शिमला। भाजपा में चुनावी प्रबंधन के महारथियों में से एक पूर्व मंत्री व पूर्व भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल को नगर निगम शिमला के चुनावों के लिए गठित चुनाव प्रबंधन समिति से बाहर रखा गया हैं। नगर निगम चुनावों का प्रभारी पांवटा से भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी को बनाया गया हैं। उनका शिमला से ज्यादा कोई लेना देना नही हैं। इससे बेहतर तो यह होता की भाजपा सुरेश भारदवाज को नगर निगम चुनावों का प्रभारी बना देती। उन्होंने पिछले पांच सालों में शहर में कई कुछ किया था। यह अलग है कि भाजपा आलाकमान ने उनका तमाम किए कराए पर पानी फेर दिया और उनका हलका बदल कर उन्हें कसुम्प्टी से टिकट दिया। वह हार गए थे।
याद रहे पिछले नगर निगम चुनावों में यह बिंदल ही थे जिन्होंने शिमला नगर निगम में पहली बार भगवा लहराने का रिकार्ड दर्ज कराया था। वह कांग्रेस के पार्षद को तोडने में कामयाब हो गए थे। बेशक बाद में भाजपा वामपंथी पार्षदों को तोडने में भी कामयाब हो गई थी और पांच साल तक शिमला नगर निगम में भाजपा ने राज किया था।
यह चुनाव भाजपा ने तब जीता था जब प्रदेश में वीरभद्र सिंह सरकार सत्ता में थी और सुखविंद्र सिंह सुक्खू कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष थे। तब धूमल नेता प्रतिपक्ष हुआ करते थे व उनका जलवा चल रहा था। इस बार मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू हैं और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर हैं। न तो अभी सुक्खू का और नही जयराम का कहीं जलवा चल रहा हैं। ऐसे में यह चुनाव दिलचस्प होने वाला हैं।
यहां यह गौरतलब है कि बिंदल इस बार अपना विधायकी का चुनाव हार गए हैं। इससे पहले वह अर्की विधानसभ उपचुनावों के लिए भी प्रभारी बनाए गए थे, भाजपा वह चुनाव भी हार गई थी। इससे पहले उनकी अगुवाई में सोलन नगर निगम के चुनाव हुए तो भाजपा वहां भी हार गई थी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने 19 सदस्यीय चुनाव प्रबंधन समिति में चौधरी को प्रभारी तो पूर्व सुरेश भारदवाज,चौपाल से भाजपा के विधायक बलवीर वर्मा को सदस्य बनाया हैं। इसके अलावा समिति में शिमला संसदीय क्षेत्र के प्रभारी पुरषोतम गुलेरिया, शिमला संसदीय हलके में सह प्रभारी शिशु भाई धर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव कटवाल, प्रदेश कोषाध्यक्ष संजय सूद, जिला भाजपा प्रभारी रवि मेहता,जुब्बल कोटखाई से पूर्व मंत्री नरेंद्र बरागटा के पुत्र चेतन बरागटा, विजया ज्योति सेन, करण नंदा, अजय श्याम, विजय परमार, अरुण फाल्टा,राजेश शारदा, जितेंद्र भोकटा , महिला आयोग की अध्यक्ष डेजी ठाकुर और दिनेश ठाकुर को शामिल किया गया हैं।
यह समिति निगम चुनावों में कितना उल्टफेर कर पाएगी यह बडा मसला होगा। लेकिन समिति में बलवीर वर्मा को छोडकर ऐसा एक भी शख्स नहीं जो जोड तोड करने की क्षमता रखता हो।
समिति में जयराम बीजेपी का दबदबा ज्यादा है और प्रदेश के प्रभारी अविनाश राय खन्ना और सह प्रभारी संजय टंडन पूर्व मुख्यमंत्री धूमल के करीबी हैं।ऐसे में अगर इन चुनावों के लिए किसी भी तरह से जयराम गुट भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौदान सिंह का दखल कराने में नाकाम रहा तो निगम चुनावों में जयराम गुट का वर्चस्व तबाह हो जाएगा।
याद रहे कि पिछले दिनों ही जयराम ठाकुर सौदान सिंह मिल कर आए थे। कहा जा रहा है उनकी मुलाकात का मजमून संगठन के चुनावों के ईर्द गिर्द ही घूमता रहा था।
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