शिमला। भारत -पाक के बीच19 मार्च को होने वाले टी20के क्रिकेट मैच के धर्मशाला से रदद हो जाने से खफा भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने आज राजधानी शिमला में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर जमकर हमला बोला।भाजपा सांसद ने सीएम वीरभद्र सिंह को चार दिनों में मैच रदद होने के कारण बताने की चुनौती दी और कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो आंदोलन छेड़ा जाएगा। ।अनुराग ठाकुर को लेकर वीरभद्र सिंह ने बीते रोज कहा था कि उनमें बचपना है।
मैच न होने से खफा भाजपा सांसद ने कहा कि इससे प्रदेश को करोड़ों का नुकसान हुआ है। क्रिकेट कारोबारी की तरह बोलते हुए अनुराग ने कहा कि इस मैच को होने से हिमाचल प्रदेश की दुनिया भर में पब्लिसिटी होनी थी लेकिन सीएम ने सब तबाह कर दिया।
अनुराग ठाकुर शिमला में भारतीय जनता युवा मोर्चा की ओर से शुरू की गई तिरंगा यात्रा में शामिल होने के बाद संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।उन्होंने सोनिया व राहुल गांधी से भी सवाल किया कि वो बताए किवो जेएनयू के देशद्रोहियों के साथ है या सैनिकों के साथ।
बीते दिनों धर्मशाला में इस महत्वपूर्ण मैच को कराने के लिए अनुराग ठाकुर दिल्ली से शिमला वीरभद्र सिंह की चौखट पर आए थे और उनसे मुलाकात की थी।
इस मुलाकात को अप्रत्याशित माना जा रहा था।भ्रष्टाचार के मसलों को लेकर धूमल परिवार और वीरभद्र सिंह परिवार के बीच एक अरसे से जंग चली हुई थी। लेकिन मैच की खातिर अनुराग ने वीरभद्र सिंह से मुलाकात की।इसके अलावा उनके पिता धूमल ने भी वीरभद्र सिंह से मुलाकात की थी।लेकिन पूर्व सैनिको और शहीदों के परिजनों के विरोध की आड़ को वीरभद्र सिंह ने अपना हथियार बनाया व कहा कि वो पाक क्रिकेट टीम को सुरक्षा देने को तैयार है लेकिन अगर पूर्व सैनिक व शहीदों के परिवार आंदोलन करते हैं तो सरकार उनके खिलाफ सख्ती नहीं करेगी।वीरभद्र सिंह का ये स्टैंड अनुराग ठाकुर को रास नहीं आया और ये मैच सुरक्षा को लेकर विवादों में घिर गया।
अब अनुराग इस सारे का ठीकरा वीरभद्र सिंह पर फोड़ने की रणनीति बना रहे है।जबकि उन्हें पहले ही इस मैच को बिना विवाद के कहीं और ले जाना चाहिए था इससे उन्हेंबड़ा राजनीतिक लाभ मिलता। लेकिन वो ऐसा करने में विफल रहे है।अब तिरंगा यात्रा निकाल कर वो और फंसने वाले है।दलीलें दी जा रही है कि एक तरफ वो देशभक्ति की बातें कर रहे हैं और दूसरी और पाकिसतान के साथ मैच कराने के लिए अपने राजनीतिक शत्रु वीरभद्र सिंह की चौखट पर माथा टेकने से चूके।
उधर कांग्रेस पार्टी ने अनुराग ठाकुर पर पलट वार किया है।पार्टी के अध्यक्ष ठाकुर सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने आज भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर को छदम राष्ट्रवाद का दिखावा करने के लिए उनकी निन्दा करते हुए कहा कि उनकी प्रस्तावित तिरंगा यात्रा सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए महज एक राजनीतिक स्ंटट है।
उन्हांेनें कहा कि जहां एक तरफ पठानकोट व पंम्पोर आंतकवादी हमले के शहीदों के परिवार शोक मना रहे थे वहीं दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन पाकिस्तान क्रिकेट टीम के लिए एक बाहें फैलाये मेजबान के रूप में स्वागत करने के लिए तैयार खडा था।
उन्होंनें कहा कि उस समय कांगड़ा जिला के सैनिको ने देश की एकता व अखडण्ता के लिए अपनी जान न्यौछावर करके शहादत पाई थी और उनके इस बलिदान को पूरे देश ने सलाम किया था। उन्होंनें कहा कि एचपीसीए और बीसीसीआई को ऐसे समय में जब शहीदों के परिवार शोक मना रहे थे, तब भारत व पाकिस्तान का मैच धर्मशाला में नही करवाना चाहिए था।इससे इन परिवारों की भावनायें आह्त होती।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि 22 अगस्त 2015 को अनुराग ठाकुर ने एक टविट् में कहा था कि दाऊद कराची में और एनएसए यहां पर अलगाववादियों से मिलना चाहती है। क्या पाकिस्तान शांति बनाने को लेकर गम्भीर है और आप चाहते है कि हम आप के साथ क्रिकेट खेले परन्तु अब बीसीसीआई सचिव ने इस मुदे पर अपने नजरिये को बदल दिया है।
उन्होंनें अनुराग ठाकुर पर नकली राष्ट्रवाद और दोहरे मापदड़ अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि यह वही भाजपा सांसद है जो विपक्ष में रहते हुए भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी प्रकार के क्रिकेट मैच के खिलाफ थे परन्तु अब वे इस मैच की वकालत करते हुए और शहीद सैनिको के परिवारों व पूर्व सैनिको की मांगों को भी अनदेखा कर रहें हैं।
उन्होंनें ने कहा कि क्रिकेट मैच का आयोजन पूर्णत्या व्यवसायिक है और उनका इस मुदे पर बयानवाजी शहीदों का अपमानए पैसे का सम्मान करने की ओर इशारा करता है।
उन्होंनें कहा कि बीसीसीआई ने हिमाचल को भारत और पाकिस्तान के बीच मैच की मेजबानी करने के लिए चुना था क्योंकि हिमाचल को एक शांतिप्रिय राज्य माना जाता हैए परन्तु राज्य का युवा और शहीदों के परिवार इस तरह के किसी भी आयोजन के खिलाफ थे। यहां तक कि भारत सरकार ने भी पाकिस्तान की तरफ से आंतकवादी गतिविधियां बन्द न होने की वजह से विदेश सचिव स्तर की वार्ता को रद्द कर दिया था। ऐसे में भारत पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच का आयोजन कांगड़ा जिला में नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इस प्रदेश से अधिक संख्या में लोग भारतीय सेना में कार्यरत है।
उन्होंनें कहा कि 2010 – 11 में भी अनुराग ठाकुर ने जम्मू कश्मीर तक तिरगां यात्रा निकाली थी और आज उनकी इस तरह कि बयानवाजी करना, क्या ये यात्रा क्या सिर्फ एक दिखावा था। क्योंकि अगर वह अपने इस स्टैंट पर कायम होते तो वह भारत व पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच के आयोजन को कभी भी सही नही ठहराते और न ही बीसीसीआई से इस विषय में तरफदारी नही करते।
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