शिमला। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कर्ज को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि वह इस प्रदेश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री है जो सबसे ज्यादा कर्ज लेने के लिए इतहिास में अपना नाम अंकित करने जा रहे है। अग्निहोत्री ने सदन में बजट पर चर्चा का आगाज करते हुए कहा कि अगर कर्ज लेने की यही रफतार रही तो 2022 तक प्रदेश का कर्ज 75हजार करोड़ के पार चला जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्ज लेने की तीन फीसद की बंदिश को तोड़ दिया गया है।
अग्निहोत्री ने कहा कि यह भी पहली बार हो रहा है कि कर्ज बढ़ा हो और विकास की रफतार घटी हो। उन्होंने कहा कि बजट में खर्च व आय के बीच के फासले का कैसे पाटा जाएगा इस बावत भी कोई जिक्र नहीं है। यह भी पहली बार है।इस फासले को पाटन के लिए जो स्त्रोत बताए गए हैं वह फर्जी हैं। सदन से कहीकत छिपाई जा रही है।
अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह के झांसे में आ गए है। बाहरी वितीय एजेंसियों से वित लेकर चलने वाली परियोजनाओं को बजट का आधार बना दिया गया है लेकिन ये तमाम परियोजनाएं फंसी हुई है। इस बावत सरकार ने बजट में मौन साध लिया है कि इन परियोजनाओं के लिए कितना पैसा आया है।
येस बैंक का मसला उठाया
चर्चा के दौरान मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि येस बैंक डूब गया है । इसकी आंच हिमाचल पर कितनी आई है इस बावत ने सदन में कोई बयान नहीं दिया है। पिछल्ले एक साल साल सबको पता था कि ये बैंक संकट में है। इसके बावजूद कांगउÞा केंद्रीय सहकारी बैंक का डेढ़ सो करोड़ रपया येस बैंक में फिकस्ड डिपोजिट के रूप में जमा कराया गया। ये किसके कहने पर जमा कराया गया।
वह व्यक्ति कौन है जो इस बैंक को प्रमोट कर रहा था। इसके अलावा धर्मशाला स्मार्ट सिटी का 179 करोड़ रुपया येस बैंक में जमा है। सरकार सदन में बताए कि किन किन अदारों का कितना कितना पैसा येस बैंक में है। इस बीच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि येस बैंक में 2004 से पैसा जमा हो रहा है। इसमें कांग्रेस की सरकार ने भी पैसा जमा कराया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार व आरबीआइ ने भरोसा दिा है कि येस बैंक में जो पैसाहै वह सुरक्षित है व इसे डूबने नहीं दिया जाएगा। जो हुआ वह गलत हुआ व यह दुखद है। । मुकेश ने कहा कि पिछल्ले एक साल से सबको मालूम था कि येस बैंक में पैसा रखना जोखिम भरा है तो ये पैसा निकाला क्यों नहीं । सरकार
सोई रही।
उन्होंने कहा कि वितीय तौर पर प्रदेश में अराजकता का माहौल है। पिछल्ला बजट 51 हजार करोड़ तक पहुंच गया है और इा बार दो हजार करोड़ कम का 49 हजार करोड़ का बजट पेश किया गया है।
कर्ज माफी मांगी थी क्या हुआ नहीं मालूम
मुकेश ने कहा कि मुख्यमंत्री ने वितायोग से कर्जमाफी की बात की थी, उसका स्टेटस क्या है। तीन बार प्रधानमंत्री प्रदेश में आ चुके है लेकिन कोई औद्योगिक पैकेज नहीं मिला। उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि सदन को ये बताएं कि प्रधानमंत्री ने अपने इन दौरों के दौरान प्रदेश को क्या दिया।
31 मार्च को उत्पाद शुल्क की छूट की अवधि समाप्त होने वाली है। आयकर को लेकर छूट की अवधि पहले ही समाप्त हो चुकी है। इन्हें बढ़ाने के लिए क्या किया गया है। इन छूटों के कारण की उद्योग प्रदेश में आए थे। चूल्हों व मिक्सी का निर्माण करने वाले पांच सौ करोड़ के उद्योग पलायन कर गए है व आठ हजार नौकरियां चली गई है। बिजली की दरें पंजाब व हरियाणा के बराबर पहुंच गई हैं । वह भी अब कम नहीं रही। उद्योग सस्ती बिजली की वजह से भी प्रदेया में उद्योग लगाते थे।
बजट में उद्योगों को लेकर सब कुछ गायब है। मुकेश ने कहा कि 95 हजार करोड़ के निवेश को लेकर जो शोरगुल मचा था उसमें से जिन उद्योगपतियों ने 36 हजार करोड़ रुपए के उद्योग लगाने के लिए एमओयू किए थे, वह आने को तैयार नहीं है। फार्मा उद्योग संकट में आ गया है। 40 फीसद कच्चा माल चीन से आता है। उन्होंने कहा कि कोरोना विषाणु का कितना असर पड़ा है क्या इस बावत कोई अध्ययन कराया गया है।
सवा अरब का दवाई खरीद घोटाला
चर्चा के दौरान मुकेश अग्निहोत्री ने यह कह कर सनसनी फैला दी कि विभिन्न जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के जरिए प्रदेश में एक अरब ,27 करोड् 90 लाख 98 हजार 690 रुपए की दवा खरीद दी। इतना पैसा तो राान की खरीदपर नहीं होता । ये बड़ा घोटाला है।
उन्होंने केंद्रीय सड़क निधि के अधिकाया हिस्से को मुख्यमंत्री जयराम, मंत्री महेंद्र सिंह और विधायक राकेयश जमल के ही हलको में आवटित करने को लेकर भी सरकार को कटघरे में खड़ा किया।
अग्निहोत्री ने कहा कि 466 करोड़ की इस निधि में से 225 करोड़ अकेले जंजैहली के लिए बाट दिए गए है। 25 करोड़ महेंद्र सिंह के हलके को बांटे गए है । इस पर सदन में शोरगुल हो गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष आंकड़ों के साथ उलटफरे कर रहे है। ये कहा कि आंकड़े है।
इस पर अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार ने एक प्रश्न के जवाब में सदन में ये कहा है। उन्होंने हा हा कि अगर वह झूठ बोल रहे हैं तो वह आज ही सदन से इस्तीफा दे देंगे, अन्यथ मुख्यमंत्री इस्तीफा दें। इसी तरह ब्रिक्स परियोजना के 141 करोउÞ रुपए में से 28 करोड़ मुख्यमंत्री के हलके को चले गए है। जल शक्ति विभाग में कर्मचारियों की नियुक्तियां की जा रही है। 350 कर्मचारी एक ही हलके सुंदरगनर में भर्ती कर दिए है जबकि बाकी हलाकों में कहीं पर तीन कहीं चार और कहीं 20-25 कर्मचखरियो ंको भर्ती किया जारहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह सरकार नहीं चलेगी व जब मुख्यमंत्री जवाब दे तो इन तमाम बिंदुओं पर सरकार अपना पक्ष सदन में ररो कुछ छिपाए न।
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