शिमला।हिमाचल के मंडी स्थित आईआईटी कमांद में मजदूरों पर गोलियां चलने के बाद बवाल मच गया है। गुस्साए मजदूरों के साथ हुई मारपीट में अब तक चार लोगों की मौत हो गई है।
सभी चारों मृतक पंजाब के रहने वाले थे जिन्हें ठेकेदार ने बुलाया था। बताया जा रहा है कि ठेकेदार के साथ कुल 9 लोग(बाउंसर) थे जिनमें से चार की मौत हो गई जबकि पांच अन्य जख्मी हैं। इन लोगों ने ही मजदूरों पर फायरिंग भी की थी।
फायरिंग के बाद करीब 200 मजदूर यहां जमा हो गए जिन्होंने इनकी पिटाई कर डाली। बाद में मजदूरों ने आईआईटी परिसर के बाहर खड़ी कई गाड़ियां फूंक डाली।
सुबह से यहां तनाव की स्थिति बनी हुई है। बताया जा रहा है कि मजदूरों का एक दल अपने वेतन को लेकर ठेकेदार से मिलने गया था। मगर बहसबाजी के बाद कुछ लोगों ने मजदूरों पर फायरिंग कर दी। इससे छह मजदूर घायल हो गए। इसके बाद यहां बवाल खड़ा हो गया।
मजदूरों की पिटाई के कारण ठेकेदार के दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दो अन्य ने अस्पताल ले जाते वक्त दम तोड़ दिया।
बड़ा सवाल फिर खड़ा हो गया है कि ठेकेदार मजदूरों का वेतन क्यों नहीं दे रहा था और मोदी सरकार का लेबर मंत्रालय व प्रदेश की वीरभद्र सिंह सरकार का लेबर विभाग कहां सोया हुआ था। इससे पहले किन्नौर में जेपी कंपनी के पावर प्रोजेक्ट में 1200 के करीब मजदूर सर्द रातों में बाहर रहे थे। हाईकोर्ट के दखल के बाद मामला सुलझ पाया था, अब मंडी में कांड हो गया है। बड़ा सवाल तो यही है कि बड़े ठेकेदार बाउंसरों के दम पर प्रदेश में कब से मजदूरों को डराने का धंधा करने लगे है। डीसी से लेकर एसपी तक सारे लोग सवालों के घेरे में है।
(0)