सोलन । भाजपा के शहंशाह अमित शाह ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिह का नाम लिए बगैर हिमाचल की कांग्रेस सरकार को भ्रष्टाचार में डूबी करार दिया व कांग्रेस मुक्त भारत बनाने के लिए इस सरकार को भी उखाड़ फेंकने का आहवान किया।अमित शाह ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को तो भ्रष्टाचार में लिप्त बताया लेकिन मुख्यमंत्री के व्यक्तिगत भ्रष्टाचार के मामलों पर जुबान नहीं खोली। शाह की जुबान क्यों नहीं खुली इस राज के पीछे कई क्यास लगाए जाने लगे हैं। शाह सोलन में शिमला संसदीय हलके के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में बोल रहें थे ।जबकि मोदी सरकार ने उनके खिलाफ कई मामले चला रखे हैं।
इसके अलावा भाजपा के सुप्रीमों ने 2017 में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद का दावेदार कौन होगा इसका भी खुलासा नहीं किया और न ही कोई इशारा ही दिया जबकि दोनों दावेदार पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल व मोदी सरकार में मंत्री व शाह के करीबी जे पी नडडा मंच पर उनकी अगल बगल में मौजूद रहें। इससे भाजपा के कार्यकर्ताओं में भ्रम बना हुआ हैं कि वो अपनी प्रतिबद्धता किसकी ओर ठेले।
हैरानी की बात यह रही कि मंच पर मौजूद भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष ,भाजपा सांसद व दुनिया की सबसे अमीर संस्था बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर को मंच से बोलने का न्यौता ही नहीं दिया। अनुराग ठाकुर धूमल के बड़े बेटे भी हैं।
शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर जरूर हमला बोला व कांग्रेस सरकार के अब तक के भ्रष्टाचार को लेकर कटघरे में खड़ा किया। शाह बोले सारे घोटाले कांग्रेंस सरकार के शासनकाल में हुए अब हमसे हिसाब मांग रहें हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार हर 15 दिनों में कोई न कोई योजना लाई।उन्होंने नोटंबंदी पर अपने सखा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जमकर बचाव किया व कहा कि नोटबंदी का विरोध वही लोग कर रहें है जिनके पास या तो काला धन हैं या बेेइमानी से पैसा कमाया है। शाह ने कहा कि उतरप्रदेश ,उतराखंड से लेकर जिस भी राज्य में चुनाव होने हैं वहां भाजपा की जीत होगी व कांग्रेस मुक्त भारत का सपना पूरा होगा। देश कांग्रेस मुक्त हो इसके लिए हिमाचल की कांग्रेस सरकार को भी उखाड़ फेंकना होगा।
शाह नेे यहां आए मौजूदा कार्यकर्ताओं से आहवान किया कि पांच साल भाजपा की सरकार व पांच साल कांग्रेस की सरकार के इस फार्मूलें को ध्वस्त करने के लिए काम करे। वो प्रदेश में बीस सालों तक भाजपा की ही सरकार रहें इस काम में लग जाएं।
करीब तीस मिनट के इस भाषण में शाह ने प्रदेश की वीरभद्र सरकार पर यह कह कर वार किया कि मोदी सरकार प्रदेश के लिए एक से बढ़कर एक सौगातें दे रही हैं लेकिन प्रदेश सरकार विभिन्न परियोजनाओं के जमीन ही मुहैया ही नहीं करा पा रही हैै।
मोदी सरकार में मंत्री जे नी नडडा व पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने भी यही लाइन ली। सरकार के भ्रष्टाचार को लेकर तो सवाल उठाए लेकिन मुख्यमंत्री के व्यक्तिगत भ्रष्आचार के मामलों पर इन दोंनों ने भी जुबान नहीं खोली।
समझा जा रहा है कि जब तक भाजपा की ओर से सीएम के दावेदार का नाम आगे नहीं किया जाता तब तक कोई भी नेता वीरभद्र सिंह के खिलाफ आक्रामक नहीं होगा। पहले धूमल व उनका परिवार वीरभद्र के खिलाफ था व पूरी पार्टी को भी इसी लाइन पर लगा रख था। लेकिन जब से राजनीतिक गलियारों में ये हवाएं उड़ी है कि नडडा भी सीएम पद के दावेदार हो सकते हैं तब से वो हमले कभी कभार ही करते हैं। आज भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला।
उधर दिलचस्प तरीके से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इस सम्मेलन को फ्लाप करार देने में कोई देरी नहीं लगाई । अनाडेल में पत्रकारों से बात-चीत के दौरान कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की ओर से बिना किसी तार्किक सबूत के राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्हें लोगों को गुमराह करने से पूर्व आरोपों को साबित करना चाहिए। अमित शाह द्वारा अपने भाषण में हिमाचल में ऐसी सरकार बनाओं जो बीस साल तक सत्ता में रहे, पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लोग भाजपा तथा कांग्रेस दोनों के कार्यां की तुलना का बेहतर आंकलन करने में सक्षम हैं व लोग आगामी विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस को सत्तासीन बनाएंगे और भाजपा को धूल चटा देंगे।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि भाजपा द्वारा तैयार की जा रही चार्जशीट से कांग्रेस को कोई भय नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि चार्ज.शीट में यदि सरकार पर कोई निराधार आरोप लगाए जाते हैं, तो सरकार इस पर उपयुक्त कार्रवाई करेगी।
यही नहीं उन्होंने अपने दो मंत्री भी शाह के बोलों खिलाफ मैदान में उतार दिए। उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री व शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा ने शाह के दावों पर तीखी प्रतिक्रिया दी। ।
उन्होंने कहा कि प्रदेश को 61 नये राष्ट्रीय उच्च मार्ग देने का भाजपा का दावा कि मात्र राजनीतिक घोषणा है क्योंकि केन्द्र से राज्य सरकार को आज तक इन परियोजनाओं के लिये एक नया पैसा भी प्राप्त नहीं हुआ है। केन्द्र ने इन सड़कों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिये 170 करोड़ रुपये की अनुमानित राशि को भी स्वीकृत नहीं किया है।
वीरभद्र के इन दोनों मंत्रियों ने अजीब सा दावा कर दिया कि भाजपा के कुछ नेता राजनीतिक उद्देश्यों से राज्य की कुछ परियोजनाओं को रोक रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वां नदी तटीकरण के लिये मिलने वाली राशि को रोका गया है और राज्य के लिये आईआईआईटी तथा केन्द्रीय विश्वविद्यालय का मामला भी अधर में लटका है । बिलासपुर में एम्स की आधारशिला में भी जानबूझ कर देरी की जा रही है।
मंत्रियों ने प्रधानमंत्री को राज्य की विभिन्न वाजिब मांगों से संबंधित 12 सूत्रीय ज्ञापन की भी याद दिलाई।
मुख्यमंत्री की तरह ही इन मंत्रियोंं ने भी कहा कि भाजपा की चार्जशीट महज छलावा साबित होगी ।
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