अर्की। अर्की विधानसभा हलके में इन चुनावों में दिलचस्प दंगल होने जा रहा हैं। बीजेपी ने मौजूदा विधायक गोबिंद शर्मा का टिकट काट कर यहां से 23 मई 1967 को गांव पपलोटा में जन्में रतन पाल के रूप में नया चेहरा उतारा हैं और संभवत: मुकाबला क्रप्शन के आरोपों में घिरे व उम्रदराज मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से हैं।वो भाजपा के सचिव भी हैं।
वही वीरभद्र सिंह जिनके बारे में कहा जाता हैं कि उन्होंने 2007 के चुनावों में सोनिया गांधी के रसोइए के बेटे व कांग्रेस के आधिकारिक प्रत्याशी प्रकाश कराड़ के खिलाफ तत्कालीन डीप्टी स्पीकर धर्मपाल ठाकुर की पर्दे के पीछे से पीठ ठोककर बतौर आजाद प्रत्याशी खड़ा कराया व कराड़ को हरा दिया। इसके बाद 2012 के विधानसभा चुनावों में पार्टी के आधिकारिक प्रत्याशी संजय अवस्थी दिल्ली से टिकट का जुगाड़ करने में कामयाब रहे ।अर्की के कांग्रेसी कहते है कि वीरभद्र सिंह ने अपने बेहद करीबी व शिक्षा बोर्ड के पूर्व चैयरमेन एचपीयू में लॉ के प्रोफेसर अमरचंद पाल की पीठ पर हाथ रख दिया वो निर्दलीय खड़े हो गए । नतीजतन संजय अवस्थी की पीठ लग गई।
अब इस बार अभी तक की जानकारी के मुताबिक वीरभद्र सिंह ठियोग से उठकर अर्की से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। भाजपा के रतन पाल व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बीच मुकाबला जो भी हो लेकिन दिलचस्प ये रहेगा कि अर्की कांग्रेस का कौन कौन सा धड़ा क्या करेगा व भाजपा अर्की कांग्रेस की फूट का किस तरह लाभ उठाने में कामयाब रहती हैं।
बड़ा सवाल ये भी हैं कि अर्की में ये दंगल वीरभद्र सिंह के भ्रष्टाचार के आरोपों के इर्दगिर्द घिरेगा या स्थानीय मुददे हावी रहेंगे। सबसे बड़ा मुददा तो बाहरी और स्थानीय का रहने वाला हैं।
रत्नपाल दावा करते है कि वो दस महीने अकी्र में ही रहते हैं व दो या तीन महीनों के लिए सेब सीजन में सोलन जाते हैं। वो कहते भी हैं कि ये गरीब किसान के बेटे की जंग हैं।उनके पिता घराट चलाते थे व रोटी तो आज भी वो उसी के सहारे कमाते हैं। केवल दो तीन महीने के लिए सेब सीजन में सोलन सब्जी मंडी में सेब का कारोबार करते हैं।
उन्होंने कहा कि पपलोटा स्कूल से पांचवी व डुमैहर से आठवीं व भूमति से दसवीं पास कर चंडीगढ़ से प्रेप की पढ़ाई की हैं व 1990 से बीजेपी से जुड गया। चंडीगए़ में पढ़ाई के साथ रोजी रोजी का जुगाड़ भी चलाते रहे।
चूंकि वो नया चेहरा हैं व मौजूदा विधायक गोबिंद राम शर्मा व उनका खेमा कोई दांव चल दें तो इस बावत वो कहते हैं उन्होंने 15 साल तक गोबिंद राम शर्मा का साथ दिया व उन्हें दो बार विधानसभा पहुंचाया। तीन दिन पहले बातचीत हुई थी यही तय हुआ कि जिसे भी टिकट मिलेगा,उसे जीताया जाएगा।उन्होंने कहा कि वो गोबिंद शर्मा से मिलेंगे व पूरा आदर सम्मान दिया जाएंगे। वो आज रात या कल उनसे मुलाकात करेंगे। अर्की भाजपा मिलकर ये चुनाव लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि पार्टी में पहले से निचले स्तर पर रणनीति बनी होती हैं।
छठी बार मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के साथ मुकाबले को लेकर वो कहते है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस मुक्त भारत करने का सपना देखा हैं,ऐसे में उनका मुकाबला कांग्रेस से हैं। प्रत्याशी चाहे कोई भी हो। साथ ही उन्होंने जोड़ा कि उन्हें अभी ये जानकारी नहीं हैं कि यहां मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह कांग्रेस प्रत्याशी हैं।
चूंकि वो नए हैं तो इस सवाल कि वो स्थानीय मसलों पर चुनाव लड़़ेंगे यह मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के क्रप्शन पर,सहम गए ।उन्होंने कहा कि जनता यहां कि सब सिथति को जानती हैं व मौजूदा बिधायक गोबिंद राम शर्मा के कामों को आगे बढ़ाया जाएगा।
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