शिमला। हिमाचल किसान सभा ने बागवानों के आढ़तियों की ओर से बागवानों का बकाया अदा न करने, विभिन्न मण्डियों में आढ़तियों की ओर से की जा रही गैर कानूनी काट और से ए पी एम सीकी लचर प्रणाली के विरोध नारकंडा में प्रदर्शन किया व चक्का जाम किया । इस मौके पर वामपंथी विधायक राकेश सिंघा ने जयराम सरक ार को जमकर निशाने पर लिया व इल्जाम लगाया कि सरकार व एपीएमसी की आढ़तियों के साथ मिलीभगत की वजह से बागवानों की अदायगी नहीं होती है।
इस मौके पर सिंघा ने कहा कि बागवानों के पिछले सालों व इस साल आढ़तियों ने जो बकाया अदा करना है उसे तुरन्त करवाया जाए और बागवानों से गैर कानूनी रूप से की गई काट को तुरन्त लौटाया जाए।सिंघा व प्रदर्शन कर रहे किसानों ने इल्जाम लगाया कि सरकार ए पी एम सी अधिनियम 2005 के प्रावधानों को इन मण्डियों में सख्ती से लागू करने में पूरी तरह से विफल रही हैं।
यहां सुने क्या बोले सिंघा-:
बड़ी संख्या में आढ़ती बिना लाइसेंस के गैर कानूनी तौर पर कारोबार कर रहें हैं लेकिन इनके खिलाफ न एपी एम सी और न ही सरकार का कोई अन्य विभाग कार्यवाही कर रहा है। ए पी एम सी अधीनियम, 2005 में स्पष्ट प्रावधान है कि कोई भी आढ़ती या कारोबारी किसी भी मण्डी या अन्य स्थान पर बिना लाइसेंस के कारोबार नही कर सकता है। उसे सरकार के कृषि विभाग, मार्केटिंग बोर्ड या ए पी एम सी से लाइसेंस लेना है। इसके साथ लाइसेंस जारी करने के समय ही प्रत्येक आढ़ती व कारोबारी से सुरक्षा के रूप में नकद में बैंक गारंटी का कानूनन प्रावधान भी है और जिस दिन किसान व बागवान का उत्पाद बिके उसी दिन उसके भुगतान का स्पष्ट प्रावधान भी कानून में है। यदि आढ़ती या कारोबारी भुगतान नहीं करता है तो ए पी एम सी आढ़ती के खिलाफ तुरंत कार्यवाही कर बागवानों को समय पर भुगतान करवाएगी। लेकिन इस साल भी सैंकड़ों आढ़ती ऐसे हैं जिन्होंने लाइसेंस लिया ही नही औऱ बिना लाइसेंस के ही कारोबार कर रहे थे। आज नारकण्डा व अन्य स्थानों से कई आढ़ती अपनी दुकानें बंद कर बागवानों का करोड़ों रुपए हड़प कर चले गए हैं।
उन्होंने इल्जाम लगाया कि सरकार ने किसानों व बागवानों की ओर से समय-समय पर शिकायत करने के बावजूद भी दोषी आढ़तियों व कारोबारियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही न कर उन्हें इस प्रकार की लूट की खुली छूट दी
(5)