शिमला। हिमाचल भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री पद के दावेदारों शांता कुमार,प्रेम कुमार धूमल व जगत प्रकाश नडडा समेत सारे कोर कमेटी के नेता कसौली में कोर कमेटी की बैठक में एकत्रित तो हो गए लेकिन आगामी विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी कौन होगा इस पर असंमजस बरकरार रहा।
भाजपा की आेेर से मोदी सरकार में केबिनेट मंत्री जगत प्रकाश नडडा मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार व इस मामले में वो पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को पटखनी देते आ रहे है। भाजपा में ये भी फुसफुसाहट होने लगी है कि धूमल को दिसबंर में किसी राज्य का गवर्नर बना कर बाहर भेजा जा सकता है।ऐसे में नडडा के लिए रास्ता साफ करने के इंतजाम हो रहे है।
नडडा पिछले एक अरसे से हिमाचल के कामकाज में अचानक दिलचस्पी लेने लगे है व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुुर भी उनका साथ दे रहे है।वो येसब राजनीतिक रणनीति के तहत कर रहे है।
ऐसे में इस महत्वपूर्ण बैठक में शांता-धूमल व नडडा समेत कोर कमेटी के सदस्य शामिल हुए और सीएम के नाम पर चुप्पी साध कर वर्तमान कांग्रेस सरकार की कार्यशैली पर गहरे सवालिया निशान लगाए गए और वर्तमान सरकार को भ्रष्टाचार का पर्यायवाची बताया गया।
बैठक में क्या हुआ इसकी जानकारी पार्टी प्रवक्ता राजीव बिंदल ने विज्ञप्ति के जरिए दी व कहा कि वीरभद्र सिंह निकम्मी सरकार को उखाड़ फैंकने के लिए और मिशन 50 को प्राप्त करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए 11 दिसम्बर को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह हिमाचल प्रदेश का प्रवास करेंगे। सोलन में उनका बूथ स्तर का कार्यकर्ताओं का सम्मेलन होगा।
24 दिसम्बर को प्रदेश सरकार के खिलाफ चार्जशीट राज्यपाल को सौंपी जाएगी और इसके लिए प्रदेश के आम जनमानस से मुद्दे आमंत्रित किए जाएंगे। इस भ्रष्टाचारी एवं निकम्मी सरकार को और इसके काले कारनामोंं को जन-जन तक पहुंचाने का अभियान चलाया जाएगा।
बैठक में नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद शांता कुमार, प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती, सांसद विरेन्द्र कश्यप, विधायक जयराम ठाकुर, राजीव बिन्दल, रणधीर शर्मा, प्रदेश महामंत्री संगठन पवन राणा ने भाग लिया।
अब देखना ये है कि 11 दिसंबर को जब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह हिमाचल आएंगे तो वो क्या करते है। सीएम प्रत्याशी के नाम की घोषण होती है या नहीं।अगर बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार की घोषणा नहीं होती है तो भाजपा मुश्किल में होगी। ऐसे में पार्टी व कार्यकर्ताओं को बुलडोज करने वाला कोई नहीं होगा। सब एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोपेंगे। अगर हो जाती है तो भी मुश्किल में होगी।ऐसे में विरोधी खेमे एक दूसरे को चित करने में पूरी ताकत लगा देंगे।
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