शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज सदन में कहा कि प्रतिपक्ष नेता प्रेम कुमार धूमल जब भी सता में आए उन्होंने वीरभद्र सिंह के खिलाफ जांच करने के अलावा कोई काम नहीं किया। राज्यपाल के अभिभाषण पर विधायक संजय रतन की ओर से लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ये प्रदर्शन किसलिए हो रहे है। इनके गलत कामों की जो जांच हमने करवाई है ये इसकी गरमी है ।ये बौखला गए है।
अगर ये निर्दोष है तो डरने की जरूरत नहीं है।उन्होंने कभी नहीं कहा कि भाजपा सदस्य बंधुआ मजदूर है। लेकिन उनकी व्यक्तिगत राय यही है।किसी को टिकट लेना है तो कोई इनके गुनाहों में शामिल है।किसी न किसी की कोई न कोई मजबूरी है।ये मेरे साए से भी डरते है।
उन्होंने कहा कि जब वह प्रदेश के दौरों पर थे तो उनके पीछे उनके खिलाफ दिल्ली व शिमला से मीडिया वार चलाया गया व चरित्र हनन किया गया मेरे ऊपर कोई भी आक्षेप करने का ये कोई मौका नहीं छोड़ते।अरुण जेटली मेरे खिलाफ क्यों है मुझो नहीं पता। हो सकता है कि क्रिकेट एसोसिएशन की वजह से वह भी अनुराग के साथ जुड़े हुए। लेकिन उन्हें अदालत से हमेशा सहारा मिला है।
उन्होंने सदन में कहा कि भाजपा के शासनकाल में हजारों हजार एकड़ जमीनें बाहर वालों ने खरीदी। बेनामो सौदें हुए।एचपीसीए को लाभ पहुंचाया।सरकार दस्तावेजों का आकलन कर रही है। सब कुछ सामने आ जाएगा।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि वह क्रिकेट के खिलाफ नहीं है। वह चाहते है कि सभी खेलों को सरकार सुविधा मुहैया कराए,उन्हें प्रोत्साहन मिले। उन्होंने इसके बाद कांग्रस चार्जशीट के सारे आरापों को लेकर धूमल पर निशाना साधा।
धूमल ने उनकी जमीनों की आठ बार पैमाइश कराई। लेकिन कुछ नहीं मिला। उन्हें ये जमीने अपनी रियासत का देश में विलय करने के बाद मिली थी। उन्होंने किसी से खरीदी नहीं । कुछ सीलिंग में चली गई कुछ मुजारों के नाम हो गई। अब उनके पास वहीं जमीने बची है जो कानूनन उनके पास हो सकती है।
उन्होंने कहा कि उनके बेंक अकाउंट और आयकर रिटन हैक की गई। ये अपराध है। लेकिन उन्होंने धूमल को माफ कर दिया है। लेकिन उन्होंने प्रदेश के हितों प जनता के साथ जो अपराध किया है उसे वो माफ नहीं कर सकते। इसकी सजा मिलेगी ही।
इससे पहले आज चर्चा में भाग लेते हुए केबिनेट मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने भी धूमल को निशाना बनाया और कहा कि भाजपा शासन काल में एक ही जिले में कई-कई यूनिवर्सिटीज खोल दी। अनाडेल के सेना के मैदान को हड़पने की कोशिश की गई। अगर कांग्रेस दखल नहीं देती तो यै मैदान हाथ से चला जाता।
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