शिमला। भाजापा के नेतृत्व में नव गठित नगर निगम शिमला में वार्ड सभाओं के बैठकों में एक दिलचस्प वाक्या हुआ हैं।बेनमोर वार्ड की वार्ड सभा की बैठक महिला पार्षद किमी सूद की अध्यक्षता में हुई जिसमें गठित दो कमेटियों में से एक कमेटी का सदस्य उनके पति मोहित सूद भी बनाए गए हैं।किमी सूद भाजपा महिला पार्षदों में से ऐसी पार्षद हैं जो निगम चुनावों में मतों के बड़े अंतराल से जीती थी।अब दिलचस्प है कि पत्नी चेयरमैन अधीन कमेटी में पति सदस्य हैं।
मोहित सूद व उनके परिवार की धूमल परिवार से करीबियां हैं । निगम चुनावों में धूमल ने चुनिंदा प्रत्याशियों में से किमी सूद के लिए भी प्रचार किया था।
पार्षद किमी सूद की ओर से मीडिया को जारी विज्ञप्ति के मुताबिक बैठक में दो कमेटियां गठित की गई । पहली कमेटी वार्ड कमेटी गठित की गई । जिसमें पार्षद किमी सूद खुद व निकिता सूद,पूनम लखनपाल,जया शर्मा,मीनाक्षी चौहान,मोनिका गुप्ता, बोध राज, राजेंद्र सहोता,रवि सूद,योगेंद्र पुंडीर,दुष्यंत शर्मा व कुलदीप चौहान शामिल हैं।
इसके अलावा वनाधिकार कमेटी का गठन भी किया गया ।जिसमें चेयरमैन विनोद मारिया के अलावा सदस्यों में पार्षद किमी सूद के पति मोहित सूद,प्रदीप भनोट,सुरजन,नूतन सक्सेना,सुखदीप सहोता,मंजू सूद, आदित्य ,संजीवना,बलविंदर राणा को शामिल किया गया हैं।
नगर निगम शिमला में भाजपा ने बागी कांग्रेस के पार्षद संजय परमार के समर्थन से कब्जा किया था । इससे पहले वामपंथी संजय चौहान सीधे चुनावों में मेयर बने थे। उनकी पत्नी फालमा चौहान भी राजनीति में हैं। चौहान उन्हें निगम की कमेटियों में शामिल करने में कामयाब नहीं हुए थे। बाकी भी जरूर होंगे।
लेकिन किमी सूद ने बतौर पार्षद पति के लिए जगह निकाल ली व वार्ड की ही सही लेकिन किसी कमेटी का सदस्य तो बना दिया। कौन कहता हैं कि पत्नियों का दिल बड़ा नहीं होता हैं।ये अलग हैं कि दलीलें दी जाए कि कमेटी तो वार्ड के लोगों ने चुनी हैं पार्षद का रोल नहीं।
बेशक ये छोटा सा मामला हैं । लेकिन मोदी सरकार ने जिस तरह से परिवारवाद खत्म करने का एलान किया था,वो असरकारक नजर नहीं आ रहा हैं। प्रदेश में धूमल,वीरभद्र से लेकर बाली सभी अपने पुत्रों,पत्नियों व रिश्तेदारों को राजनीति में चमकाने में लगे हैं।ऐसे में पति के लिए छोटा सा ओहदा…… तो बड़ी बात नहीं।
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