शिमला। देवकन्या लोथेटा को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा उनकी डाक्यूमेन्टरी फिल्म बिहाइन्ड द बारज के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
यह पुरस्कार उन्हे प्रेस काउसिल आफ इण्डिया के अध्यक्ष न्यायमूर्ति चंद्रमोली कुमार प्रसाद ओैर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एचएल दत्तू की ओर नई दिल्ली में आयोजित एक गरीमामय समारोह में प्रदान किया गया। यह लघु फिल्म देश भर से आई प्रविष्टियों में प्रथम पुरस्कार के लिये चुनी गई।
10 मिनट की लघु फिल्म हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से किये जा रहे जेल सुधार कार्यों पर आधारित है। इस फिल्म में कैदियों के कौशल को विकसित करने के लिये प्रदेश जेल विभाग द्वारा किये जा रहे विभिन्न कार्यों पर प्रकाश डाला गया है।
इसी समारोह में देवकन्या को उनकी एक अन्य लघु फिल्म नो वीमेंस लैण्ड के लिए भी पुरस्कृत किया गया। देवकन्या फिल्म निर्माण के अलावा लेखन में भी क्रियाशील है। उनकी फिल्म नो वीमेंस लैण्ड देश एवं विदेशों में आयोजित विभिन्न फिल्म उत्सवों में कई पुरस्कार प्राप्त कर चुकी
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