब होता है ,इसका इंतजार ही किया जा सकता है।
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