शिमला। एलईडी बल्बों के दामों पर भाजपा सदस्यों की ओर से किए गए वाॅकआउट पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने एलईडी बल्बों आवंटन में किसी भी तरह के घपले से इंकार किया है । उन्होंने कहा कि इन बल्बों की मोदी सरकार के एक उपक्रम इइएसएल की ओर से आपूर्ति की जा रही है,जिसमें राज्य सरकार का कोई दखल नहीं है।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह आज सदन में आज आठ मार्च को सदन में पेश हुए बजट पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे।
जब मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह इस मसले पर सदन में जवाब दे रहे थ तो भाजपा सदस्य महेंद्रसिंह ठाकुर ने एलईडी बल्कों का महंगें दामों पर आवंटित करने का मसला उठाया। महेंद्र सिंह ने कहा कि जब ओपन मार्किट में ये बल्ब 60 से 62 रूपए में मिल रहे है। ऐसे में प्रदेश की जनता को ये सौ रूपए में क्यों दिए जा रहे है। इस बीच मुख्यमंत्री ने महेंद्र सिंह की ओर मुखातिब होकर कहा कि उन्हें पूरी जानकारी नहीं है।
उधर स्पीकर बृज बिहारी बुटेल ने महेंद्र सिंह से आग्रह किया कि वो पहले मुख्यमंत्री को जवाब पूरा करने दे। उन्होंने रूल बुक भी दिखाई। लेकिन महेंद्र सिंह टस से मस नहीं हुए। इस बीच सतापक्ष की ओर से भी सदस्य नियमों का हवाला देने लगे। जिस पर भाजपा सदस्य सुरेश भारद़वाज अपने सीट पर खड़े हो गए और सरकार से इस मसले पर स्पष्टीकरण मांगने लगे।
स्पीकर बृज बिहारी कहा कि बजट पर चर्चा पर जवाब के दौरान इस तरह बीच में दखल देने का प्रावधान नहीं है। इसलिए सदस्यों को मुख्यमंत्री के भाषण में व्यवधान नहीं डालना चाहिए। लेकिन भाजपा सदस्य अपनी बात पर अड़े रहे और शोर शराब करने लगे। मुख्यमं़त्री ने सदन में शोर शराबे के बीच जवाब पढ़ना जारी रखा जिस पर कुछ समय बाद नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल समेत पूरा विपक्ष नारेबाजी करते हुए वाॅकआउट कर गया।
भाजपा सदस्यों के वाॅकआउट पर मुख्यमंत्री ने तुरंत चुटकी ली और कहा कि ये ड्रामा कब तक चलेगा। वीरभद्र सिंह ने कहा कि एलईडी बल्ब मोदी सरकार के उपक्रम इइएसएल की ओर से दिए जा रहे है। जिसे इइएसएल ने 78 रूप्ए में खरीदा है और 22 रूपए एंट्री टैक्स,सर्विय टैक्स व हैंडलिंग चार्जिज के रूप् में वसूले जा रहे है। अभी तक पूरे देश में योजना के तहत 7 करोड़ बलब बांटे जा चुके है जबकि हिमाचल में 51 लाख उपभोक्ताओं ने इन्हें खरीदा है।
वीरभद्र सिंह ने फिर चुटकी ली ओर बोले कि भाजपा सदस्यों का ये वाॅकआउट मोदी सरकार के खिलाफ है, वीरभद्र सरकार के खिलाफ नहीं।
वीरभद्र सिंह ने नेता प्रतिपक्ष पर भी आक्षेप किया व कहा कि धूमल अपने कुछ सहयोगियों के कैदी बन कर रह गए है। उन्होंने सप्ष्ट किया कि ये बात सत्य है कि प्रदेश बिजली बोर्ड इन बल्बों को विरीत कर रहा है लेकिन किसी पर दबाव नहीं डाला जा रहा है।जो बल्ब लेना चाहते है वो लें जो नहीं ले चाहते न लें।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि वो जानते थे कि भाजपा सदस्य वाॅकआउट करेंगे लेकिन उन्होंने इसके लिए कमजोर प्वाइंट ढूंढा। उन्होंने कहा कि भाजपा सदसयों को मोदी सरकार से पूछना चाहिए कि वो महंगे दामों पर बल्बों को क्यों दे रही है। सये सब पंचायत चुनावों में मिली करारी हार के कारण व्यथित है।सदन का अपमान है। उन्हें जवाब सुनना चाहिए था। इससे पहले स्पीकर बृज बिहारी बुटेल ने सदन में बताया की बजट पर चर्चा में 45 सदस्यों ने भाग लिया और चर्चा 18 घंटें 57 मिनट चली।
इससे पहले बजट पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए विपक्ष की ओर से प्रदेश की खराब वितीय स्थिति व बजट में संसाधनों सृजन पर उठाए सवालों को लेकर कहा कि 13वें वित आयोग ने प्रदेश की देनदारियों को कम करके आंका जिस कारण प्रदेश को कम राजस्व अनुदान दिया गया। 2010-11 में ये ग्रांट 2232 करोड़ थी जो 2014 -15 में घट कर केवल 406 करोड़ रह गई। इसके अलावा वेतन आयोग की सिफारिशों का भी प्रदेश की सिथति पर पड़ा। 13 वें वित आयोग ने केंद्रीय करों से प्रदेश को मिलने वाले हिस्से में भी कटौती कर दी व 2013-14 और 2014-15 में 528 करोड़ रूपए कम मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 14वें वित आयोग के समक्ष सरकार ने प्रदेश की वितीय सिथति को सही परिपेक्ष्य में रखा जिसकी वजह से प्रद्रेश को मिलने वाली राजस्व ग्रांट में बढृोतरी हुई है। उन्होंने विपक्ष के उस आरोप को भी नकार दिया जिसमें भाजपा सदस्यों ने सरकार व केंद्र सरकार का ग्रांट बढृाने के लिए धन्यवाद न करने का उल्लेख किया था। वीरभद्र सिंह ने कहा कि नीति आयोग का केंद्रीय प्रायोजित स्कीमों के लिए 90ः 10 अनुपात के तहत फंड देने को मंजूरी देने पर आभार व्यक्त किया है।हालंकि योजना आयोग के बंद होने से प्रदेश को हर साल केंद्रीय योजना सहायत के तौर पर मिलने वाले 3000 करोड़ का नुकसान हुआ है।
बजट पर चर्चा के दौरान भाजपा सदस्यों ने उद़योगों के पलायन का मसला उठाया था, इस पर मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि उद़योगों ने 2012-13 में 4491 मिलीयन यूनिट बजली की खपत की थी जो 2015-16 में बढ़कर 4758 मिलीयन यूनिट हो गई है।जिससे पता चलता है कि मंदी के बावजूद भी प्रदेश उदयोग बेहतर काम कर रहे है।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि सरकार की ओर से मुबंई,बैंगलोर,अहमदाबाद और दिल्ली में इंवेसटर मीट कराई थी जिसमें 41 नए प्रस्ताव और 60 उदयोग परियोजानाओं के विस्तार के प्रगसताव मिले जिसमें 4079 करोडृ रूप्ए का निवेश होगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए करों में तरह -तरह की रियायतें दी गई हैजिनका उल्लेख बजट भाषण में किया गया है।
मुख्यमं;ी ने भाजपा सदस्यों की उन शंकाओं को भी निराधार बताया जिसमें भाजपा सदस्यों ने सेालर फेंसिंग में बिजली से लोगों की जान को खतरा होने का अंदेशा जताया था। वीरभद्र सिंह ने कहा कि सरकार सुरक्षा का भरोसा देती है। फेंसिंग लगाने के बाद इसे लगाने वाली एजेंसी सुरक्षा सर्टिफिकेट भी किसानों व बागवानों को देगी। इसके अलावा बागवानी व वानिकी विश्वविद्यालय नौणी,सोलन में इस प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक चलाया गया है। ये नाबार्ड की स्कीम है इससे किसानों व बागवानों को अवारा जानवरों व बंदरों के कहर से निजात मिलेंगी।
बजट पर हुई चर्चा पर जवाब से पहले भाजपा विधायक राजीव सहजल ने सोलन में सरकार की ओर से मुहैया कराए जाने वाली मसूर की दाल के पैकेट में मरा चूहा होने का मसला नियम 62 के तहत उठाया। उन्होंने कहा कि ये गंभीर मसला है।
इस पर खाद्य व आपूर्ति मंत्री जी एस बाली ने सदन को भरोसा दिलाया कि खाद्यानों की आपूर्ति में किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है व आदेश दिए गए है कि गोदाम व डिपू में जहां भी इस कंसाइनमेंट से आई मसूर दाल का स्टाॅक है उसे वापस करने के आदेश दे दिए गए है। इसके अलावा अगर घरों में किसी के पास ये पैकेट बचे है तो वो भी इसे स्थानीय डिपू में वापस कर सकते है।इसके अलावा आपूर्तिकर्ता कंपनी की कंसाइनमेंट कीमत की 20 प्रतिशत राशि की कटौती बतौर दंडस्वरूप कर दी गई है।
सदन में प्वाइंट आॅफ आर्डर के माध्यम से चंबा से भाजपा विधायक बी के चैहान ने चंबा में पीलिया फैलने का मसला उठाते हुए कहा कि समय रहते उचित कदम उठाए जाए। उन्होंने कहा कि नालों से जहां से पानी उठाया जाता वहां पर फिल्टर बैड नहीं है। अभी तक चंबा की सात पंचायतों में पीलिया फैलने से 15 लोग बीमार पड़ चुके है जबकि एक की मौत हहो चूकी है।इस तरह का मसला भटियात से भाजपा सदस्य विक्रम जरियाल ने भी उठाया और सरकार से मांग की कि सभी पेयजल योजनाओं में फिल्टर बैड का इंतजाम किया जाए। स्पीकर बृज किहारी बुटेल ने भी सरकार से आग्रह किया कि पीलिया की रोकथाम के लिए कदम उठाए जाए।
इस पर आईग्पीएच मंत्री विद्या स्टोक्स ने सदन को भरोसा दिया कि वो तुरंत उचित कदम उठाएंगी।
इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने बताया कि शिमला में लेवल वन का ट्रामा सेंटर इंडस अस्पताल में पीपीपी मोड के तहत खोला जा रहा है । इसके लिए सरकार ने एमओयू साइन कर लिया है। सरकार चूंकि इसे आईजीएमसी में खोलना चाहती थी लेकिन वहां पर जगह की कमी आड़े आड़े आ रही है। कौल सिंह ने डाॅक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल काॅलेज टांडा, क्षेत्रीय अस्पताल चंबा, जोनल अस्पताल मंडी और जोनल अस्पताल खनेरी में ट्राॅमा सेंटर खोलने को मंजूरी मिल गई हैं। इन सबके लिए 17 करोड़ 9लाख 10 हजार मंजूर हो चुके है। नूरपूर से कांग्रेस विधायक अजय महाजन ,गगरेट से कुलदीप कुमार,ज्वालामुखी से संजय रतन ने भी अपने अपने विधानसभा हलकों में ट्रामा सेंटर खुलवाने की मांग रखी। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ये सेंटर केंद्र की ओर से खोले जाते है व इन्हें नेश्नल हाइवे पर खोला जाता है। प्रदेश सरकार अपनी ओर से इस बावत सिफारिश करेगी।
एक अन्य सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने सदन को बताया कि प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में 18919 मंजूर पदों से 6169 पद खाली है व सरकार इन्हें भरने का प्रयास कर रही है। सरकार ने पिछले तीन सालों में 772 डाक्टरों के पद भर। लेंकिन इनमें से 146 पीजी करने चले गए। अब बजट स़त्र के बाद हर मंगलवार को डाक्टरों के वाॅक इन इंटरव्यू लिए जाएंगे। विपक्ष पर हमला करते हुए कौल सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार में नए संस्थान तो खोल दिए लेकिन उनमें पद सृजित नहीं किए। जबकि कांग्रेस सरकार जिन भी संसथान को खोल व अपग्रेड कर रही है उनमें पद भी सृजित कर रही है और इन पदों को भरने की प्रक्रिया भी जारी है। वो भाजपा विधायक जयराम ठाकुर की ओर से इस बावत पूछे सवाल का जवाब दे रहे थे।चंबा से भाजपा विधायक बी के चैहान ने भी अस्पतालों में स्टाफ कम होने का मसला उठाया। कौल सिंह ने कहा कि खाली पदों को भरना एक सतत प्रक्रिया है । सरकार 381 पद स्टाफ नर्सों, 399 महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पद भरने जा रही है। प्रदेश में एक हजार के करीब पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के पद खाली है। इसके लिए सरकार ट्रेनिंग देने की व्यवस्था करने जा रही है।भाजपा विधायक महेंद्र सिंह के पूरक सवाल का जवाब देते हुए कौल सिंह ने कहा कि प्रदेश 37 पीएचसी बिना डाॅक्टरों व फर्मासिस्टों के है जबकि 121 हेल्थ सब सेंटरों में न कोई डाक्टर है और ही स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं,इनमें ताले लगे हुए है। उन्होंने कहा कि पदों को भरेने की प्रक्रिया जारी है।
प्रश्नकाल के दौरान वन विभाग की कुटीर वाटिका पांवटा का मसला भी उठा । इस पर वन मंत्री की जगह उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि वाटिका के निर्माण का मसला अदालत में लंबित था। अब सरकार इसे बनाने जा रही है।भाजपा विधायक रविंद्र रवि ने वन विभााग के विश्राम गृहों व कुटीर वाटिकाओं में कमरों की बुकिंग का मसला उठाया व आरोप लगाया कि जब भी यहां बुकिंग करानी हो तो जवाब मिलता है ये मंत्री ने पहले ही बुक किए है।उन्होंने इसके पीछे का राज को जानना चाहा। उद्योग मंत्री ने उनके सवाल का सीधा जवाब न देकर कहा कि आगे से सदस्य का ख्याल रखा जाएगा।
25 फरवरी से शुरू हुए बजट सत्र को ब्रेक के लिए 27 मार्च तक स्थगित कर दिया गया है। अब बजट सत्र की आगामी बैठकें 28 मार्च से शुरू होगी।स्पीकर बृज बिहारी बुटेल ने 27 मार्च तक सदन को स्थगित कर दिया है।अब इस सत्र की कुल नौ बैठकें बची है।
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