शिमला। चंडीगढ़ की सीबीआई की अदालत ने पांच लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े हिमाचल उद्योग विभाग के बददी में तैनात संयुक्त निदेशक तिलक राज शर्मा और अशोक राणा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया हैं। इन दोनों को सीबीआई ने 30 मई को चंडीगढ़ के आठ सेक्टर से अरेसट किया था। सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक तिलक राज ने इस रिश्वत को लेने के लिए अशोक राणा की डयूटी लगाई थी।
सीबीआई ने चार दिन के रिमांड के बाद आज दोनों को अदालत में पेश किया तो अदालत ने इन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
सीबीआई ने इन चार्टेड अकाउंटेंट चंद्रशेखर की शिकायत पर इन दोनों को अरेस्ट किया था व एफआईआर में जिक्र आया था कि 50 लाख की सेट्रंल सबसिडी की फाइल क्लीयर कराने की एवज में तिलक राज ने दस लाख की रिश्वत मांगी थी। ये रिश्वत मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के दिल्ली में तैनात पीएस रघुवंशी को दी जानी थी।
प्रदेश सरकार के बड़े खाकी वाले अफसर के मुताबिक सीबीआई की ओर से बीते रोज तक रघुवंशी से कोई पूछताछ नहीं हुई थी। बहरहाल अब ये मामला ये मोड़ लेगा ये दिलचस्प होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि उनका व सीएम कार्यालय का इस मामले से कोई लेना -देना नहीं हैं।
उधर,सोलन में अदालत ने यहां के एक हाईप्रोफाइल बाबा की जमानत अर्जी खारिज कर दी हैं। अमरदेव नामक इस युवा बाबा पर महिला पर तेज हथियार से हमला करने का इल्जाम हैं।मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल, मंत्री कौल सिंह, धनीराम शांडिल जैसे रसूखदारों को भक्त बनाने वाला ये बाबा पिछले दिनों प्रचंड हो गया था व मुंडी काटने की धमकियां देता फिरता हैं।
स्थानीय लोगों व बाबा के बीच मारकाट होने के बाद सीएम ऑफिस ने बाबा के कहने पर पूरा कंडाघाट थाने का स्टाफ बदल दिया था। तब से ये बाबा अंतरिम जमानत पर था व अस्पताल में भर्ती रहा। आज बाबा की जमानत अर्जी खारिज हो गई तो पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर लिया। वामपंथियों ने बाबा को यहां से बाहरकरने की मांग की थी तो भाजपा नेता धूमल ने यहां विारोध कर रहे वामपंथियों को बाहरी करार दे दिया था। अंदाजालगाया जा सकता है कि बाबा के तार कितना करंट देने वाले हैं
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