शिमला।विधानसभा के मानसून सत्र के पहले ही दिन प्रश्नकाल तबाह हो गया। सदन में एक भी प्रश्न नहीं पूछा गया। विपक्षी पार्टी भाजपा के सदस्यों ने किसी और के नहीं मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के ही खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव सदन में पेश कर दिया।जिस पर संदन में जमकर हंगामा हुआ और भााजपा ने सदन से अपना विरोध प्रकट करने के लिए वॉकआउट भी कर दिया । इस बीच विपक्ष के हमले के चलते मुख्यमंत्री रक्षात्मक मुद्रा में आ गए।सदन का करीब सवा घंटा शोकाकुल प्रस्ताव पर ही जाया हो गया जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही का महत्वपूर्ण हिस्सा प्रश्नकाल तबाह हो गया। प्रश्नकाल के दौरान जनता सेे जुड़े मसलों पर सरकार को जवाब देना होता है।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने चार अगस्त को प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डा. यशवंत सिंह परमार की जयंती पर भाजपा विधायकों को लेकर टिप्पणी की थी कि शांता कुमार के बाद भाजपा में कोई भी नेता ऐसा नहीं हैं,जो सदन में बैठने केे काबिल हो।इसके अलावा भी उन्होंने कई कुछ कहा था।
नाराज भाजपा सदस्योंं ने आज इस मसले पर मुख्;मंत्री को बुरी तरह से घेरा व मुख्यमंत्री रक्षात्मक मुद्राा में आ गए। उन्होंने मामले का सारा ठीकरा मीडिया पर फोड़ दिया व कहा कि जिस अखबार में उनकी ये टिप्पणियां छपी है वो झुठी टिपिप्णयां छापने के लिए मशहूर है। सदन में दिलचस्प स्टैंड लेते हुए छठी बार मुख्यमंत्री बने वीरभद्र सिंह ने कहा कि उन्हें तो इस बात का पता भी आज ही चला है कि बीजेपी विधायकों के प्रति उन्होंने ऐसी कोई टिप्पणी की है और वो मीडिया में छपी भी हैै। विपक्ष के नेता प्रेम कुमार धूमल की मौजूदगी में भाजपा सदस्योंं ने अखबारों की वो प्रतियां सदन में लहराई जिसमें उनकी भाजपा विधायकों को लेकर की टिप्पणियां छपी थी।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि वो कभी भी असंसदीय भाषा का इस्तेमाल नहीं करते है।उन्होंने ऐसा कभी नहीं कहा व इन सब बातों की निंदा व खंडन करते है। इस पर चीफ व्हीप व शिमला से भाजपा विधायक सुरेश भारद्वाज ने स्पीकर से आग्रह किया कि वो इस मामले को विशेषाधिकार समिति को भेज दे। वो जांच कर अपना रिपोर्ट पेश कर देगी।
इस पर स्पीकर बृज बिहारी बुटेल ने कहा कि इस छोटे से मामले को सहीं खत्म कर दो। इस पर नाराज विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया व विशेषाधिकार हनन का ये मामला आज यहींं समाप्त हो गया।नेता प्रतिपक्ष धूमल
भाजपा के वॉकआउट कर देने के बाद मुख्यमंत्री ने सदन के पटल पर जीएसटी बिल पेश किया।तब तक भाजपा सदस्य भी लौट आए और बिना किसी तरह की चर्चा की ये बिल सदन में पांच मिनट से कम समय में पास हो गया।
सदन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने दावा किया कि ये बिल यूपीए सरकार की देन है व इससे हिमाचल सरकार पर कई करोडों का बोझ कम हाेेगा।
(0)