शिमला। भाजपा के वरिष्ठ विधायक व योजना बोर्ड के अध्यक्ष रमेश ध्वाला ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया हैं। ध्वाला ने सोमवार को सचिवालय में बुलाए संवाददाता सम्मेलन में ज्वालामुखी कालेज में पूर्व में एक प्रवक्ता की नियुक्ति को लेकर सरकार के उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत सिंह को कटघरे में खड़ा दिया हैं। ध्वाला ने कहा कि इस निदेशक ने प्रिसिंपल रहते हुए धांधलियां की व एक प्रवक्ता को गलत तरीके से नौकरी दी। 30 -35 लोगों को पीटीए पर तैनात कर दिया । इसके अलावा भी कई धांधलियां की हैं। जिसे वह आने वाले समय में उजागर करेंगे। उन्होंने निदेशक उच्च शिक्षा अमरजीत सिंह व उनकी ओर से नियुक्त किए इस प्रवक्ता को तुरंत नौकरी से हटाने की मांग कर डाली हैं।
यहीं नहीं ध्वाला ने यह भी कहा कि उन्होंने इस बावत मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्धाज को भी अवगत कराया है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ध्वाला ने कहा कि अगर इन दोनों को नौकरी से न हटाया गया तो वह इस मामले विजीलेंस को भेज देंगे व विधानसभा के बजटसत्र में भी उठाएंगे। ध्वाला के इस कांड के बाद सरकार सकते में हैं।
ध्वाला ने कहा कि ज्वालामुखी डिग्री कॉलेज को सरकार के तहत लाने के बाद यहां
इतिहास प्रवक्ता संजय कुमार की सेवाओं को सरकारी क्षेत्र में अनुचित तरीके से समायोजित किया गया।
उन्होंने अमरजीत सिंह पर पीटीए नियुक्तियां करने में लाखों की धांधली करने का भी इल्जाम लगा दिया। उन्होंने कहा कि एक प्रवक्ता संजय कुमार की नियुक्ति को गलत तरीके से की गई। यह मामला मंडलायुक्त तक भी गया हैं। इस बावत पीटीए कमेटी ने भी संजय कुमार को नियुक्त न करने की सिफारिश की । लेकिन बावजूद इसके मौजूदा निदेशक शिक्षा अमरजीत सिंह ने जो तब ज्वालामुखी डिग्री कालेज में प्रिंसिपल थे, संजय कुमार को नियुक्त कर दिया। उन्होंने कहा कि निदेशक उच्च शिक्षा की एसीआर की जांच होनी चाहिए।
इस बावत शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्धाज ने दिलचस्प जवाब देते हुए कहा कि किसी को हटाने का काम उनका विभाग नहीं करता। यह काम सरकार करती हैं। उन्होंने कहा कि वह अभी चंडीगढ़ में हैं, व उनके ध्यान में मामला नहीं है, जब कुछ सामने आएगा तो देखेंगे। ये पूछे जाने पर कि ध्वाला ने दावा किया है कि इस मामले को वह मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व शिक्षा मंत्री के ध्यान में ला चुके हैं व कोई सुनवाई नहं हो रही हैं। सुरेश भारद्धाज ने कहा कि तब अमरजीत सिंह को शिक्षा निदेशक लगाया जा चुका था। अगर पहले बताते तो वह इसे देखते। इस बावत उन्होंने मामले को शिक्षा व कर्मिक सचिव को भेज दिया था। आगे क्या हुआ उन्हें नहीं मालूम। अगर कुछ करने का होगा तो वह करेंगे।
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