नई दिल्ली। सीबीआई ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और बैंक समूह के अन्य सदस्य बैंकों को 2435 करोड़ रुपए का नुकसान पहुँचाने पर मुम्बई स्थित निजी कंपनी व अन्यों अन्यों जिसमें तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अणिकारी,तत्कालीन मुख्य वित अधिकारी , तत्कालीन निदेशक एवं अज्ञात व्यक्ति , बैंक कर्मी शामिल है के विरुद्ध स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से प्राप्त शिकायत के आधार पर मामला दर्ज़ किया। सीबीआइ की एफआइआर में ने मैसर्स सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल साल्यूशन लिमिटेड, कंपनी के तत्कालीन सीएमडी गौतम थापर,तत्कालीन सीइओ और एमडी के एन नीलकंठ, तत्कालीन सीएफओ माधव एम आचार्य, तत्कालीन निदेशक बी हरिहरण के अलावा ओंकार गोस्वामी, वैंकटीश रामामूर्ति व अन्य अज्ञात लोागें के नाम हैं।
एफआइआर में यह इल्जाम लगाया गया है कि उक्त आरोपियों ने बैंक धनराशि के हस्तातंरण, सम्बंधित पक्षों के साथ दिखावटी लेन देन,
मिथ्या प्रस्तुति द्के जरिए बैंक से धनराशि ऋण लेने, खाता पुस्तकों, प्रविष्टियों, वाऊचर एवं वित्तीय विवरणों में हेरफेर करने ,जालसाजी करने, झूठी, असत्य या भ्रामक सूचना पेश करने, विभिन्न ऋण प्राप्तियों सहित धनराशि को बेईमानी से निकालकर एस बी आई और बैंक समूह के सदस्य बैंकों जिनमें बैंक ऑफ महाराष्ट्र, एक्सिस बैंक, यस बैंक, कारपोरेशन बैंक, बार्कलेज बैंक, इंडसइंड बैंक आदि के साथ धोखाधड़ी की।
सीबीआइ ने यह एफआइआर फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर दर्ज की है।
सीबीआइ की ओर से मुम्बई, दिल्ली और गुरुग्राम स्थित उक्त निजी कंपनी सहित आरोपियों के परिसरों में आज तलाशी ली जा रही है।
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